कसक तेरे प्यार की (भाग 35)
अब तक आपने पढ़ा सीमा को पता चलता है कि आतिफ़ उसकी दोस्त आयशा से प्यार करता है ,,, सीमा नानी से कहती है चलो आयशा से बात करते हैं,,, अब आगे 👉
"सीमा आयशा को फोन लगाती है,,, आयशा, सीमा का फोन देखकर चौंक जाती है और तुरंत ही फोन उठाकर पूछती है कैसी है मेरी दोस्त,,,,।
शादी क्या हुई तू तो हमें भूल ही गई"
"सीमा कहती है अरे मेरी बात छोड़ अपनी बात कर तू तो बड़ी छुपी रुस्तम निकली मुझे भी खबर नहीं होने दी!"
आयशा क्यों,,, क्या कर दिया मैंने,,,।"
"अपनी दोस्त को तूने कुछ नहीं बताया,,,,।"
"कहां इश्क चल रहा है हमें भनक तक नहीं लगने दी,,,।,"
"अरे अरे तू होश में तो है यह कैसी बातें कर रही है,,,!"
"ऐसा कुछ होगा तो सबसे पहले तुझे ही बताऊंगी!"
"हां हां बहुत बता दिया जैसे तूने मुझे,,,,,!"
"तेरे बिना बताए ही मुझे सबक कुछ पता चल गया है,,,!"
"अच्छा कुछ हम भी तो सुने,,,!"
"हां हां ज़रूर सुनो,,,,।"
"क्या जादू चलाया है मेरे भाई पर जो तेरा दीवाना हो गया है ,,,,!"
"आयशा ओह नो,,, यह बात है,,,।"
"यह सब आतिफ की शैतानी होगी,,,, ।"
"तुम मुझे छेड़ने के लिए यह सब कह रही है ना"
"उसी ने तुमसे कहा होगा जरूर,,!"
सीमा,,"ऐसी तो कुछ भी बात नहीं,,,।
"अरे अब उस बेचारे को मत खींच इसमें,,, !"
"नानी सीमा से फोन लेते हुऐ पान चबाते- चबाते आयशा से कहती हैं,,,।"
" हमने अपनी आंखें बंद नहीं कर रखी थीं शादी में,,,!" "यह बूढ़ी आंखें धोखा नहीं खा सकती तुम्हारे ऊपर हमारी पूरी नज़र थी,,,!"
"वैसे तो हम अभी बूढ़े हुए नहीं हुए हैं जनाब नज़र पूरी दुनिया पर रखते हैं,,,,।"
" तुम्हारी और नदीम की छेड़खानी या सब याद है मुझे,,,!"
" आयशा शर्मा जाती है नानी आप भी ना,,।"
"सीमा कहती है चलो अब क़बू़ल भी लो,,,!"
"इरादा हो तो आतिफ़ से भी क़बू़ल कराएं,,,।"
"आयशा कब मिल रही है मुझसे यह बताओ,,,।"
" सीमा बड़ी जल्दी है,,,,!"
"अरे नहीं यार मैं तो तुझे बुला रही हूं अपने घर,,,।"
"सीमा हां हां ठीक है मैं फोन करके तुझे बता दूंगी,,,, अब रखती हूं आतिफ की भी ख़बर लेनी है ना,,, !"
"ओके बाय बाय,,,।"
"तब ही आतिफ़ घर में आता है अरे मैंने क्या कर डाला मेरी ख़बर क्यों लेना चाहती हैं आप,,, ।"
"अरे सब कुछ तो तुमने ही किया है और बहन को बताया तक नहीं,,,!"
नानी अरे बहन को क्या इसने तो अपनी दोस्त नानी को भी नहीं बताया,,,!"
" पर मुझसे गलती क्या हुई,,, !"
सीमा आतिफ़ को चिढ़ाते हुए तुम शादी करना चाहते हो,,,।
" मैंने ऐसा कब कहा अरे तुम्हारी हरकतें बता रही हैं ,,,!" नानी छेड़ते हुए कहती हैं कल ही कह रहा था मेरी शादी के लिए लड़की देख लो,,,।"
" ढूंढने में भी समय लगता है,,,!"
सीमा तो यह बात है ख़ाला जान की बेटी हमें बहुत पसंद है,,,।"
" कल हम सब जाकर ख़ाला जान से उसका हाथ मांग लेते हैं,, !
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए धारावाहिक
कसक,,, उसकी,,,
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मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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