कसक तेरे प्यार की (भाग 31)
अब तक आपने पढ़ा नदीम अपनी और ज़ेबा की शादी की बात मां से करता है,,,,अब आगे 👉
नदीम की मां शादी के लिए तैयार हो जाती हैं,,,,,, और नदीम जो सामान खरीद कर लाया है उसको देखकर बहुत खुश होती हैं,,,।
और नदीम से कहती हैं हम तो बस तुम्हें ख़ुश देखना चाहते हैं ,,,,,, सीमा हमारे घर से, तेरे प्यार की कसक लेकर ना जाती अगर तू हमें पहले यह सब बता देता,,,,,,,।
"बस हमारे दिल में भी यही कसक है,,,।"
"ख़ैर जो होता है अच्छे के लिए होता है,,,,!"
"हम लोग तैयार हैं तेरी शादी के लिए,,,।"
अब नदीम नाश्ता करके फैक्ट्री निकल जाता है आज वह बहुत ज्यादा खुश है उसके दिल की ख़्वाहिश पूरी हो रही है,,,,,,,!"
" उसका दिल चाह रहा है कि वह पूरी दुनिया को शोर मचा कर सुना दे कि आज वह जे़बा को प्रपोज़ करने वाला है,,,,,,,!"
फैक्ट्री में उसका दिल नहीं लगता वह बार-बार जे़बा को फोन करना चाहता है पर यह सोचकर रुक जाता है कि वह कॉलेज में होगी,,,।
जैसे तैसे टाइम पूरा होने पर वह जे़बा को फोन कर के बताता है,,,,,,!
"तुम कहो तो मैं तुम्हें कॉलेज से ले लूं,,,,,,,, !"
"जेबा क्या हुआ सब खै़रियत तो है,,,,,,,,!"
"नदीम आज मेरे दिल के अरमान पूरे हो रहे हैं जिस घड़ी का मैं इंतजार कर रहा था वह घड़ी आ चुकी है,,,,,,,!" "इतनी सारी बातें यहां नहीं बता सकता मिलने पर ही बहुत कुछ बताना है तुम्हें,,, !"
"तुम भी जब सुनोगे तो खुशी से पागल हो जाओगी!
"ज़ेबरा अच्छा,,,।
" नदीम,,, हां बात ही कुछ ऐसी है,,,,।"
"जे़बा कहती है तुम भी ना बहुत तंग करते हो,,,, तुम रूम पर पहुंचो मैं वहीं आ रही हूं,,,!"
"और अपने दिल में सोचती है लगता है,, नदीम बाप बनने वाला है,,,!"
" यही खबर इसके पेट में कूद रही होगी मुझे बताने के लिए दोस्त है ना मेरा जब तक मुझे बता नहीं लेता हर बात इस को चैन नहीं आती,,,।"
"जे़बा जब अपने घर पहुंचती है नदीम पहले से ही वहां उसका इंतजार कर रहा होता है,,,,,,!"
ज़ेबा को देख कर वह बहुत ख़ुश हो जाता है,,,,,।
आज ज़ेबा ने उसकी पसंद का सूट पहन रखा है,,,।
" एक तो वैसे ही है वह उसको हमेशा हर रूप में बहुत ख़ूबसूरत लगती है,,, आज आज तो वह उसे अपने दिल की मलिका दिखाई दे रही थी,,,,,,, ।
उसके क़रीब जाकर बोलता है,, तेरी प्यारी प्यारी सूरत को कहीं किसी की नज़र ना लगे चश्मे बद्दूर,,, ।
"जे़बा खैरियत तो है बड़े पुराने गाने याद आ रहे हैं आज तुम्हें,,,,,,,, ।"
"अरे दिल की बात कहने के लिए इन पुराने गानों से अच्छा कुछ भी नहीं तुम तो जानती हो ना मेरे पास शब्द बहुत कम होते हैं अपनी भावनाएं दिखाने के लिए,,,!"
" और ज़ेबा हंसने लगती है मैं चाय बना कर लाती हूं आप बैठिए,,,,,, ।"
"जेबा चाय लेकर आती है दोनों चाय पीते हैं नदीम कहता है मैं तुमसे एक ख़ास बात करने आया हूं,,,,,,,!"
"ज़ेबा हां हां बोलो वैसे मुझे भी आज तुमसे एक ज़रूरी बात करनी थी,,,,,, ।"
"नदीम नहीं पहले मैं कहूंगा,,, मुझसे नहीं रुका जाता,,,।,"
" ज़ेबा नहीं मुझे कुछ दिखाना है तुम्हें,,,, वैसे भी लेडीस फर्स्ट इसलिए आज तुम्हारी एक नहीं चलेगी मैं ही कहूंगी जो मुझे कहना है बल्कि दिखाना है,,,,,।
"नदीम कहता है चलो भाई तुम्हारी तो हर बात मुझे माननी ही होती है तो दिखाओ क्या दिखाना है ।"
"जे़बा ऐसे नहीं पहले अपनी दोनों आंखें बंद करो नदीम अरे आंख बंद कर लूंगा तो देख लूंगा कहां से फिर आंखें बंद करके हंसने लगता है,,,,,,।"
"ज़ेबा,,, आपना पर्स खोलती है फिर अचानक रुक जाती है और नदीम को छेड़ते हुए कहती है चलो खोलो आंखें अब तुम ही बताओ क्या बताने वाले थे,,,,, मैं तो बस तुम्हें ऐसे ही चिढा़ रही थी,,,,,,,।"
"नदीम उसका हाथ अपने हाथों में लेकर कहता है,,, मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूं और अब तुमसे शादी करना चाहता हूं क्या तुम मुझसे शादी करोगी,,,,,!"
ज़ेबा को नदीम से यह उम्मीद नहीं थी,,, वह घबराकर अपना हाथ छुड़ा लेती है,,,,।"
"उसका दिल जोर-जोर से धड़कने लगता है,,,।"
"माथे पर पसीने की बूंदे साफ झलक रही है,,,।"
" और वह खड़े होकर कहती है यह क्या कह रहे हो नदीम,,,,,,!"
" तुम अब शादीशुदा हो मैं तुमसे शादी नहीं कर सकती,, तुमने कैसे सोच लिया कि मैं एक बीवी के होते हुए तुमसे शादी करूंगी,,,,,, !"
ल
"नदीम जेबा को समझाते हुए तुम गलत समझ रही हो , मैंने सीमा को तलाक दे दिया है,,,,!"
ज़ेबा लगभग चिल्लाते हुए कहती है यह क्या बकवास कर रहे हो एक भोली भाली लड़की की जिंदगी तबाह कर दी तुमने,,,,,।
मैं उस आदमी से शादी क्यों करूं जो पहले से ही शादीशुदा है और अब अपनी बीवी को छोड़ चुका है,,,।
"जिसके लिए शादी एक खेल हो,,,,,,,, क्या भरोसा ऐसे इंसान का,,,,।"
" नदीम मैं तुमसे प्यार करता हूं और तुम भी मुझसे प्यार करती हो,,,,!"
" जेबा प्यार करती थी,,,,, जब तुम्हारी शादी का पता चला था मैं बहुत रोई भी थी,,,, दिल चाहता था ख़ुद को ख़त्म कर दूं,,,।"
लेकिन मैंने खुद को समझा लिया था,,,,।
मैं तुम्हें तभी से अपना अच्छा दोस्त मानती रही,,,।
सीमा ने पर्स खोलकर एक लिफाफा निकाला और नदीम के हाथ में देकर कहा यह मेरी शादी का कार्ड है अगले हफ्ते मेरी शादी है,,, ।
और नदीम उस कार्ड को आंखें फाड़ फाड़ कर देखता है यह कार्ड नहीं,,,,, कसक है तेरे प्यार की,, हां कभी ना खत्म होने वाली एक कसक,,,,, और वह कसक है,,,, तेरे प्यार की,,,,,,।
----क्रमश---
साथियों यहां तक की कहानी कैसी लगी समीक्षा करके अवश्य बताएं,,,,।
आगे की कहानी क्या ज़बरदस्त मोड़ लेती है जानने के लिए इस कहानी का सेकंड पार्ट 32अवश ही पढ़ें यह समझें की आगे की कहानी सीजन टू है आप को पढ़कर अच्छा लगेगा,,,, आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहे धारावाहिक कसक तेरे प्यार की भाग 32
मौलिक रचना सैयदा खा़तून ✍️
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