कसक तेरे प्यार की भाग 38
अब तक आपने पढ़ा आतिफ गाड़ी निकालते हुए, आयशा से कहता है मैं तुम्हें घर छोड़ दूंगा,,,
अब आगे 👉
" आयशा गाड़ी में बैठते हुए,,,,,,, आतिफ़ की तरफ़ शिकायत भरी नज़रों से देखती है तुमने सब को सब कुछ बता दिया,,।"
"हां भाई एक दिन तो बताना ही था आखिर हमें शादी जो करनी है,,।"
"आतिफ गाड़ी को पार्क में रोक देता है,,, और आयशा से कहता है आओ दो घड़ी कुछ अपनी कहें,,, कुछ तुम्हारी सुने और पार्क में फूलों के बीच दोनों बैठ जाते हैं,,।"
"आतिफ कहता है,,,।"
आंखों ही आंखों में इशारा हो गया बैठे बैठे जीने का सहारा हो गया,, उसकी नज़रें आयशा के चेहरे से नहीं हटती,,,,
और आयशा,,, अरे ऐसे क्या कर रहे हो पहले नहीं देखा क्या,,,।
देखा है पर तुम्हें नहीं लगता आज के बाद कुछ और है आज मैं नहीं और तुम तुम नहीं हम होने जा रहे हैं कुछ दिनों बाद,,,
इस लिए,,,,,, तुम्हें देखें मेरी आंखें इसमें क्या मेरी ख़ता है हाल क्या है मेरे दिल का यह तो बस मुझको ही पता है,,।
और वह आयशा से कहता है तुम्हारे दिल में जो है मुझे बता दो,,, कहीं ऐसा ना हो यह सब एक तरफा ही चल रहा हो मेरे दिल में,,,।
और आयशा कहती है,,,, अब तो है तुमसे हर ख़ुशी अपनी तुम पर मरना है जिंदगी अपनी,,, ।
आतिफ़ मारे खुशी के झूम उठता है,, आयशा का हाथ अपने हाथों में लेकर कहता है,,, मैं बहुत प्यार करता हूं तुमसे मैं जिंदगी भर तुम्हारे साथ रहना चाहता हूं,,,।
तुम मेरी ज़िन्दगी हो अब तुम्हारे बिना एक पल भी गुज़ारना मेरे लिए बहुत भारी होता है,,, ।
मैंने तो अपने घर के लोगों को मना लिया है,,, तुम से शादी करने के लिए,,, घर के लोग तो बिल्कुल तैयार हैं,,, कल ही अम्मी अब्बू तुम्हारे घर जाएंगे शादी की बात करने के लिए,,,।
आयशा मेरे अम्मी अब्बू को भी तुम्हारे घर के सभी लोग बहुत पसंद है आतिफ क्या मतलब और मैं ,,,,,,आयशा हंसते हुए हां हां तुम भी सबको पसंद हो,,,
"तो तुम करो ना उनसे शादी की बात,,।"
" आयशा हाय अल्लाह तुम्हें क्या हो गया है,,,,, !"
"हमारे यहां लड़कियां अपनी शादी की बात अपने मां बाप से नहीं करती,,,!"
" यह काम तो तुम्हारे घर के लोगों को रिश्ता देकर ही करना पड़ेगा,,,।
आतिफ,,,"अरे वाह ये ख़ूब रही,, ,,,मैडम इश्क भी करेंगी और बताएंगी भी नहीं,,,,,"!
"अरे वह मुझसे पूछेंगे ना,,, बिना मेरी मर्ज़ी के हां थोड़ी करेंगे,,,।"
"अब तुम कहो तो मना कर दूंगी यह लड़का मुझे पसंद नहीं,,,।
यह बात है,,, मैं भी कह देता हूं नानी से यह लड़की बहुत नकचढ़ी है,, मैं प्यार तो करता हूं इसको पर शादी नहीं करना चाहता,,,।
" आयशा उफफ्,,, तुम भी ना,, बड़े वो हो,,," "आतिफ ,,,,बोलो- बोलो , बड़े हो क्या,,,?
आयशा हंसते हुए इधर-उधर देखती है और नदीम की नाक पकड़ कर कहती है,,,, वो देखो जो पेड़ पर कूद रहा है,,,,,, बंदर,,,।
" आतिफ़ उसके पीछे भागता है रुक जा अभी बताता हूं बंदरिया,,,!
फिर वह आयशा से कहता है कभी मज़ाक में भी ऐसा मत बोलना मुझसे बर्दाश्त नहीं होगा मैं तुम्हारे बिना अब नहीं रह सकता,,, ।
और सुन लो अगर किसी ने शादी के लिए मना किया,,, घर पर तो मैं उठा कर ले जाऊंगा तुम्हें,,,,,, वो आयशा की आंखों में आंखें डाल कर कहता है,,,,,।"
"चलो अभी मस्जिद में निकाह कर लेते हैं,,,!"
'आयशा चुप कर पगले,,,!
"अरे यह क्या कर रहे हो,, मैं तो हर रोज़ तुम्हारे ही सपने देखती हूं,,, तुम्हारे अलावा मेरी ज़िंदगी में कोई नहीं,,, मैं किसी को पसंद करती उससे पहले ही तुम आ गए,,,,,
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क्या आयशा के अम्मी अब्बू इस शादी के लिए मान जाएंगे यह जानने के लिए पढ़ते रहिए धारावाहिक कसक तेरे प्यार की सीज़न टू,,,।
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मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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