कसक तेरे प्यार की ( भाग 50)
अब तक आपने पढ़ा आतिफ और आयशा की शादी तय हो गई है और फोन पर उनकी नोकझोंक चल रही है अब आगे 👉
उधर जब से वसीम सीमा से मिला है बार-बार उसका चेहरा उसकी आंखों के सामने आता है,, ।
और उसका दिल करता है कि वह सीमा से बार बार मिले,, उससे बातें करके उसके दिल को सुकून मिलता है,,,,।
मशीनी अपने दिल में सोचता है यह क्या हो गया है मुझे क्यों मैं इस कदर सीमा के ख़्यालों में गुम हो गया हूं,,, क्यों उसकी झील सी आंखों में अपना चेहरा देखने की कोशिश कर रहा हूं,,,, क्यों उसकी खूबसूरती आज मुझे बेचैन कर रही है,,,,।
यह अचानक उसको पा लेने की तड़प मेरे दिल में कहां से पैदा हो गई,,, क्यों मैं उसके लिए इस क़दर बेचैन हो रहा हूं,, उसका कहा एक एक शब्द मेरे कानों में मिश्री घोल गया है,,,।
वह बार-बार मैसेज करने के लिए अपना फोन उठाता है पर उसकी हिम्मत नहीं होती,,,,।
उधर सीमा के घर में शादी का माहौल है और जहां नानी हो वहां रंग न जमें ऐसा हो ही नहीं सकता,,,।
आतिफ को शीशे के सामने तैयार होता देखकर नानी कहती हैं ,, मेरे दोस्त हुस्न से चांद भी शरमाया है तेरी सूरत में गज़ब ढाया है,,,,,।
शीशा तोड़ डालेगा क्या,,,? हमने कह दिया ना ख़ूबसूरत लग रहा है,,, और वह नानी से कहता है,,, सजना है मुझे सजनी के लिए और दोनों हंसने लगते हैं,,, ।
उधर वसीम नाश्ता करते हुए मां को बताता है,,, कल मुझे सीमा मिली थी,, आतिफ़ की शादी की शॉपिंग कर रही थी
मां ,,,,"अच्छा कैसी है वह ठीक हैं,,,।"
मां बहुत अच्छे से मिली आप सब लोगों को भी पूछ रही थी,,,,।
मां मैं भी उसे बहुत मिस करती हूं घर में उसकी कमी मुझे बहुत खलती है कितनी प्यारी कितनी मासूम और कितना अपनापन था उसमें,,,,,।
मेरा और तेरे अब्बू का भी बड़ा ख्याल करती थी,,, काश ऐसी ही बहू मुझे अपने वसीम के लिए भी मिल जाए,,
वसीम के अब्बू बीच में ही बोलते हैं तुम चाहो तो सीमा अब भी तुम्हारी बहू बन सकती है,,, क्या मतलब अरे भाई अगर वसीम चाहे तो तो हम उसकी शादी सीमा से कर सकते हैं,,,
लेकिन नदीम वह भी कर रहा है ना अपनी पसंद से उसे कोई एतराज़ नहीं होना चाहिए क्योंकि वह तो उसे तलाक दे चुका है,,,,।
अब बात है वसीम की अगर वसीम चाहे तो हम उसकी शादी सीमा से कर सकते हैं,,,।
" वसीम कहता है,,, मुझे तो सीमा बहुत पसंद है और मैं उसे अब अपनी दोस्त मानता हूं,,,,!"
पर मैंने यह नहीं सोचा था के उसके साथ मेरी शादी हो सकती है,,,।
लेकिन सीमा के दिल में क्या है यह जानना बहुत ज़रूरी है क्या वह इस रिश्ते के लिए राज़ी होगी,,,?
क्या उसके घर के लोग हमारे यहां फिर से अपनी लड़की देंगे,,?
"अब्बू उनको पूरा हक है कि वह इस रिश्ते को ठुकरा दें" "मगर यह सब तुम हम पर छोड़ दो,,,"!
" बस तुम बताओ तुम्हारे दिल में क्या है,,,,!"
"हां शायद मैं तो उसको पसंद करने लगा हूं,,,।
" जब से वह भाई के निगाह में नहीं है,,,,,,,,।
"उसकी ख़ुशी किस तरहं वापिस आएं मैं सोचता हूं,,,!" जब वह मुझे मिलीं थी जब भी मेरे मुंह से भाभी ही निकला था ,,,,, ।
तब उन्होंने मुझे टोकते हुए कहा था मैं अब तुम्हारी भाभी नहीं एक दोस्ती का रिश्ता है जो मैं तुम्हारे साथ निभाती रहूंगी,,,,,।
"और तभी से वह मेरे दिल में उतर गई,,,,!"
"कितनी सादगी और अपनापन है उसमें,,।"
" अब्बू जान लेकिन तुम्हें एक बार सीमा के दिल का हाल जान लेना चाहिए,,, !"
ठीक है मैं हिम्मत करके सीमा से बात करता हूं,,,।
"वसीम बहुत हिम्मत करके सीमा को मैसेज करता है,,!"
"सीमा अगर तुम्हारे पास थोड़ा सा समय हो तो मुझे फोन करना,,,,,,!"
"सीमा शादी के कामों में बिजी थी उसने वसीम का मैसेज नहीं देखा,,,,!"
सीमा क्या जवाब देती है जानने के लिए पढ़ते रहिए धारावाहिक कसक तेरे प्यार की सीज़न टू
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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