कसक तेरे प्यार की,,,(भाग22)
अब तक आपने पढ़ा सीमा की तबीयत ख़राब देखकर सीमा की सास कहती हैं,,,,, "यह तो ख़ुशी की बात है,,।"
"पर सीमा अम्मी को बताती है ऐसा कुछ नहीं है जैसा आप सोच रहीं हैं,,,!,"अब आगे 👉
"लेकिन वह कहती हैं,,,,!"
"औलाद तो क़िस्मत वालों को ही मिलती है,,,,!"
" और हम लोग तो कब से किसी नन्हे मुन्ने का मुंह देखने का इंतज़ार कर रहे हैं,,,।"
"सीमा की आंखों में आंसू आ जाते हैं अम्मी जान से लिपट कर रोने लगती है,,, !"
"और पूछने पर सब बात बता देती है!"
" अम्मी को सुनकर बहुत गुस्सा आता है।"
"वह उससे कहती हैं आने दे इसको मैं पूछती हूं इससे,,,!"
" यह सब शादी के वक़्त क्यों नहीं बोला,,,।"
"उसको कोई हक़ नहीं किसी लड़की को इस तरहां परेशान करने का,,,, ।"
"मैं देखती हूं कैसे करेगा दूसरी शादी,,, क्या शादी को खेल समझ रखा है,,,।"
कल छुट्टी का दिन है मैं इत्मीनान से तेरे अब्बू के साथ दोपहर में इससे बात करूंगी तू बिल्कुल फ़िक्र ना कर हम सब तेरे साथ है ना,,,।
अगले दिन नाश्ते के बाद नदीम फिर बाहर जाने के लिए तैयार होता है अम्मी कहतीं हैं आज तो छुट्टी है कहां जा रहा है,,,,,,,,।
कुछ नहीं ऐसे ही एक दोस्त से मिलना था,,,,।
अम्मी जान कहती हैं छुट्टी का दिन है तो सीमा को ले जा यह भी तेरे साथ घूम आएगी,,,,।
नदीम कहता है मेरे पास घूमने घुमाने का टाइम नहीं है,,,,। अम्मी जान कहती हैं मैं देख रही हूं तू सीमा का बिल्कुल भी ख़्याल नहीं रखता,,,,,।
मैं सब जानती हूं तू किस दोस्त से मिलने जा रहा है,,,।
सीमा ने सब कुछ बता दिया है,,,,,,किस तरहां तू उसको पहली रात से ही तंग कर रहा है,,,।
मैं तुझसे जानना चाहती हूं आखि़र वजह क्या है,,,।
तू अगर किसी से प्यार करता था तो तूने बताया क्यों नहीं "क्यों की सीमा से शादी,,,!"
" सुनकर नदीम बौखला जाता है!"
" उसे सीमा से यह उम्मीद नहीं थी,,,,,।"
"वह सीमा की तरफ़ देखता है,,,, !"
"सीमा अम्मी जान के पास बैठी रो रही होती है,,, ।"
"और कहती है अम्मी जान आपने इनकी पसंद की शादी क्यों नहीं की,,, !"
"यह मुझे पसंद नहीं करते ना ही मुझसे बात करते हैं,,,,।"
"अब नदीम गुस्से से बौखला जाता है और अम्मी जान से कहता है,,,,,,!"
" हां हां नहीं करता मैं इसे पसंद,,,!"
" मैं किसी और को प्यार करता हूं,,,,।"
"अब जब के इसने कह दिया है तो आप सुन लें यह जबरदस्ती मेरे माथे मढ़ी गई है,,,।
"मैं बहुत जल्द दूसरी शादी करने वाला हूं,,,, !"
"जेबा नाम है उसका,,, !"
"मैं उसी से प्यार करता हूं,,, !"
"सुना आपने,,,!"
" मैं अपने प्यार को हासिल करके रहूंगा,,,,, !"
"अम्मी उसके मुंह पर एक थप्पड़ लगाती हैं,,,, और कहती हैं,,, शादी हुई है तेरी इससे,,,।"
"ऐसा कैसे दो-दो बीवियां रख सकता है बीवियां ना हुई भेड़ बकरियां हो गई,,,!"
अम्मी "कोई तो वजह बता दूसरी शादी करने की,,,!"
"मुझे तुझसे यह उम्मीद हरगिज़ नहीं थी!"
नदीम "अरे कितनी बार बताऊं मैं इसको प्यार नहीं करता,,,।"
"आपको यह वजह कम लगती है क्या"
"मुझे तीन शादियां करने की इजाज़त है,,!"
अम्मी "ज़रूर है इजाज़त लेकिन बेवजह किसी को तकलीफ़ देने की इजाज़त भी नहीं,,,!
नदीम "मैं कब इसे छोड़ रहा हूं,,,"!
"मैं तो बस यही कह रहा हूं,,,मै जिसको प्यार करता हूं उससे शादी ज़रूर करूंगा,,,।"
अम्मी "पहले ही क्यों मुंह सील कर बैठ गया था,,, !"
"क्यों नहीं जोर देकर कहा कि मैं किसी को प्यार करता हूं और उसी से शादी करूंगा,,,, ।"
"ऐसा कैसे दो-दो बीवियां रख सकता है बीवियां ना हुई
भेड़ बकरियां हो गई,,,!"
"कोई तो ठोस वजह बता दूसरी शादी करने की,,,!"
"मझे तुझसे यह उम्मीद हरगिज़ नहीं थी!"
नदीम -"अरे कितनी बार बताऊं मैं इसको प्यार नहीं करता,,,।"
"मुझे तीन शादियां करने की इजाज़त है,,!"
अम्मी "ज़रूर है इजाज़त लेकिन बेवजह किसी को तकलीफ़ देने की इजाज़त भी नहीं,,,!"
"फिर धोखा हुआ है इसके साथ हां धोखा दिया है तूने इसको,,।"
नदीम "कैसा धोखा मैंने इसे पहले दिन ही सब कुछ बता दिया है,,,।"
अब्बू जान "बीच में बोलते हैं तुमने यह सब निकाह करने के बाद बताया है,,,।"
"तुम निकाह से पहले इसको बताते तब इसकी मर्ज़ी थी यह क्या फ़ैसला लेती,,,।"
"अब धोखा तो इसके साथ हो चुका,,,।"
"हम लोगों की भी गलती नहीं,,।"
"तुमने हमसे नहीं कहा कि तुम किसी और को प्यार करते हो,,,।"
"वरना हम यह गुनाह हरगिज़ न होने देते,,,।"
"बेवजह दो- दो, तीन- तीन शादियां करके,,, ख़ुदको बदनाम ना करो,,,।"
" शरे में तीन शादियां करने की इजाज़त ज़रूर है लेकिन
इस तरहां बेवजह नहीं,,,।
सबको बराबर के हक़ देने होते हैं,,,,,,,।
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए धारावाहिक कसक तेरे प्यार की,,,,
👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉 क्रमशः
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून,, ✍️
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