कसक तेरे प्यार की,,( भाग 30)
अब तक आपने पढ़ा नदीम सोच रहा है "आज मैं अम्मी जान से ज़ेबा की और अपनी शादी की बात करूंगा,,, !"
अब आगे 👉
"वह अपने दिल में सोच रहा है,,,"
"उस दिन तो सब लोग बहुत बढ़ बढ़ कर बोल रहे थे कि तुम हमें बता देते तो हम तुम्हारी शादी जे़बा के साथ बड़ी धूम-धाम से करके लाते,,, ।"
"अब देखते हैं मेरी बात का क्या जवाब देते हैं घर के लोग"
"अब वक़्त आ गया है सब को सब कुछ बता देने का,,,!" "यह सोचता हुआ नदीम घर पहुंचता है,,, !"
"आज उसकी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं उसने शादी का सारा सामान आज खरीद लिया है वह भी ज़ेबा की पसंद के अनुसार,, ।
"सामान लेकर वह सीधा कमरे में पहुंचता है घर के सभी लोग अपने अपने कमरों में जा चुके हैं,,, ।"
"नदीम सारा सामान अपने कमरे में रख देता है,, रात भर ख़ुशी के वजह से उसको नींद नहीं आती,,,!"
वह अपने दिल में सोचता है ऑफिस जिस घड़ी का मुझे इंतजार था वह घड़ी आ चुकी है,,,।
" सुबह होते ही मां को सब सामान दिखाऊंगा खुशी की वजह से उसको नींद नहीं आ रही है,,!"
और वह गाना लगाता है धीमी आवाज़ में करके सुनता है और ख़ुश होता है,,,, वाह क्या गाना है बिल्कुल मेरे ऊपर फिट बैठ रहा है इस वक्त,,,,
"याद में तेरी जाग जाग के हम करवटें बदलते रहे सारी रात हम,, यह शायर भी ना कैसे-कैसे गाने लिख डालते हैं लगता है,, ।"
"इन शायरों की नज़र भी मेरे और जे़बा के प्यार पर टिकी हुई है,,, ।"आखि़र मैं इतना प्यार जो करता हूं उससे,,,,।
"और हंसने लगता है कब सो जाता है उसे पता नहीं चलता,, ।"
*सुबह नाश्ते के बाद वह अम्मी का हाथ पकड़ कर अपने कमरे में लाता है,, !"
"और सामान दिखाते हुए कहता है यह देखिए अम्मी जान मैंने यह सब सामान खरीद लिया है आपकी बहू के लिए,,!"
अम्मी सामान को देखकर आंखें फैलाते हुए कहती हैं वाह यह तो बहुत ख़ूबसूरत है कब ख़रीदा तूने इतना सामान,,,।
नदीम,,, रात ही तो घर लाया हूं,,, कल पूरे दिन शॉपिंग की थी,,,,।
अम्मी हंसते हुए,,,, चल तूने मेरी मुश्किल आसान कर दी वरना फिर बाजारों में टक्करें मारनी पड़ती,,,।
"मम्मी यह सूट आपके लिए और यह शेरवानी अब्बू के लिए,,,।"
" बस अब आप जल्दी से शादी की तैयारी करें मैं ज़ेबा से शादी करने वाला हूं,, ।
"अम्मी जान अपने बेटे को ख़ुश देख कर मुस्कुराती हैं,,,,।"
" आख़िर उनकी औलाद है कहती हैं हम तुम्हारे साथ हैं जब कहो तब तुम्हारी शादी कर देंगे यू इस तरहां अकेले पड़े रहना हमें भी तुम्हारा अच्छा नहीं लगता,,!"
नदीम,,, मैं कल ही ज़ेबा से बात करके आता हूं अब्बू और आप लोग जाकर मेरी शादी की बात कह कर लीजिएगा,,,।
" जे़बा के घर के लोग लखनऊ में रहते हैं,,, आप चाहे तो पहले उनसे फोन पर बात कर लेना,, ।
मम्मी कहती हैं ठीक है बेटा,, जो तुम कहोगे हम तो वही करेंगे,,, ।
और वह नाश्ता करके फैक्ट्री चला जाता है ,,,।"
आज वह बहुत ख़ुश है और इंतज़ार कर रहा है ज़ेबा से मिलने का,,,,,
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहें धारावाहिक कसक तेरे प्यार की,,,,
👉👉👉👉👉👉👉👉 क्रमशः
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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