कसम तेरे प्यार की (भाग 44)
अब तक आपने पढ़ा नदीम ज़ेबा की शादी से वापस आ गया है,,, बड़ा उदास और फिक्र मंद है,, किस तरहं से ख़ुद को और मां को संभाले,,,,
उधर बड़ी धूमधाम के साथ आतिफ़ की आयशा के साथ सगाई हो जाती है,,, आतिफ मंगनी के फोटो देखते हुए बहुत खुश होता है,,,।
ग्रीन कलर का ग़रारे का सूट पहने हुए आयशा बेहद हसीन लग रही है,,, नानी ने अपनी पसंद से आयशा का सूट खरीदा था।
बहुत ही ख़ूबसूरत गोटे का काम बड़ी बारीकी से किया गया था मंगनी में नानी ने बड़ा खूबसूरत जड़ाऊ सोने का सेट दिया था,, जिसमें आयशा का हुस्न और भी निखर रहा था,,,,,,।
नानी ने पूरी मंगनी में धमाल मचा रखा था,,, और सीमा ने भी दिल भर के भाई की मंगनी में अपने अरमान पूरे किए थे,,, आतिफ़ फोटो देख ही रहा था तभी आयशा का फोन आता है।
वह आति़फ से पूछती है,,, क्या चल रहा है आतिफ़ हम तो तुम्हारे हुस्न के पुजारी हो गए हैं फोटो देख कर दिल नहीं भरता,,,,,,।
हुस्न परी लग रही हो मंगनी में,,,, और हां ऐसे चुपचाप क्यों बैठी थी,,, मेरा दिल तो रह रह कर यही कर रहा था कि तुम्हें अपने साथ ही ले आऊं,,,,,,।
बोलो कल मिलने आ जाऊं क्या अरे ना बाबा,, ऐसे काम ना करो,,, अब मंगनी तो हो ही गई इतनी जल्दी क्या है,,
आतिफ़ वीडियो कॉल करो यार मेरा दिल है तुम्हें देखने का और आज के बाद हमेशा वीडियो कॉल ही करना मैं देखना चाहता हूं मेरी परी इस वक्त कैसी लग रही है,,,।
ओहो तो देखिए जनाब जेबा वीडियो कॉल करती है और आतिफ़ उसे मांगनी के फोटो दिखा कर ख़ुश होता है हर एक फोटो पर नोकझोंक चलती है,,,।
नदीम आयशा से कहता है मैं कब से तुम्हारी तारीफ़ किए जा रहा हूं और तुमने एक बार भी नहीं बताया मैं मंगनी में कैसा लग रहा था,,,,।
आयशा आतिफ़ को छेड़ते हुए कहती है तुम्हें कैसा लगना था जो हो वही तो लगोगे ना,,,,,।
बोलो चुप क्यों हो किस हीरो से मिलती है मेरी शक्ल बताओ ना,,, सैफ, शाहरुख या सलमान,,,
"आयशा अरे तुम्हें नहीं मालूम,,,।"
"मालूम है पर मैं तुम्हारे मुंह से सुनना चाहता हूं,,,,!"
"अब तुम बताओ ना,,,!"
" अरे उसी हीरो से जो उस दिन पेड़ पर बैठा था,,,!"
"बंदर,, ।"
"क्यों हीरो नहीं है क्या वो,,,!"
"आतिफ का हंसते-हंसते बुरा हाल हो जाता है तुम नहीं सुधरोगे अब जरा इज्जत से नाम लो मंगनी हो गई है मुझसे,,,।
ठीक है मैंने कब मना किया पर बंदर तो बंदर ही रहेगा ना,,,, अच्छा चलो ठीक है इज्ज़त से नाम लूंगी अब की बार बंदर जी कहां करूंगी,,, ठीक है ना,,,।
आतिफ,,,, चुप कर पगली,,,,।
कान खोल कर सुन लो तुम भी बंदरिया ही रहोगी,,, दोनों हंसते हैं और फ़ोन रखने का नाम नहीं लेते तभी नानी जान की आवाज आती है,,,।
बंद करो यह बंदर बंदरिया का खेल,,,, इतनी ज़ोर से बातें कर रहे हो मेरा कमरा पास में है यह भी ध्यान नहीं,,,, बड़ी हंसी की आवाजें आ रही है तेरे कमरे से,, अब हमें सोने भी देगा या नहीं,,,,
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए धारावाहिक कसम तेरे प्यार की सीजन 2
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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