कसक तेरे प्यार की (भाग-40)
अब तक आपने पढ़ा नदीम ज़ेबा की शादी में जाता है
अब आगे 👉
उधर आति़फ की शादी पक्की हो गई है आतिफ़ और आयशा के घरों में खुशियां छाई हुई है,,, आयशा के घर से रिश्ता क़बू़ल हो गया है,,,,, और मंगनी की तैयारियां हो रही है,,,।
आतिफ़ की नानी ज़ेबा को फ़ोन लगाती हैं,, ज़ेबा "घबराकर जी,,,,,, नानी फरमाइए,,,!"
" नानी चुप कर अपने हम उम्र लोगों से इस तरहां बात की जाती है,,,,, ।"
"जे़बा क्या कोई ग़लती हुई नानी,,,,,,,,,हां बिल्कुल ग़लती हुई मैं आतिफ की दोस्त हूं पता है तुझे इस हिसाब से तू भी मेरी दोस्त हुई खबरदार जो मुझे बूढ़ा समझा,,,,,,।" आयशा,,,"ओह,,नो,, तो यह बात है,,,,,,।"
" आप मेरी भी बेस्ट फ्रेंड है नानी ,,,,"
"यह हुई ना बात,,,,!"
"नानी चलो अब काम की बात करते हैं,,,!"
" मुझे यह बताओ सोचकर मंगनी में किस कलर का सूट खरीदूं,,,,!"
आयशा,,,"नानी मैं आप लोगों की पसंद का ही सूट पहनना चाहती हूं,,, !"
"अरे जल्दी करो अब बता भी दो,, !"
"आयशा सारी उम्र पड़ी है अपनी पसंद के कपड़े पहनने के लिए,,!"
" मंगनी में जो आप यानी मेरी बैस्ट फ्रेंड मेरे लिए पसंद करेंगी मैं, वहीं पहनूंगी,,,,,!"
" नानी हंसते हुए ठीक है फिर अब हम तुम्हें उसका फोटो भी नहीं भेजेंगे सब कुछ सरप्राइस रहेगा उस दिन,,,!_
" वैसे तुम्हारी सास कह रही थी के तुम्हें भी साथ ले
चलें ,,,वो तो कुछ सझती नहीं,,, मैंने कहा आयशा साथ होगी तो आतिफ़ तो उसी को देखता रहेगा,, फिर आयशा भी कौन सी कम है,,,, मैं अकेली बोर हो जाऊंगी,,,इस लिए दोस्त हमने मना कर दिया,,,!"
और हां वहां पल-पल मैसेज भी मत करना,,,।"
" आयशा हंसते हुए ठीक है नानी आप जैसा कहें,,,!" "नानी,,,बाय दोस्त,,अब फोन रखती हूं,,,,।"
"फोन रखकर आयशा बहुत हंसती है,,,,,!
" और दिल में सोचती है,,, नानी तो बहुत मज़ेदार हैं,,,!" "सीमा की शादी में भी इन्होने बड़ा धमाल मचा रखा था,,,,,,!"
आतिफ कह रहा था आज कल बड़े बुजुर्ग क़िस्मत से ही मिलते हैं,,,आतिफ़ के घर में सब लोगों को बड़ा सम्मान दिया जाता है,,,।"
"आतिफ़ की नानी और आतिफ़ की दादी दोनों आतिफ़ के घर पर ही रहती हैं आतिफ़ की अम्मी अकेली औलाद हैं उनकी,,, ।"
इसलिए वह अपनी बेटी के साथ ही रहतीं हैं नानी और दादी की दोस्ती भी बहुत पुरानी है इस दोस्ती के चलते ही दादी जान ने अपनी दोस्त नानी जान की बेटी से अपने बेटे की शादी की थी,,,,,।"
अगर कोई कहता है उनसे बेटि के घर क्यों रहती हैं उनको बड़ा गुस्सा आता है,,, और पान मुंह में दबाकर जवाब देती हैं करोड़ों की जायदाद भी तो बेटी को ही दे रही हूं,,,, तो इसी के घर रहूंगी,,,,।
पता है ना,,,, नाना जान रिटायर्ड कर्नल हैं,, नानी में अभी तक वही रोब है,,,, अफ़सर लाइफ़ हैं,,,।
कहती हैं मैं नहीं मानती बेटा बेटी के चक्कर,,, जहां हमारा दिल लगेगा हम दोनो वहीं रहेंगे,,,,,।
हां,,, हां ठीक है,,,,, दादी जान हंस कर कहती हैं,,,,, अरे तुम कहां इन लोगों के चक्कर में पड़ गई,,,,,,, दुनिया की औरतें पढ़ लिख ज़रूर गई है पर उनका दिमाग़ अभी भी बेकार की बातों में अटका है,,,,।
बेटा और बेटी में समानता की बात उठाती हैं और फिर ख़ुद ही लड़के और लड़की में फर्क करने बैठ जाती है,,,,।
अरे छोड़ो भी ये बोरिंग टापिक,,,,, और दोनों मिलकर एक साथ गाती रहती हैं,,,,,,,ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे छोड़ेंगे दम मगर तेरा साथ न छोड़ेंगे,,,।
दादा जान और नाना जान इन दोनों औरतों की ख़ूब मज़ाक बनाते हैं,,,,,,, और ये दोनों उन्हें चिढ़ाने के लिए,, उनके सामने आंखों को मटका, मटका कर कहतीं हैं,,,
बने चाहे दुश्मन ज़माना हमारा,, सलामत रहे दोस्ताना हमारा,,,।
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए धारावाहिक कसक तेरे प्यार की सीज़न टू
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मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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