कसक तेरे प्यार की (भाग 59)
अब तक आपने पढ़ा वसीम और सीमा की शादी हो चुकी है वह दोनों बहुत खुश हैं,,,,, पर नदीम की उदासियां बढ़ती जा रही हैं ,,,,,।
एक जेबा ही है जो उसको हिम्मत बंधाती है,,,,,, और कहती है सब ठीक हो जाएगा,,,,,
अब आगे 👉
पर जब से जेबा की शादी हुई है उसका अकेलापन और उदासी बहुत बढ़ गई है वह जब चाहे उसे मैसेज नहीं कर सकता,,,।
वह उसके बसे बसाए घर को तबाह नहीं करना चाहता,,, आख़िर दोस्त है उसकी उसकी ख़ुशी के लिए वह अपनी ख़ुशी कुर्बान कर चुका है,,,,।
अब वह हर बात बहुत सोच समझकर करता है,,, कोई भी काम करने से पहले दस बार सोच लेता है,,, इसका क्या परिणाम निकलेगा,,,,।
वह जे़बा के मैसेज का इंतज़ार कर रहा है आज दो-तीन दिन पूरे हो गए हैं,,,, ।
तभी जे़बा का मैसेज आता है,, नदीम उसे बताता है वसीम की शादी हो गई है आज रिसेप्शन पार्टी है सीमा को देखकर मेरे दिल में अजीब सा महसूस हो रहा है,,,,,।
मैं अपने आप को और भी गुनहगार समझ रहा हूं,,,, हर वक्त मेरे सामने रहेगी मैं उस से नजर नहीं मिला पाऊंगा,,,।
जेबा पूछती है वह दोनों ख़ुश तो है ना नदीम कहता है हां जेबा वसीम के साथ बहुत खुश है,,, यह देखकर मुझे भी सुकून मिला,,।
मुझसे तलाक़ हो जाने का उसको अब कोई मलाल नहीं,,, जेबा भी ख़ुदा का शुक्र अदा करती है और नदीम से कहती है,, यह बात सुनकर मेरे दिल को भी सुकून आया,,,,
अब दोनों को अपनी अपनी मर्ज़ी का हमसफ़र मिल गया,,, ।
नदीम,,,,,, ज़ेबरा से कहता है और मेरे बारे में क्या सोचा मैं तो बहुत ही बदकिस्मत निकला मुझे तो कुछ भी ना मिला सब अपने अपने जीवन में खुश हो गए,,, मेरे पास ही जीने का कोई सहारा नहीं,,,।
जेबा वसीम से कहती है मेरी बात ध्यान से सुनो जो भी फ़ैसला होगा बहुत सोच समझ कर करना होगा,,,।
तुम्हारी मुश्किल का बस एक ही हल निकल सकता है
तुम्हारी परेशानी को देखते हुए मैंने एक फैसला लिया है
मैं तुम्हें बर्बाद होते नहीं देख सकती मैं हमेशा तुम्हें खुश और पहले जैसा देखना चाहती हूं,,,।
तुम मेरी शादी में आए थे तो तुम मेरी जुड़वां बहन से मिले थे वह बता रही थी कि तुम उसको जेबा ही समझे थे हम दोनों की शक्लें बिल्कुल एक हैं,,, ।
तुम भी धोखा खा गए थे ना,,, मैं चाहती हूं तुम मेरी बहन से शादी कर लो,,, ।
आगे कहानी क्या मोड़ लेती है जानने के लिए पढ़ते रहे धारावाहिक कसम तेरे प्यार की सीजन टू,,
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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