कसक प्यार की ( भाग 2)
अब तक आपने पढा,, शादी में गाने जोर शोर से चल रहे हैं,,,,, गाने बजाने के बीच हंसी मजाक का दौर भी शामिल है अब आगे,,,, 👉
पर वाक़ई नानी जान का डांस,, और साथ में घर के लोग मोहे छम- छम बाजे पायलिया,,, पर जमकर नाचे,,,। इतना पुराना गाना होने पर भी हर उम्र का व्यक्ति मज़े ले कर डांस कर रहा था,,,,,!
तभी नानी को छेड़ते हुए आतिफ ने कहा,, "मज़ा आ गया नानी,,,,!"
" क्या डांस किया है आपने मेरे दादू आपको छुप छुप कर देख रहे थे,,,!"
"वह तो दादी थी सामने वरना उनकी भी बड़ी ख़्वाहिश थी आपके साथ डांस करने की,,,,,!"
" रुक जा मैं बताती हूं तुझे,,, इतनी लड़कियां घूम रही हैं और तू मेरे पीछे पड़ा है,,,!"
" पसंद कर ले इनमें से कोई,,,, अगला नंबर तेरा ही है,,!", और आतिफ़ ही ही ही करता हुआ वहां से भाग निकला,,,
इसी बीच सीमा की कॉलेज की सहेलियां भी आ गईं सब ने मिलकर रतजगे का प्रोग्राम बनाया था,, हलवाई आ चुका था रात भर मीठे गुलगुले बनाने के लिए,,,,, नानी जान हर वो रसम पूरी करवाना चाहती थीं,, जो उनके खा़नदान में पहले से होती आई थी,,,।
मजे़ की बात तो यह थी कि नानी जान और दादी जान समधन होने के साथ-साथ पक्की सहेलियां भी थीं,,,,,! और दोनों मिलकर आपा की शादी में चार चांद लगा रही थी,,,,,,!
गर्मागर्म गुलगुलों के साथ हंसी मज़ाक और चाय का दौर चलता रहा बहुत दिनों के बाद सारे रिश्तेदार एक जगह जमा हुए थे,,,,,, इसलिए हंसी और बातों का सिलसिला ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा था।
इसी बीच दादी जान की आवाज़ आई,,,,,!
"सीमा को कमरे में ले जाओ सो जाने दो इसको"
" इसके चेहरे पर थकान नहीं रहनी चाहिए नहीं तो ख़ूबसूरती उड़न छू हो जाएगी,,,!"
"और हां लड़कियों तुम लोगों को सोना मना है आज बहुत तैयारी कर रखी है तुम्हारी भाभीयों ने,,,!"
" और यह लड़के भी कब से घूम रहे हैं,,, जो पहले सो गया उसकी ख़ैर नहीं,,,!"
" सुबह को मूछ दाढ़ी काजल से बनी हुई मिलेगी मुंह पर,,!"
सारी लड़कियां ठहाका मारकर हंसने लगी,,,,!
" ठीक है" आपका हुकुम सर आंखों पर नानी जान,,,,, !"
"और हां तुम लोगों को रात भर महफिल जमानी है,,,!"
रात भर गाने बजाने होते रहे मीठे गुलगुले का दौर चलता रहा और बीच-बीच में लड़कियां चाय कॉफी भी पिलाती रही,,,। 3:04 बजे के आसपास सब पर नींद इतनी हावी हो गई जिसको जहां जगह मिली वहीं सो गया,,,।
सुबह सबसे पहले आयशा सो कर उठी उसने बाकी सहेलियों को जगाया,,, जैसे ही कुसुम की आंख खुली उसने आयशा की तरफ देखा,,,,,,,,,, और हंसते हंसते लोटपोट हो गई आयशा कुछ समझ नहीं पाई और कुसुम से बोली,,,,
" तू पागल हो गई है क्या ख़्वाब में कुछ देख लिया है तूने,,!"
"और हंसी के मारे उसके मुंह से एक शब्द भी ना निकला,, ,,!
आयशा अब दूसरे मेहमानों को देखने पहुंची,,, सीढ़ियों से उतरते हुए उसकी नज़र आतिफ पर पड़ी,, आतिफ को देखकर आयशा की भी हंसी फूट पड़ी,,,, आतिफ के होठों पर गहरी लिपिस्टिक और माथे पर बिंदी लगी थी,,,,,,!
जिसे देखकर आयशा हंसते हंसते लोटपोट हो गई और आतिफ आयशा को देखकर इतना हंसा के सीढ़ियों पर ही बैठ गया दोनों एक दूसरे की तरफ इशारा कर करके हंसे जा रहे थे,,,,।
आगे की कहानी जाने के लिए पढ़ते रहिए धारावाहिक कसक प्यार की,,,,
👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉 क्रमशः
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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