कसक तेरे प्यार की (भाग 20)
अब तक आपने पढ़ा वसीम सीमा से कहता है कि वह भाई जान को समझाएगा,,,,, अब आगे 👉
सीमा वसीम की बात सुनकर रोने लगती है और वसीम से कहती है कोई फायदा नहीं,,,,,, यह किसी और को चाहते हैं,,,,।
मेरे साथ इनकी शादी जबरन हुई है,,,बस इस बात का गुस्सा यह मुझ पर निकाल रहे हैं,,,,।
" वसीम नहीं नहीं आपको कोई गलतफहमी हुई है!" "अगर ऐसा होता तो मुझे ज़रूर पता होता !"
"ऐसा ही है इन्होंने ख़ुद मुझसे कहा है मैं किसी और से प्यार करता हूं ,,!"
"और मैं तुम्हें अपनी बीवी का दर्जा नहीं दे सकता,,,,!" "हां इस घर में तुम रह सकती हो,,,!"
" क्योंकि दुनिया के सामने तुम्हें शादी करके लाया हूं,,,,!"
"शादी की पहली रात ही इन्होंने मुझे सब कुछ बता दिया था,,,,!"
"मैं थक गई हूं यह ड्रामा करते करते किस तरहां अपने मां बाप को बताऊं मेरे साथ क्या बीत रही है उन्होंने बहुत अरमान से मेरी शादी इस घर में की थी,,,।
"तुम ही बताओ मैं क्या करूं,,,, !"
"नदीम की ज़्यातियां रोज़ ब रोज़ बढ़ती जा रही हैं मैं अब और बर्दाश्त नहीं कर सकती ।"
"इसलिए सोचा है कल अपने घर चली जाऊं !"
"वसीम आप बहुत हिम्मत वाली हैं,,,,!"
" हौसला रखिए अम्मी जान को आजाने दीजिए कोई ना कोई रास्ता ज़रूर निकल आएगा,,,।"
" मैं भी भाई जान को समझा लूंगा!"
" अम्मी जान भी डांटेगी शादी की है कोई मज़ाक थोड़ी है!"
" अगर उन्हें किसी से प्यार था तो उन्होंने कहा क्यों नहीं!" "यहां कौन बैठा था उन्हें रोकने वाला,,,!"
" सीमा को समझा कर वसीम अपने कमरे में चला जाता है,, !"
"नदीम फिर से रात में घर आता है,,,!"
"फिर से सीमा से बोलता है कि उसने खाना खा लिया है,,,!"
" और कह कर कमरे में चला जाता है,,, !"
"सीमा उसकी किसी भी बात का जवाब नहीं देती और खाना खाकर वह भी कमरे में आ जाती है,,,!"
वसीम को कुछ ना पता चले इसलिए वह सुबह में नाश्ता सबके साथ करके जाता है नाश्ते के वक्त वसीम कहता है भैया आप चाहे तो भाभी को लेकर कहीं घूमने चले जाएं,,,।
जब से शादी हुई है आप लोग कहीं गए नहीं हैं नदीम कहता है हां जाएंगे अभी एक दो महीने मुझे ज्यादा काम है,,, ।
और फिर दोनों भाई अपनी अपनी फैक्ट्री चले जाते हैं,,,। अब सीमा नदीम का इंतज़ार नहीं करती वह वसीम के साथ ही खाना खा लेती है,,,।
वसीम पहले से भी कहीं ज़्यादा सीमा का ख़्याल रखने लगा है वे हर तरहं से सीमा को ख़ुश रखने की कोशिश करता है जिससे वह कम से कम अम्मी अब्बू के आने तक घर पर रुक जाए,,।
कल आदमी और अब्बू आने वाले हैं,,,
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए धारावाहिक कसम तेरे प्यार की,,,।
👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉 क्रमशः
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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