कसक तेरे प्यार की (भाग 27)
अब तक आपने पढ़ा नदीम सीमा को तलाक देकर बहुत रिलैक्स है पर यह बात उसने जेबा को नहीं बताई और रोज़ाना वह एक दूसरे से मिलते हैं,,,,,,,,,अब आगे 👉
जे़बा रोज़ाना ही नदीम से मिलती है वे यहां एक कॉलेज में प्रोफेसर है घर के लोग लखनऊ में रहते हैं और वह कॉलेज कैंपस में ही रहती है कॉलेज स्टाफ के अलावा उसकी दोस्ती नदीम से है वह कॉलेज के बाद ज्यादातर वक्त नदीम के साथ ही बिताती है,,,,,,,।
इकलौता दोस्त होने की वजह से कॉलेज के बाद ज्यादातर वक्त उसका नदीम के साथ ही बीतता है नदीम ने भी उससे शादी करने का वादा कर रखा था जब नदीम ने सीमा से शादी कर ली थी तो ज़ेबा बहुत रोई थी बड़ी मुश्किल से उसने ख़ुद को संभाला था,,,,,,,, आज नदीम उसको साथ लेकर फिल्म देखने गया था,,,।
दोनों बहुत ख़ुश हैं नदीम सोचता है चलो मेरे रास्ते का कांटा निकला,, रोज़-रोज़ की सिर दर्दी से मैं भी तंग आ चुका था अब वह फैक्ट्री के बाद सीधा ज़ेबा के साथ ही घूमने निकल जाता है,,, ।
जे़बा कभी-कभी सीमा के बारे में नदीम से पूछती है और कहती है अरे भाई किसी दिन सीमा को भी लेकर आओ,,, और बताओ ना यार उसको भी आख़िर हम भी दोस्त हैं तुम्हारे,,,।
तो नदीम हंसकर कहता है,,, हां भाई एक दिन लेकर आऊंगा उसको तुम्हारे पास,,, अभी तो वह अपने मायके गई हुई है,,,,,, तुम्हें चिढ़न नहीं होती उससे,,,। आखिर उसने तुम्हारे होने वाले पति को छीना है,,।
जेबा कहती है अब जो होना था सो हो गया,,, इसमें गलती तो तुम्हारी ही है,,, मैं अब क़िस्मत को मानने लगी हूं,,, अगर तुम मेरी किस्मत में लिखे होते तो तुम्हें कोई नहीं छीन सकता था,,,।
पर मैं क़िस्मत को नहीं मानता इंसान अपनी किस्मत को ख़ुद लिखता है,,,।
नदीम ज़ेबा को बताने ही वाला था,,, तभी ज़ेबा की अम्मी का फोन आ गया,,,,।
नदीम सोचता है एक अच्छा वक़्त आने पर जे़बा को बता दूंगा,,,,ज़ेबा भी यह जानकर बहुत ख़ुश होगी,, हमारे रास्ते का कांटा अब नाकल चुका है,,,,।
वह अब जल्द ही शादी करना चाहता है,,पर उसकी इच्छा है,,, कि घर के लोग अपनी रजा़मंदी से यह शादी करें अभी तो वह लोग सीमा की वजह से नदीम से कुछ नाराज़ चल रहे हैं,,,।
सीमा के चले जाने के बाद नदीम की अम्मी भी बड़ी सुस्त हो जाती हैं उन्हें बार-बार सीमा की याद आती है कुछ ही महीनों में सीमा ने सबका दिल जीत लिया था वह सब का इतना ख़्याल रखती थी कि हर कोई उसको याद कर रहा था,,,,।
वह अपने दिल में सोचती हैं बहुत बुरा हुआ इस लड़की के साथ,,,,,।
उधर वसीम भी बार-बार मम्मी के साथ बैठकर सीमा का जिक्र करता है,,,,, अम्मी जान भाई ने अच्छा नहीं किया जब भी उनका चेहरा मेरी आंखों के सामने आता है मैं परेशान हो जाता हूं,,,,,।
कितना कुछ सहना पड़ा उनको हमारे घर फिर भी सबके सामने हंसती रहीं,,,,।
मेरे सामने भी भाई कई बार भाभी से बेवजह लड़ाई करते थे,,,,,,।
"मैंने भी बहुत बार समझाया नहीं माने,,, ।"
"अम्मी कहती हैं किस्मत में यही लिखा था क्या करें,,, !"
"खुदा उस लड़की की किस्मत बहुत अच्छी करें,,,!"
"अपना ही सिक्का खोटा निकला,,, अब देखो सीमा को तलाक देकर, खुश हो रहा है,,,!"
और सीमा को बेवजह तलाक़ का कलंक सहना पड़ रहा है इससे तो अच्छा था उसकी शादी न होती,,,।
नदीम अब जल्दी से जल्दी ज़ेबरा से शादी की बात करने वाला है,,,।
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए धारावाहिक कसक तेरे प्यार की,,,,,से
👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉 क्रमशः
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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