कसक तेरे प्यार की (भाग 4)
अब तक आपने पढ़ा सीमा की बरात आ चुकी है और इस्तकबाल के लिए लोग तैयार खड़े हैं,,, अब आगे,,,, 👉
आतिफ अपने दोस्तों के साथ बरात के स्वागत के लिए जा रहा है पर,,जैसे ही आयशा ने उसकी तरफ़ देखा,,,!
" नानी जान हंसते हुए बोली"
" बरात आ चुकी है जल्दी पहुंच जाओ वहां,,, "
"यह तितलियां कहीं भागी नहीं जा रहीं,,, !"
"फिर हम भी पसंद कर रहे हैं ना तुम्हारे लिए"
" अभी इतनी जल्दी क्या है,,,।"
आतिफ हंसता हुआ आगे बढ़ गया,, बरात में लड़के ख़ूब डांस कर रहे थे,,, मेरे यार की शादी है मेरे दिलदार की शादी है,,,,, धुन ख़ूब जो़रों पर चल रही थी,,,,,।
बरात के इस्तक़बाल के बाद सब लोग अंदर आ गए,, नदीम यानी दूल्हा काले रंग की शेरवानी मैं बेहद हसीन लग रहा था,, हर तरफ दुल्हा की ख़ूबसूरती की धूम मची हुई थी,,,।
हर कोई कह रहा था,,,
" दुल्हा बहुत शानदार है और हमारी सीमा से बिल्कुल कम नहीं,,,।"
" बस अब खुदा से यही दुआ है कि वह इनकी क़िस्मत भी अच्छी करें,,,,,!"
"उनकी आने वाली जिंदगी बेहतरीन गुज़रे और नानी जान ने कहा आमीन,,।"
निका़ह की रस्म पूरी की गई और खाने पीने के बाद रुख़ सती का वक़्त भी आ गया,,,,, नाना जान और दादा जान ने प्यार करते हुए आतिफ से कहा,,,,!
" बहन को गाड़ी में बिठा दो,,,,!"
विदाई के वक़्त नम आंखों से सब ने सीमा को रुख़सत किया,,,!
घर से विदा होते वक़्त सीमा की आंखों से आंसुओं की धारा बह निकली,, जिस घर में वह सबकी राजदुलारी और लाडली थी उसी घर से आज उसको विदा किया जा रहा था,,,।
मां ने सीमा को गले लगाते हुए कहा,,,,!
"उस घर में तुम्हें इतनी खुशियां मिले के यहां कि तुम्हें याद भी ना आए,,,!"
तभी नानी जान ने माहौल को हल्का करते हुए कहा,,,,!
" कई घंटे ब्यूटी पार्लर में लगा कर आई है क्यों सब की मेहनत पर रोकर पानी फेर देती है,,, तू रोते हुए बिल्कुल अच्छी नहीं लगती,,,,!"
और आतिफ ने सीमा को गाड़ी में बैठा दिया,,,,"
अब सीमा ने अपने ऊपर का़बू पाते हुए,, अगली सीट पर बैठे हुए नदीम पर नज़र डाली काली शेरवानी उस पर बहुत खिल रही थी,,,, !
"नदीम का छोटा भाई वसीम गाड़ी चला रहा था,, गाड़ी में गाना धीमी आवाज़ में बज रहा था,, बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है,,, मेरा महबूब आया है,,, !
और वसीम ने शरारत भरी आंखों से नदीम की तरफ देखा और जोर से हंसने लगा,, वसीम जितना शरारती लग रहा था नदीम उतना ही,, गंभीर और शांत स्वभाव का दिखाई दे रहा था,,,!
धीरे धीरे चलते हुए गाड़ी एक आलीशान बंगले के सामने जाकर रुक गई बेहतरीन डेकोरेशन के साथ घर किसी राज महल से कम नहीं लग रहा था,,,, !
वहां पर खड़े हुए लोग जल्दी-जल्दी दुल्हन के स्वागत के लिए आगे बढ़े बच्चों ने दौड़कर इत्तला की दुल्हन आ गई है,,, हाथों में फूल लिए घरके लोग खड़े थे नदीम की अम्मी और चाची जान दुल्हन को अंदर लेकर आईं इसी बीच लड़कियों ने गाना शुरू कर दिया,,
बन्ना जीत लाया रे ससुराल गलियां
जिसके लंबे लंबे गेसू रसीली अखियां,,,,
बन्ना जीत लाया रे ससुराल गलियां,,,, ।
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए धारावाहिक कसक तेरे प्यार की,,,,,
👉👉👉👉👉👉👉👉👉 क्रमशः----
मौलिक रचना सय्यदा ख़ातून,, ✍️
---------------🌹🌹🌹---------------