कसक तेरे प्यार की (भाग 21)
अब तक आपने पढ़ा नदीम से तंग आकर सीमा अपने घर जाना चाहती है पर वसीम उसको रोक लेता है अम्मी अब्बू के आने तक आप यहीं पर रहें,,,,।
अब आगे 👉
जब वह लोग आ जाएंगे तब जैसा मुनासिब समझेंगे वैसा हो जाएगा,,,।
"सुबह सीमा ने फैक्ट्री जाने से पहले नदीम से कहा,,,!"
" मुझे कुछ सामान खरीदना है मैं आपके साथ जाना चाहती हूं,,!"
"नदीम ने वसीम की तरफ़ देख कर कहा अरे वसीम तू ले जाना यार मैं आजकल बहुत बिजी हूं,,, !"
"वसीम कहता है भाईजान वैसे आपको जाना चाहिए फिर भी अगर आपको टाइम नहीं है तो मैं ले जाऊंगा,,,!"
वसीम फैक्ट्री से जल्दी घर वापस आ जाता है और सीमा को लेकर मॉल में आता है सीमा बहुत सी चीज़ों की शॉपिंग करती है फिर खाना भी वह वहीं पर खाते हैं,,,।
वसीम पूरे टाइम उसको खुश रखने की और हंसाने की कोशिश करता रहता है शाम को सारा सामान लेकर वह घर आते हैं ।
अब घर में झगड़ा भी नहीं होता क्योंकि सीमा ने नदीम से शिकायतें करना बंद कर दिया है वह ज़्यादा से ज़्यादा टाइम वसीम के साथ बिताती है,,,।
और वसीम भी सीमा की हर छोटी बड़ी ख्वाहिश का ध्यान रखता है,,,। सीमा को ऐसा महसूस होता है जैसे देवर के रूप में उसे कोई दोस्त मिल गया हो,,।
वह अपने दिल की सब बात वसीम को बताती है और वसीम उसे हिम्मत बंधाता रहता है,, ।
"वह कहता है सब ठीक हो जाएगा भाभी ।"
"अम्मी जान और अब्बू जान को आने दीजिए,,,!"
" दो दिन बाद वह लोग आने वाले हैं,,!"
"आप अम्मी जान को सब बातें ज़रूर बताइएगा,,,।"
" वह भाई जान का दिमाग़ एकदम ठीक कर देंगी,,,।
"फिर देखिए भाई के सर से प्यार का भूत कैसे गा़यब होता है,,,।"
" कहकर दोनों हंसने लगते हैं,,,।"
अम्मी और अब्बू जान आने वाले हैं नदीम और वसीम के साथ सीमा भी रिसीव करने स्टेशन पहुंचती है,,, बहू को साथ में देखकर वह लोग बहुत ख़ुश होते,, है,,।
दो-तीन दिन ठीक-ठाक गुज़र जाते हैं,,, नदीम भी अब टाइम से घर आने लगा है,,,।
आज सीमा की तबीयत ठीक नहीं है,,,,, सब लोगों के फैक्ट्री जाने के बाद सीमा अपने कमरे में आ कर लेट जाती है,,,,,।
अम्मी जान उसके पास आकर बैठती है और कहती है क्या बात आज तुम कुछ सुस्त दिखाई दे रही हो,,,।
वैसे मैं जब से आई हूं तुम्हारा चेहरा उतरा हुआ देख रही हूं कैसी तबीयत है तुम्हारी,,, ।
चाहो तो डॉक्टर को दिखा लो,,, इन दिनों औरतों की तबीयत कुछ सुस्त हो जाया करती है,,,।
सीमा घबराकर कहती है नहीं अम्मी जान ऐसी वैसी कोई बात नहीं है,,, ।
अम्मी कहती हैं यह तो डॉक्टर ही बताएगा वह सीमा के सर पर हाथ रखती हैं,,,,, इसमें घबराने की नहीं ख़ुश होने की बात होती है,,,।
सीमा अम्मी को समझाने की कोशिश करती है,,,, लेकिन वह कुछ समझने को तैयार नहीं,,,,
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कसक तेरे प्यार की,,,
👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉 क्रमशः
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून,, ✍️
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