कसक तेरे प्यार की सीज़न टू (भाग 60)
अब तक आपने पढ़ा जेबा नदीम से कहती है कि वह उसकी जुड़वा बहन से शादी कर ले,,,,।
अब आगे 👉
जेबा नदीम को समझाते हुए कहती है अब इसमें इतना सोचने वाली क्या बात है,,,,
सब कुछ भूल जाओ और सोचो तुम्हारी शादी मेरी बहन से हो जाएगी वह बहुत खुश रखेगी तुम्हें,,,,।
जब जब वह तुम्हारे सामने होगी तुम्हें मेरी कमी महसूस नहीं होगी,,,
जब भी उससे बात करोगे तुम्हें महसूस होगा मुझसे बात कर रहे हो,,,,
बिल्कुल मेरी ही शक्ल है,,,और हम दोनों की आदत भी बिल्कुल एक जैसी हैं,,,,,।
घर के लोगों को भी कुछ पता नहीं चलेगा तुम्हारे,,,
तुम्हारी शादी में तुम्हारी अम्मी ने मुझे देखा था,,, वे यही समझेंगे मैं ही वह लड़की हूं जिसे तुम प्यार करते थे,,,,,।
नदीम तुम यह क्या कह रही हो वह तुम्हारी जुड़वा बहन है पर तुम तो नहीं,,,, मैंने तुमसे प्यार किया है तुम्हारी बहन से नहीं,,,।
जेबा पर अब क्या हो सकता है मेरी शादी हो चुकी है,,, और मैं तुम्हारी तरहं अपना घर बर्बाद नहीं कर सकती,,,,।
तुम्हारी दोस्त अभी भी हूं ना मैं,, इसीलिए ऐसा सोच रही हूं
तुमसे भी यही कहती हूं,,,, सोच समझ कर फैसला लो,, तुम्हारे सामने यही रास्ता बचता है,,, कम से कम मैं नहीं मेरी हमशक्ल ही सही,,।
वह बिल्कुल मेरे जैसी है मेरी कमी महसूस नहीं होने देगी तुम्हारी जिंदगी संवर जाएगी,,,,,।
पापा भी तुम्हें पसंद करते हैं तुम्हारे बारे में पूछ रहे थे,,, जल्दी से जल्दी यह शादी कर लो,,, ताकि रो़ज-रोज सीमा को देखकर तकलीफ़ उठाने से बच जाओ,,,,, ।
तुम्हारे साथ तुम्हारी बीवी होगी तो तुम्हें सीमा से नज़रें चुराने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी,,,, और सब कुछ नॉर्मल हो जाएगा,,,,।
नदीम दो पल खामोश रहता है फिर सोचता है मेरी ज़िन्दगी में तो अब वैसे भी कुछ नहीं बचा,,,,।
शायद यह बात ठीक कह रही है जिंदगी गुजा़रने के लिए किसी ना किसी का साथ चाहिए,,,,।
सब अपनी अपनी जिन्दगी में ख़ुश है मुझे भी जिंदा रहने का कोई ना कोई सहारा तो जरूर चाहिए,,,,।
फिर अम्मी का चेहरा उसके सामने आ जाता है वह रोज़ जेबा के बारे में पूछती है,,,।
मैं किसी और लड़की का नाम भी उनके सामने नहीं ले सकता,,,,।
यही ठीक रहेगा और वह जेबा से कह देता है शायद तुम ठीक कह रही हो मैं इस शादी के लिए तैयार हूं,,,,।
मैं आज ही अम्मी अब्बू से कहूंगा कि वह तुम्हारे पापा से बात कर ले,,,,।
जे़बा यह सुनकर ख़ुश हो जाती है,, नदीम जब अपनी अम्मा को यह सब बताता है ज़ेबा शादी के लिए तैयार है,, तो वह भी बहुत ख़ुश हो जाती हैं और जल्दी ही उनके घर के लोगों से बात करती हैं,,,
इधर वसीम सीमा को लेकर हनीमून के लिए गोवा गया हुआ है,,, दोनों एक दूसरे में खोए हुए हैं,,,, और जिंदगी का मज़ा ले रहे हैं,,,
इसी बीच वसीम सीमा से पूछ लेता है तुम मेरे साथ खुश तो हो ना,,,,,।
और,,,सीमा खूबसूरत नज़ारों में खोते हुए वसीम से कहती है,,,
आजकल पांव ज़मीं पर नहीं पड़ते मेरे
क्या तुमने देखा है कभी किसी को उड़ते हुए,,
नदीम के अब्बू जेबा के अब्बू से बात करके शादी की डेट फिक्स कर लेते हैं,,,,!
बस वसीम के आने का इंतज़ार है वह बहुत सी जगह घूमने के इरादे से गए हैं एक महीना तो लग ही जाएगा,,,
वसीम के अब्बू जे़बा के अब्बू को बताते हैं जैसे ही यह लोग हनीमून से लौट आएंगे शादी की डेट फिक्स हो जाएगी,,,
आज वसीम और सीमा आने वाले हैं घर में उनकी पसंद का खाना बन रहा है सब लोग बहुत खुश हैं घर की खुशियां लौट आई हैं ,,,,।
आगे कहानी क्या मोड़ लेती है जानने के लिए पढ़ते रहे धारावाहिक कसक तेरे प्यार की सीज़न टू
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मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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