कसक तेरे प्यार की,,
(भाग-11)
अब तक आपने देखा एक लंबी सी औरत बड़ा सा घूंघट काढ़े लड़कियों के बीच में आती है और दुल्हन के करीब जाकर उसके कान में कुछ कहती है तभी सीमा उसे धक्का देते हुए कहती है,,,, अम्मी जान संभालिए इसको,,,,
अब आगे 👉
फिर वह औरत लड़कियों की तरफ मुंह करके अपना घूंघट उठा देती है,,, अरे वसीम तुम,, तुम तो लड़की के लिबास में बहुत खूबसूरत लग रहे हो,,,,कहकर सब लोग हंसने लगते हैं,,,।
वसीम कहता है अम्मी जान देखा भाभी के नख़रे कह रहीं
हैं ,, तुम्हारे साथ नहीं,,, मैं अपने उनके साथ डांस करुंगी
नदीम सीमा की तरफ़ देखता है और सीमा नज़रें नीची कर लेती है,,,
रज़िया का लाल रंग का गोटा लगा दुपट्टा (चुन्नी) ओढ़े वसीम,, लड़कियों से कहता है,,, बड़ा बोरिंग गाना गा रही हो आप सब,,,अब महफ़िल हम जमाते हैं,,, ।
पैरों में घुंघरू बांध कर कहता है,,,,,,, अब आओ कौन कौन डांस करेगा मेरे साथ,,, गाना शुरू होता है,,
रेशमी सलवार कुर्ता जाली का
रूप सहा ना जाए नख़रे वाली का,,,,
रेशमी सलवार कुर्ता जाली का
जा रे पीछा छोड़ मुझ मतवाली का
काहे ढूंढे रास्ता कोतवाली का,,
और अपनी अम्मी जान का हाथ पकड़कर डांस के लिए बीच में पकड़ लाता है ,,, गाना जारी है,,,
रेशमी सलवार कुर्ता जाली का
रूप सहा नहीं जाए नख़रे वाली का
फिर भय्या भाभी की तरफ़ को देखकर गाता है
मैं हूं इश्क वाली मुझे समझना ऐसी वैसी
बड़े बड़ों की कर दी मैंने ऐसी तैसी,,,
तू किस थाली का काहे ढूंढे रास्ता कोतवाली का
रेशमी सलवार कुर्ता जाली का,,,
दादी जान अम्मी जान के साथ-साथ गाना खत्म होते ही सब ने ज़ोर ज़ोर से तालियां बजाई,,,,,।
देख कर बड़ा मज़ा आया,, वहां बैठा हुआ अब तो नदीम भी बहुत हंस रहा था,,,,,,।
पता चला चचाजान और अब्बू जान भी पर्दे के पीछे खड़े होकर डांस का मज़ा ले रहे थे,,
और सीमा अपने दिल में सोच रही थी,,, कितना खु़श है सब लोग,,,,, कोई नहीं जानता मुझ पर क्या गुज़र रही है,,
"अम्मी जान की तरफ़ देखती है!"
" वह बहुत खुश हैं,,!"
" अपने दिल पर पत्थर रखकर सोचती है"
" इन लोगों की खुशी के लिए मुझे चुप रहना होगा"
"अब तो घर पहुंच कर ही कोई फ़ैसला लिया जा सकता है,,।"
" यहां तो बेहतर यही है कि मैं चुपचाप बैठी रहूं,,,।"
तभी तभी नदीम की दादी जान सीमा के पास आती हैं और बड़े प्यार से पूछती हैं कैसी हो दुल्हन,,,,,,,,,,।
"मुंह दिखाई में क्या मिला,,,,,,,!"
"जी कंगन"
"अच्छा तो यह बात है"
"यह कंगन तुम्हें नदीम ने मुंह दिखाई में पहनाए हैं,,,!"
पसंद भी आया या नहीं,,, और मुस्कुराते हुए कहती हैं "कैसी गुज़री रात,,,,!"
"सीमा की आंखें आंसुओं से भर जाती हैं,,,।"
आगे की कहानी जाने के लिए पढ़ते रहिए धारावाहिक कसक तेरे प्यार की,,,
👉👉👉👉👉👉👉👉 क्रमशः
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून,, ✍️
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