कसक तेरे प्यार की सीज़न टू (भाग 57)
अब तक आपने पढ़ा नदीम सेवर को बताता है किसी मां की शादी वसीम के साथ हो रही है अब आगे 👉
नदीम जेबा से फ़ोन पर बात कर रहा है,, तुम सुनना चाहती हो तो सुनो,,,,,,।
" मैं तुम्हें किस तरह समझाऊं,,, कि इस दुनिया में मैं अकेला हूं ,,,,मुझे सबने ठुकरा दिया है मुझे मेरे किए की इतनी बड़ी सज़ा मिल चुकी है कि अब मैं जीना नहीं चाहता,,,,,,।
जेबा कहती है अरे इतने मायूस ना हो,,,,
छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए
यह मुनासिब नहीं ज़िंदगी के लिए
प्यार से भी ज़रूरी कई काम है
प्यार सब कुछ नहीं ज़िंदगी के लिए
इस तरहां हिम्मत नहीं हारते,,,,,,,,,,, कोई ना कोई रास्ता निकल आएगा,,,,,, अपने अम्मी अब्बू की ख़ुशी के लिए जहां वह कहते हैं वहां शादी कर लो,,,,,,।
जो हो गया उसको भूल जाओ और नई जिंदगी शुरू करो जिंदगी बहुत ख़ूबसूरत है इस तरहां बर्बाद ना करो,,,!"
अब मुझ में हिम्मत नहीं कि मैं अम्मी को यह बता सकूं के मैं जिससे प्यार करता था उसकी शादी हो चुकी,,,,,,।"
जेबा तुमने हर बार यही ग़लती की है अपने प्यार का जिक्र नहीं किया अपनी मां से,,,,, फिर मेरे सामने जिक्र नहीं किया कि तुम सीमा को तलाक दे रहे हो वरना मैं कभी तुम्हें तलाक नहीं देने देती,,, ।"
और तीसरी ग़लती तुमने यह कर डाली कि बताया नहीं जिसे तुम प्यार करते हो उसकी शादी हो चुकी है,,, ।
अगर तुम यह बात बता देते अपनी अम्मी जान को तो वह कभी भी सीमा से वसीम का रिश्ता नहीं करती,,,।
नदीम,,," तो तुम ही बताओ अब मैं क्या करूं,,,!"
" अपने आप को ख़त्म कर देने के सिवा मेरे सामने कोई रास्ता नहीं,,,!"
"मम्मी की तरफ देखता हूं तो कमज़ोर पड़ जाता हूं वरना कबका खुद को खत्म कर दिया होता,,,,।"
जेबा,,,," रुको हम कुछ सोचते हैं मैं एक-दो दिन बाद तुम्हें मैसेज करूंगी मेरे मैसेज का इंतजार करना,,,!"
और तुम्हें मेरे प्यार की क़सम तुम अपने आप को कोई नुकसान नहीं पहुंचाओगे,,,।
बस दो-चार दिन किसी तरहं निकाल लो फिर मैं तुमसे बात करती हूं,,,
वसीम की शादी सीमा से हो गई है और वह दुल्हन बनकर वसीम के घर आ चुकी है,,,,,।
मेहमानों से घर भरा है चहल पहल और गाने बजाने की आवाजें घर में गूंज रही हैं,,, ढोलक के साथ साथ यह गाना खूब जोर-जोर से गाया जा रहा है,,,,
बन्ना जीत लाया रे ससुराल गलियां
उसके लंबे लंबे गेसू रसीली अखियां,,,
क्रीम कलर की शेरवानी में वसीम बेहद खूबसूरत लग रहा है,,,,, उधर दुल्हन का कमरा सजा दिया गया है,,,, सीमा को कमरे में ले जाकर बिठा दिया जाता है,,, ।
सीमा का दिल किसी अनजाने भय से कांप रहा है उसे याद आ रही है नदीम के साथ बीती वह पहली रात,,,
उसका चेहरा पसीने से सराबोर हो जाता है तभी वसीम कमरे में आता है,,,,, सीमा को दुल्हन के जोड़े में सजा संवरा देखकर वह भौंचक्का रह जाता है,,,,।
उसको लगता है जैसे एक साथ हज़ारों सितारों के साथ चांद धरती पर उतर आया है,,,,, लंबे से घुंघट में झांकता हुआ सीमा के चेहरे की खूबसूरती देख वह दीवाना हो गया
सीमा के करीब बैठते हुए उसका घूंघट उठाता है और ख़ूबसूरत सी हीरे की अंगूठी उसके हाथ में पहनाते हुए कहता है तुम इतना डरी हुई क्यों,,,,।
" कुछ नहीं ऐसे ही कुछ याद आ गया,,,,,।"
वसीम मैं तुम्हारे दिल की हालत समझ सकता हूं पुरानी बातों को बिल्कुल भूल जाओ और यह बताओ अंगूठी कैसी लगी ,,,,,,, ।
तुम्हारे हुस्न के सामने यह अंगूठी भी मुझे फीकी लग रही है,,, और सीमा को बांहों में भरते हुए वसीम कहता है इस घड़ी का कब से मैं इंतज़ार कर रहा था,,, ।
मुझे अपनी क़िस्मत पर नाज़ है कि तुम मेरी शरीके हयात बनकर आज मेरे साथ हो,,,,,,।
वह सीमा के हाथों को अपने हाथों में लेकर,, कहता है
अब तो है तुमसे हर खुशी अपनी तुम पर मरता है जिंदगी अपनी,,, सीमा वसीम के होठों पर उंगली रख देती है आज के बाद मरने बढ़ाने की बातें मेरे सामने ना करना मज़ाक में भी नहीं,,,,,।
वसीम जोर से हंसता है और सीमा से कहता है तुमने अपना वादा नहीं निभाया,,,,,, सीमा बड़ी-बड़ी आंखें उठाकर वसीम को देखती है ,,,,,।
वसीम भूल गई क्या तुमने वादा किया था कि तुम शादी की पहली रात मुझे कोई गाना ज़रूर सुनाओ गी,,, सुनाओ ना प्लीजु अभी इसी वक्त,,,।
सीमा नज़रें नीची कर लेती है अचानक उसको मज़ाक सूझी और वह,, हंसते हुए गाना गाती है,,,,,
बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है मेरा महबूब
आया है,,,,, मेरा महबूब आया है,,, बहारों फूल बरसाओ
वसीम सीमा को अपने क़रीब लाते हुए कहता है तुम्हारी आवाज़ में जादू है कितना बढ़िया गाना गाती हो,,,
और सीमा उसकी आंखों में देखते हुए अपना हर ग़म भूल जाती है और उसे लगता है कि वह दुनिया की सबसे भाग्यशाली लड़की है जो उसको इतना अच्छा हमसफर मिला,,
आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए धारावाहिक कसम तेरे प्यार की सीजन टू ,,,,
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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