कसक तेरे प्यार की भाग 16
अब तक आपने पढ़ा नदीम के दिल में अपने प्यार की कसक उठ रही है,,, वह सोच रहा है,,,, दिल में किसी के प्यार का जलता हुआ दिया दुनिया की आंधियों से भला यह मुझे गा क्या,,,अब आगे 👉
काफी देर के बाद सीमा की नानी जान आती हैं और लड़कियों से कहती हैं तुम कब तक गाना बजाना करती रहोगी आख़िर,,,,।
और नदीम से बोलती हैं जा भाई तुम यहां कब तक बैठे रहोगे जाओ अपने कमरे में जाकर सीमा के मस्ती करो,,,यही तो दिन है तुम्हारे,,,,,, और ज़ोर ज़ोर से हंसने लगती हैं,,,,वह इंतज़ार कर रही होगी,,,।
और नाना जान से कहती हैं,,, देखा नहीं नदीम कितना बेचैन हो रहा है कमरे में जाने के लिए,,, अरे कल ही तो उसकी शादी हुई है तुम लोगों को जरा भी ख्याल नहीं,,,। तुम्हारी बातें ही ख़त्म नहीं होने में आ रही।
और वह नदीम का हाथ पकड़ कर खड़ा कर देती हैं नदीम सीमा के कमरे में जाता है दरवाजा बंद करके सीमा से कहता है मैं यह ड्रामा और नहीं कर सकता मुझे इसी वक़्त अपने घर जाना है।
सीमा कहती है मुझे भी कोई शौक़ नहीं आ रहा तुम्हारे साथ रहने का,,,हर पल कसक भरी ज़िन्दगी,,, मैं भी ऐसे इंसान के साथ क्यों रहूं,,।
दिया ही क्या है तुमने मुझे,, प्यार की कसक और जिल्लत के सिवा,,, शादी की रात किसी औरत को उसका पति यह कहे कि वह उसको पसंद नहीं,,, और उससे प्यार नहीं करता,,,,।
जाने दो तुम नहीं समझोगे एक औरत ही एक औरत के दर्द को समझ सकती है यहां,,, अगर तुम समझ सकते तो ऐसा कहते ही क्यों,,,बेवफाई की सारी हदें पार कर दी है तुमने,,।
ऊपर से मिनट मिनट पर मुझे धमका रहा है मेरी शादी ही एक ड्रामा बन कर रह गई,,,,, जवाब दो क्यों किया तुमने ऐसा मैंने तो तुम्हें दिल से अपना माना है,,,,,,, ।
शादी की है तुमसे ख़्वाबों में तुम्हें और सिर्फ तुम्हें ही देखा है मैंने,,,,,,,, क्यों धोखा दिया तुमने मुझे,,,,,,, क्यों अरमानों पर मेरे पानी फेर दिया ,,,,,,,।
पहली ही रात बसने से पहले ही मेरी दुनिया उजाड़ दी तुमने,,,मुझे और मेरे घर के लोगों को किस बात की सज़ा दे रहे हो,,,।
खत्म करो इस ड्रामे को और अब्बू के पास चलो बता दो उन्हें वह सब कुछ जो तुमने मुझसे कहा है,,, लगा दो उनके अरमान में भी आग जो तुम्हें देखकर ख़ुशी से फूले नहीं समा रहे,,, ।
और तुम्हें देख कर ख़ुदा का शुक्र अदा कर रहें हैं,,,, और मां है कि शुकराना पढ़ते नहीं थक रही,,, ।
कैसे ,,, कैसे कहूं मैं कि तुम्हारी बेटी की दुनिया बसने से पहले उजड़ चुकी है,,,,,।
नहीं है वह खुश,, उसका दिल चकनाचूर हो चुका है उसकी दुनिया लूट चुकी है,,, किसी का अनचाहा प्यार उसकी शादी पर भारी पड़ गया है,,,।
प्यार इंसान को बहादुर बना देता है या फिर बुज़दिल,,, इस वक़्त मां-बाप की मोहब्बत ने मुझे इतना कमजोर बना दिया है मैं तुम्हारी बुजदिली सहने को तैयार हूं,,,,,।
उनकी ख़ुशी की खा़तिर,,,,,,, नहीं दुःख पहुंचा सकती मैं उन्हें सच बता कर,,, सिल गए हैं मेरे होंठ,,,,, इंतज़ार में हूं किसी करिश्मे के,,,,, एक दिन ख़ुदा सब कुछ ठीक कर देगा,,,, चुप हूं इस उम्मीद को दिल में समाए,,,,
तुम्हारे लिए तो यह कहना बहुत आसान है कि मैं नहीं प्यार करता तुम्हें,,, नहीं निभा पाऊंगा एक पति होने का फर्ज,,,।
यह सारी बहादुरी तुमने मेरे सामने ही दिखाई है काश इतने बहादुर होते यह शादी रोक देते,,, और हासिल कर लेते अपना प्यार,,,,,,,।
चलो अब दिखाओ बहादुरी कह दो मेरे बाप से जाकर,, वो सब कुछ जो तुमने मुझसे कहा है,,, चुप क्यों बैठे हो उठो और उनके अरमानों पर भी पानी फेर दो,,,।
आगे की कहानी जानने के लिए पर तेरा ही धारावाहिक कसक तेरे प्यार की,,,
👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉 क्रमशः
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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