कसक तेरे प्यार की,,,(भाग 36)
अब तक आपने पढ़ा सीमा और नानी आतिफ की शादी के लिए लड़की ढूंढ रही हैं पर आतिफ को कोई लड़की पसंद नहीं आ रही अब आगे,,, 👉
अरे अरे यह क्या कर रही है आप मुझे नहीं करनी उससे शादी,,।
नानी,,," तो क्या फू़फी जान की बेटी से करेगा,,,!"
" सीमा हां वही ठीक रहेगी,,, बहुत खूबसूरत है सब लोगों को पसंद भी है,,,!"
"अरे आप क्यों रिश्तेदारों के पीछे पड़ गई,,, और लड़कियां दुनिया से गायब हो गई है क्या,,,,।"
नानी,,,, "क्यों इन में क्या बुराई है,,,।"
" अरे सब बहुत अच्छी हैं,, मैं कब बुरा कह रहा हूं इनको,,, मैं तो नानी की पसंद से शादी करूंगा,,!
सीमा,,," हां हां वही तो पसंद कर रही हैं यह लड़कियां,, ,,,।"
"मेरी प्यारी नानी,,,, और दिमाग़ चलाओ रिश्तेदार नहीं चाहिए,,, ।"
"अरे इतनी बड़ी दुनिया में मैं कहां से लड़की ढूंढ कर लाऊं मैरिज ब्यूरो में नाम लिखवाए देती हूं,,, !"
सीमा हां यह बिल्कुल ठीक रहेगा,,,,,!"
"अरे आपा ,, मैरिज ब्यूरो में नाम लिखवाने की क्या ज़रूरत है,,,।"
"फिर हम क्या करें नानी एक और पान मुंह में रखते हुए गोल गोल आंखें मटका कर बोली,,,!"
"वह परी कहां से लाऊं तेरी दुल्हन जिसे बनाऊं
गोरी कोई पसंद ना आए तुझको,,,,,!"
नदीम दादी के पैर दबाते हुए दादी आप को सब पता है आपके पास तो उम्र भर का एक्सपीरियंस है,,,!"
"फिर ऐसी बातें क्यों कर रहीं हैं!"
" नानी हंसते हुए,,, फिर रुक जा कमरे में से अपनी दादी को बुला,,, हम दोनों मिलकर कुछ सोचते हैं,,, कोई हिंट्स तो दे हमें,,,,,,।"
आतिफ हंसता हुआ नानी से बोला,,,,अरे नानी आपा की शादी में कितनी लड़कियां आईं थीं वो भी तो सब अच्छी थीं,,,।
"पर शादी तो किसी एक से ही होगी,,,!"
"सब लोग हंसने लगते हैं,,"
"इतने में दादी जान भी वहां पर आ गईं,,, अरे क्या चल रहा है,,, कोई मुझे भी तो कुछ बताएं !"
कुछ नहीं आतिफ के लिए लड़की की तलाश है,,,।"
"अब तुमने कोई पसंद कर रखी है तो बताओ,,,!"
" अरे इससे क्यों नहीं पूछतीं,,, पसंद किए बैठा होगा यह भी किसी ना किसी को,,,,!"
" नानी अरे वाह तू तो बहुत समझदार निकली मेरी दोस्त,,, हम भी जब से इसी के मुंह से नाम निकलवाने की कोशिश कर रहे हैं,,,!"
दादी जान ने हंसते हुए नानी जान से कहा वैसे नाम तो हम दोनों को ही पता है,,,,, कहां अटकी है इसकी नज़र सब जानते हैं,,,,"
"सीमा की शादी में देखा नहीं कितनी खा़तिर हो रही थी उसकी,,, और वह भी चिड़ियों की तरह चहकती हुई इसके आगे पीछे डोल रही थी,,,।"
आतिफ हंसते हुए कहता है ठीक है फिर आपको पता है तो इतना ड्रामा किस लिए,,, !"
दादी आतिफ के मुंह पर एक प्यार भरा चांटा मारते हुए कहती हैं,,।
" कह क्यों नहीं देता आयशा से शादी करनी है तुझे,,,,,!"
"आतिफ,,, जब आपको पता है तो बात को इतना घुमा क्यों रहे हैं सब लोग हां मुझे आयशा बहुत पसंद है,,,!" "सीमा ये हुई ना बात ,,,।"
"हां मेरी प्यारी दोस्त मेरी भाभी बन जाए इससे अच्छी और क्या बात है अभी बात करते हैं सब लोग मिलकर,,,
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहे धारावाहिक कसक उसकी,,,,,,,
👉👉👉👉👉👉 क्रमशः
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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