कसक तेरे प्यार की भाग ( 37)
अब तक आपने पढ़ा नानी जान और दादी जान दोनों मिलकर आतिफ के लिए लड़की ढूंढ रहे हैं आखिर उन्होंने आतिफ से उस लड़की का नाम जान ही लिया जिससे वह शादी करना चाहता है अब आगे, 👉
दादी जान अपने बहू और बेटे को बुलाती हैं और आतिफ की शादी के लिए आयशा का नाम बताती हैं।
वह दोनों कहते हैं वैसे तो देखी भाली लड़की है आज घर पर बुला लो,, इस नज़र से भी देख लेते हैं,,, और हां सीमा यह ज़रूर पूछ लेना कि वह किसी और से तो शादी करना नहीं चाहती,,, ।
ठीक है,,,, अब्बू जान इस बात का पता लगाना तो बहुत ज़रूरी है आखिर उसके दिल में क्या है,,,।
सीमा आयशा को फोन करके घर पर बुला लेती है,,, आयशा शाम को सीमा के पास मिलने आ जाती है घर में खुशी का माहौल है।
पर आयशा को सीमा के बारे में पता चलता है वह बहुत उदास हो जाती है कहती है तूने इतनी बड़ी बात मुझसे छुपाई,, आखिर मैं तेरी दोस्त हूं अपना दर्द क्यों नहीं बांटा मेरे साथ क्या मैं इस काबिल भी नहीं कि परेशानी के वक्त तेरे साथ खड़ी हो सकूं,,,,,।
सीमा छोड़ ना यार अब इन बातों का वक़्त नहीं,,, तभी आतिफ़ आता है बहुत सा नाश्ता और कोल्ड ड्रिंक सभी कुछ बहुत ही जिम्मेदारी से टेबल पर लगवाता है,,,,।
नानी जान हंसते हुए अरे इसको क्या हो गया,,, यह कब से इतना समझदार हो गया,,, आतिफ मुस्कुराते हुए आप लोग बातें कर रहे थे ना इसलिए मैंने सोचा गीता से सब चीजें मैं ही लगवा दूं,,,,,।
नानी हां हां जैसे हम तो भूल ही गए थे,,, आयशा की खा़तिर आवाज़ों में कोई कमी नहीं होनी चाहिए,,,।
देखो आतिफ़ ने जब से सुना है,, आयशा आने वाली है कितना खुश दिखाई दे रहा है,,, अरे यह चॉकलेट पेस्ट्री किस लिए हमें तो यह फ्लेवर पसंद नहीं है,,,,।
"नानी वह आयशा को,,, ।"
"आतिफ को बीच में टोकते हुए,,,सीमा कहती है ओ हो तो बात यहां तक पहुंच गई,,,।"
"आयशा अब तुम भी कुछ बोलो ना यह सब कब से चल रहा है,,,,।"
"आयशा का चेहरा शर्म से लाल हो जाता है,,, मुस्कुरा कर नज़रें नीची कर लेती है,,, !"
"और नानी अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आती,,,,!"
और आयशा को देखते हुए कहती हैं,,,,
"हुस्न से चांद भी शरमाया है
तेरी सूरत ने गजब ढाया है,,,!"
"और सब लोग ज़ोर ज़ोर से हंसने लगते हैं,,, !"
"आतिफ की अम्मी कहती हैं अरे भाई इतना परेशान मत करो मेरी आयशा को,,, !"
"दादी जान ओहो यह कब से तुम्हारी हो गई,,, पहले इसको हमें अपना तो बनाने दो उसके बाद तुम्हारी होगी,,,!"
"हंसी मज़ाक का दौर चलता रहता है,,,!"
"अब आयशा अपने घर जाने को उठती है,,,।"
" नानी आयशा से कहती हैं अरे आतिफ छोड़ आएगा,, तुझको,,!"
"आतिफ़ आयशा को पहुंचाने के लिए गाड़ी निकालता है,,!"
रास्ते में आयशा से आतिफ क्या बात करता
यह जानने के लिए पढ़ते रहिए धारावाहिक कसक तेरे प्यार की पार्ट टू,,,।
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मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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