कहते हैं कि भक्ति दिल से हो, तो भगवान भक्तों के इल्जाम भी अपने सिर ले लेता है. अमेरिका में हुआ एक दिलचस्प वाकया आपको भगवान और भक्त के रिश्ते को देखने का नया चश्मा देगा. इस केस में भक्त ने एक बेहद अश्लील और भद्दा अपराध किया. पकड़े जाने पर उसने सारा ठीकरा भगवान के सिर फोड़ दिया.
हुआ यूं कि एक शख्स चाइल्ड पॉर्न डाउनलोड करते हुए पकड़ा गया. शख्स भी कोई ऐसा-वैसा नहीं, बल्कि एक पादरी. चूंकि बच्चों से जुड़े पॉर्न को देखना और डाउनलोड करना कानूनन अपराध है, इसीलिए रेव केविन गुगिलोटा नाम का ये पादरी भी नप गया. जब उसे पकड़ा गया, तो अपने बचाव में पादरी साहब ने सारा ठीकरा भगवान के मत्थे मढ़ दिया. जब उससे पूछा गया कि चाइल्ड पॉर्न क्यों देखते थे, तो जनाब का कहना था कि वो बस भगवान से बदला लेना चाहता था.
भगवान वाला ऐंगल इस केस का एक्स फैक्टर है. रेव की उम्र है 55 साल. अमेरिका के पेन्सिलवीनिया में उसका एक घर है. जब भी चर्च में छुट्टी होती (हां, पादरियों को भी वीकली ऑफ मिलता है), तब रेव अपने इसी घर पर रुकता और पॉर्न डाउनलोड किया करता. कोर्ट रेकॉर्ड्स के मुताबिक, गिरफ्तार होने के बाद रेव ने भगवान के लिए अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ऊपरवाले से बदला लेने के लिए वो चाइल्ड पॉर्न देखा करता था.
रेव ने बताया कि वो पोकर खेल ने का शौकीन है. शुरुआत में वो काफी जीतता था, लेकिन बाद में किस्मत पलट गई. पोकर ताश का एक खेल है, जिसमें पैसा लगाया जाता है. ये कुछ-कुछ जुए जैसा ही है. रेव के मुताबिक, पोकर में उसकी हार कोई मामूली हार नहीं थी, बल्कि खुद भगवान ऊपर बैठकर उसकी हार की स्क्रिप्टिंग कर रहे थे. इसी बात से खीझकर रेव ने भगवान से बदला लेने की ठानी. ये बदले वाली बात हम नहीं कह रहे हैं, ये दावा खुद रेव ने किया है. हो सकता है कि धर्म से जुड़े होने के कारण रेव को अपने हर बुरे काम का सिरा भगवान से जोड़ने में सहूलियत नजर आई हो.
खैर, रेव को जेल भेज दिया गया है. सजा सुनाए जाने तक वो 10 महीने जेल में गुजार चुका था.
रेव के लगाए आरोपों पर गॉड का क्या जस्टिफिकेशन है, इसे जानने का हमारे पास कोई जरिया नहीं. अगर होता, तो यकीनन भगवान बहुत स्ट्रॉन्ग स्टैंड लेते. शायद वो रेव को दो-चार झापड़ भी रसीद देते. इतना ही क्यों, कायदे से उसकी मरम्मत भी करते. जुए में हारने की खीझ कोई चाइल्ड पॉर्न देखकर निकाले, ये तो सोचकर भी घिन आ जाती है.
हर साल अनगिनत बच्चे चाइल्ड पॉर्नॉग्रफी की चपेट में आते हैं. उनके साथ इस-इस तरह का जुल्म होता है कि आपका दिमाग कल्पना भी नहीं कर सकता. दुनिया के कई देशों में 18 साल से कम उम्र के किसी नाबालिग/बच्चे पर फिल्माए गए पॉर्न को प्रोड्यूस करना, देखना, अपने पास रखना, किसी और को देना या इसे बेचना कानूनन अपराध है. इंटरनेट के आने के बाद चाइल्ड पॉर्नॉग्रफी बहुत बढ़ गई है.
लोगों को लगता है कि उनके ऊपर किसी की नजर नहीं है, उन्हें कोई नहीं देख रहा है, तो वे एक से एक घिनौनी हरकतों पर उतर आते हैं. चाइल्ड पॉर्न, रेप पॉर्न, ऐनिमल पॉर्न… ये सब इसी तरह की हैवानियत के नाम हैं.
साभार: द लल्लनटॉप