कसक प्यार की,,(भाग-1)
यह धारावाहिक पूर्णतः मौलिक धारावाहिक है और इस धारावाहिक में एक ऐसी लड़की और एक ऐसे लड़के की कहानी दिखाई गई है जिनके पास सब कुछ होते हुए भी प्यार की कसक उन्हें जीने नहीं देती,, हर लम्हा उनके दिल में एक कसक उठती है,, अपने प्यार के लिए,,, तो शुरू करते हैं,,,,
धारावाहिक कसक प्यार की,,,
घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं मंढे की रसम के बाद क़रीबी रिश्तेदार घर में ही जमा थे,,, गाने बजाने और ढोलक की आवाज़ के साथ झूमते लड़के लड़कियां
ख़ूबसूरत समा बांध रहे थे,,,,,,।
सीमा अपने कमरे में सहेलियों के साथ बैठी हुई गाने की आवाज़ पर मुस्कुरा रही थी तभी दीपा, आयशा और कुसुम उसे अपने साथ उठाकर ले गईं,,,,,, "यह क्या तमाशा है",,,,,,,,
"भाई शादी तुम्हारी है और नाच रही है दुनियां",,,, "तुम भी तो थोड़ा नाच कर दिखाओ ताकि हमें भी पता चले कि तुम्हारे दिल में कितने लड्डू फूट रहे हैं,",,,,,, और "सीमा खिलखिला कर हंसने लगती है",,, सहेलियों के सामने उसकी एक न चली और उसे सबके साथ डांस करना ही पड़ा वैसे वो भी दिल में सोच ही रही थी काश अपनी शादी में वह भी ख़ूब धमाल मचाए और गाना बजते ही वह जमकर सहेलियों के साथ नाची।
तुम पास आए यूं मुस्कुराए दिल ने ना जाने क्या सपने दिखाए,,अब सोए हैं ना जागे है,,, क्या करूं हाय कुछ कुछ होता है,,,
यह गाना चल ही रहा था कि "नानी जान मुंह में पान दबाते हुए बोली",,,
"अरे लड़कियों यह क्या बकवास गाना लगाया है इस वक़्त",,,
"अगर नाचना ही है तो ऐसा गाना लगाओ दो चार यादगार ठुमके गोया हम भी अपने हीरो के साथ शादी में लगा लें,",,,
"एक ही तो नातिन है हमारे,,,, !"
और नानी जान की फ़रमाइश पर गाना लगाया गया,,,
मेरी छम-छम बाजे पायलिया
आज मिले हैं मेरे सांवरिया
मेरी छम-छम बाजे पायलिया,,,
बड़ी मुद्दत में दिल के सहारे मिले
आज डूबे हुओं को किनारे मिले
कभी मुस्कुराए हम कभी शर्माए हम
कभी नैनो की छलके गागरिया
मेरी छम-छम बाजे पायलिया
चांद तारों के गहने पहना दो मुझे
कोई आकर दुल्हनियां बना दो मुझे
नहीं बस में जिया कैसा जादू किया
पिया आज हुई मैं तो बांवरिया,,
मेरी छम- छम बाजे पायलिया,,,😃😃😃😃
डांस और गाने के साथ साथ ठहाकों की आवाजों से पूरा हॉल गूंज रहा था,,,,
सीमा के साथ-साथ नानी जान और नाना जान का डांस भी देखने के का़बिल था,, फिर तो ऐसा रंग जमा अम्मी अब्बू ,मामा मामी, चाचा जान चाची जान ,और घर के सभी बड़े ज़बरदस्ती बीच में खींच कर लाए गए,,,, और वह धमाल हुआ कि बस कुछ ना पूछो,,,,,।
बीच-बीच में नानी जान चिल्ला चिल्ला कर कह रही थीं "फोटो खिंचवाते रहना,,,,!"
"अरे मेरी तरफ़ कैमरा क्यों नहीं होने दे रहा है,,,,,।"
"जा नीलू पर्स में से मेरा फोन उठाकर ला"
" मैं इनके भरोसे नहीं अपनी सेल्फ़ी लेती रहूंगी,,!" "कभी पता चले पूरी मूवी में से मैं ही गा़यब हूं,,,!"
"कोई भरोसा नहीं इनका,,,।"
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहे धारावाहिक कसक प्यार की,,,,
👉👉👉👉👉👉👉👉👉
मौलिक रचना
सय्यदा खा़तून,,, ✍️
---------🌷---------
मेरे प्यारे रीडर्स, साथियों और दोस्तों मैंने सार्थक समीक्षाओं का हमेशा स्वागत किया है धारावाहिक के विषय में समीक्षाओं द्वारा अपने विचारों से अवगत अवश्य कराएं,,,, मुझे इंतज़ार रहेगा,,, आपकी पसंद नापसंद धारावाहिक के विषय में विशेष अहमियत रखती है आपकी सराहना लेखक की लेखनी में चार चांद लगा सकती है,,,, 👌🌹🌷