कसक तेरे प्यार की सीज़न टू (भाग 61)
अब तक आपने पढ़ा नदीम की शादी तय हो रही है वसीम और सीमा हनीमून से आज लौट रहे हैं,,,
अब आगे 👉
नदीम तैयार हो कर गाड़ी निकालते हैं और शाम को नदीम खुद एयरपोर्ट दोनों को लेने के लिए जाता है,,,,।
वसीम और सीमा नदीम को देखकर बहुत ख़ुश होते हैं वसीम नदीम से कहता है भाई जान मैं बहुत खुश हूं जो आप हमें लेने के लिए आए,,,,,।
नदीम कहता है मैं भी बहुत खुश हूं एक खुशख़बरी तुम्हें मैं यहीं सुनाना चाहता हूं मेरी शादी भी फिक्स हो गई है
जिस लड़की को मैं चाहता था अब उसी से मेरी शादी हो रही है फिर वह सीमा की तरफ़ देख कर कहता है मैं बहुत शर्मिंदा हूं मुझे हो सके तो माफ़ कर देना ,,,,,,।
जब आप किसी के प्यार में होते हैं तो सही और गलत का फ़ैसला करना मुश्किल हो जाता है,,, तुम एक समझदार लड़की हो समझ सकती हो,,,, उस वक्त मुझ पर क्या बीत रही होगी,,,,,।
सीमा नदीम से कहती है एक बुरा सपना समझकर भूल जाइए जैसे मैंने भुला दिया,,,, मैं तो सिर्फ़ यह याद रखती हूं कि आप वसीम के बड़े भाई हैं,,,।
वसीम ख़ुश होकर कहता हैं यह तो बहुत अच्छी बात है हां वह शादी के लिए तैयार हो गई है,, अगले हफ्ते हमारी शादी है,,,,,,।
मैं तुम लोगों के आने का एक-एक दिन गिन रहा था,,, वसीम भाई को छेड़ते हुए कहता है ओहो तो आपके यह गाल इसीलिए लाल लाल हो रहे हैं,,,,,।
और नदीन कहता है चुप कर तू बहुत बोलने लगा है,,,
सीमा के आते ही शादी की तैयारियां जोर पकड़ लेती हैं और सब लोग खुशी खुशी तैयारियों में लगे हैं और आज वह दिन भी आ गया जब नदीम की दुल्हन भी शादी हो कर अपने घर आ चुकी है,,,,।
नदीम दुल्हन को लेकर अम्मी जान के पास बैठा है,,, मुंह दिखाई की रस्म चल रही है सब औरतें बहुत तारीफ़ कर रही हैं और नदीम की अम्मी से कहती हैं आपकी दोनों बहुएं ही बहुत कमाल की खूबसूरत है बहुत देखभाल कर आपने लड़कियां चुनी है दोनों बेटों के लिए,,
सब लोग अपने अपने घर चले जाते हैं दुल्हन को भी उसके कमरे में पहुंचा दिया जाता है जैसे ही नदीम दुल्हन के कमरे में जाता है,, वसीम अपनी छेड़खानी की आदत से बाज नहीं आता वह चुपके से गाना चला देता है,,,
चौदहवीं का चांद हो या आफ़ताब हो,
जो भी हो तुम खुदा की क़सम लाजवाब हो,,,
नदीम दुल्हन का घुंघट उठाते हुए कहता है,,,, वा़कई तुम चौदहवीं का चांद हो,,, बेहद ख़ूबसूरत लग रही हो,,, तुम
तुम जदोनों बहनों की शक्ल इतनी ज़्यादा मिलती है की शादी में मैं तुम्हें देख कर धोखा खा गया था,,, और तुम्हें जे़बा ही समझ लिया था,,, वह हंसते हुए कहती है आपने कोई धोखा नहीं खाया था वह जे़बा ही थी ,,,,और धोखा तो आपको आज भी हुआ है,,,,
क्या मतलब है तुम्हारा क्या कहना चाहती हो खुल कर कहो,,,।
उस दिन भी आप जेबा से मिले थे और आज आपकी बीवी भी ज़ेबा ही है,,,
नदीम क्या मतलब है तुम्हारा क्यों मुझे पागल बनाने पर तुली हो मैं अब तुम्हारी किसी बात में नहीं आने वाला,,,।
जेबा नदीम का हाथ अपने हाथ में लेते हुए कहती है मेरा यकीन करो मैं जेबा हूं और शादी मेरी जुड़वा बहन की थी जिसमें तुम आए थे,,।
नदीम की आंखें फटी रह जाती हैं और वह निकाह जो मैंने अपने कानों से सुना था,,,,,,।
जेबा कहती है तुमने बिलकुल ठीक सुना था हम दोनों के नाम भी एक जैसे हैं वह जे़बा निगार है और मैं जेबा परवीन,,,,, घर में उसको दीबा और मुझे ज़ेबा कहा जाता है,,, ।
नदीम को यकीन ही नहीं आता किस्मत उस पर इस तरहां भी मेहरबान हो सकती है,,,।
उधर धीमी आवाज में गाना चल रहा है,,,,,
तुझे जीवन की डोर से बांध लिया है
बांध लिया है तेरे ज़ुल्मो सितम सर आंखों पर
मैंने भी बदले में प्यार के प्यार किया है
तेरी खुशियां और ग़म सर आंखों पर,,,
------समाप्त-------
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मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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