चीन की मीडिया में कैसे कैसे चीनिये भरे हैं ये हमको उस वक्त पता चला जब उन्होंने एक कथित फनी वीडियो बनाया. कथित इसलिए क्योंकि इसमें लाफ्टर ढूंढना भी चैलेंज था, इसीलिए उन्होंने बीच बीच में कहीं भी नकली लाफ्टर डाल रखा था कि आप मुंह फाड़ के हंस दें. लेकिन ठेंगा, शायद ही शिन्हुआ न्यूज के दफ्तर में बैठकर कागज के प्लेन उड़ाने वालों के अलावा किसी को हंसी आई होगी. वो वीडियो देख लें.
उन्होंने सेवेन सिन्स ऑफ इंडिया बताए थे, हम इनके 9 खुराफात बताते हैं.
1. विक्टिम कार्ड खेल ा
चीनिये ने अपनी वीडियो में विक्टिम शब्द का प्रयोग किया है, यानी हम उनको परेशान कर रहे हैं. हद है यार. साला दुनिया के हर उस देश में जिसका हमने नाम भी नहीं सुना होगा वहां तुम्हारा सामान सप्लाई होता है, हमारे यहां रक्षाबंधन की राखी से लेकर दीवाली की झालर तक तुम्हारे यहां से स्मगल होकर आती है. दुनिया की दूसरे नंबर की इकॉनमी हो और तुम विक्टिम हो.
2. तिब्बत को गुलाम बनाया
तिब्बत को दबाकर रखा है उनकी जिंदगी हराम कर रखी है वो चीन से आजादी चाहता है. लेकिन चीन वाले ऐसे रो रहे हैं- मौत ने हमको मारा है और हम जिंदगी के सताए हुए हैं.
3. 6 साल के लामा को गायब किया
14 मई 1995 को 6 साल के बच्चे गेधुन चोयकी निमा को 11वां पांशेन लामा चुना गया और उसी वक्त चीन की सरकार ने इसे अरेस्ट करके दूसरा बच्चा उस कुर्सी पर बिठा दिया जिसे तिब्बत ने कभी स्वीकार नहीं किया. 22 साल से वो बच्चा गायब है और ह्यूमन राइट्स वालों ने उसे दुनिया का सबसे छोटा पॉलिटिकल कैदी कहा है. उसे गायब करने वाले खुद को विक्टिम कह रहे हैं.
4. डेमोक्रेसी की मांग करने वालों को कुचला
फर्जी टाइम की डेमोक्रेसी है गिनती के पॉलिटिकल लीडर्स हैं जिनके हाथ में सारी पावर है. थियानमेन स्क्वेयर याद ही होगा. 1989 में स्टूडेंट्स ने डेमोक्रेसी की मांग की तो उन पर टैंक चढ़ाकर कुचल दिया गया था. और ये कहते हैं कि विक्टिम हैं.
5. 62 के वॉर पर प्रोपेगेंडा
2008 में अचानक यूट्यूब पर एक 16 मिनट की डॉक्यूमेंट्री आ गई थी. ब्लैक एंड व्हाइट पुराने जमाने की जिसमें चाइना ने दिखाया था कि उन्होंने हमले के जवाब में हम पर हमला किया था जबकि सच ये है कि शुरुआत उधर से हुई थी. इसमें दिखाया गया कि वो भारतीय सैनिकों का बड़ा खयाल रख रहे हैं और ढेर सारा झूठ. लेकिन सच्चाई को ऐसे पलटा नहीं जा सकता.
6. इंटरनेट पर सेंसरशिप
जो इंटरनेट हम धकापेल चलाते हैं उसकी चाइना में छीछालेदर है. नेट के यूज पर 60 से ज्यादा कानून हैं वहां और नेट का मनमाना यूज करने की वजह से जेल की हवा खा रहे कैदी सबसे ज्यादा हैं. गूगल फेसबुक छोड़ो, वहां विकीपीडिया तक नहीं चलता.
7. ग्वादर पोर्ट पर साजिश
पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट का ठेका चीन की एक सरकारी कंपनी ने ले लिया है. जैसे हमको तो इसका मतलब पता नहीं है? इस ठेकेदारी की आड़ में वहां अपने अड्डे बनाएंगे और हमको आंख दिखाएंगे.
8. डोकलाम को लेकर झूठ फैलाया
डोकलाम के चक्कर में पड़े हैं, कह रहे हैं कि चीन का हिस्सा है जबकि वो भूटान का है, भूटान ने भारत से मदद मांगी और भारत ने मदद की. चीन 1890 के ब्रिटिश सरकार की तरफ से किए गए जिस एग्रीमेंट की बात कर रहा है उसे कभी यूनाइटेड नेशन में पेश नहीं किया. और अब तो जापान ने भी इस पर भारत का समर्थन किया है.
9. हमारी सीमा में सैनिक भेजकर धक्कामुक्की
कभी हमारे देश में एक किलोमीटर अंदर तक घुस आते हैं तो कभी हमारा बॉर्डर पार करके सैनिकों से धक्कामुक्की करते हैं. इस बार तो पत्थर मारकर भागे थे और बदले में परसाद भी पाए.
चलते चलते हम ये भी बता दें कि हमको हंसाने के लिए किसी फर्जी चाइनीज को बिठाने की जरूरत नहीं पड़ी. क्योंकि किसी के बिलीफ, बॉडी शेप जैसी चीजों का मजाक उड़ाना हमारा काम नहीं है.
चीन की मीडिया में कैसे कैसे चीनिये भरे हैं ये हमको उस वक्त पता चला जब उन्होंने एक कथित फनी वीडियो बनाया. कथित इसलिए क्योंकि इसमें लाफ्टर ढूंढना भी चैलेंज था, इसीलिए उन्होंने बीच बीच में कहीं भी नकली लाफ्टर डाल रखा था कि आप मुंह फाड़ के हंस दें. लेकिन ठेंगा, शायद ही शिन्हुआ न्यूज के दफ्तर में बैठकर कागज के प्लेन उड़ाने वालों के अलावा किसी को हंसी आई होगी. वो वीडियो देख लें.
उन्होंने सेवेन सिन्स ऑफ इंडिया बताए थे, हम इनके 9 खुराफात बताते हैं.
1. विक्टिम कार्ड खेला
चीनिये ने अपनी वीडियो में विक्टिम शब्द का प्रयोग किया है, यानी हम उनको परेशान कर रहे हैं. हद है यार. साला दुनिया के हर उस देश में जिसका हमने नाम भी नहीं सुना होगा वहां तुम्हारा सामान सप्लाई होता है, हमारे यहां रक्षाबंधन की राखी से लेकर दीवाली की झालर तक तुम्हारे यहां से स्मगल होकर आती है. दुनिया की दूसरे नंबर की इकॉनमी हो और तुम विक्टिम हो.
2. तिब्बत को गुलाम बनाया
तिब्बत को दबाकर रखा है उनकी जिंदगी हराम कर रखी है वो चीन से आजादी चाहता है. लेकिन चीन वाले ऐसे रो रहे हैं- मौत ने हमको मारा है और हम जिंदगी के सताए हुए हैं.
3. 6 साल के लामा को गायब किया
14 मई 1995 को 6 साल के बच्चे गेधुन चोयकी निमा को 11वां पांशेन लामा चुना गया और उसी वक्त चीन की सरकार ने इसे अरेस्ट करके दूसरा बच्चा उस कुर्सी पर बिठा दिया जिसे तिब्बत ने कभी स्वीकार नहीं किया. 22 साल से वो बच्चा गायब है और ह्यूमन राइट्स वालों ने उसे दुनिया का सबसे छोटा पॉलिटिकल कैदी कहा है. उसे गायब करने वाले खुद को विक्टिम कह रहे हैं.
4. डेमोक्रेसी की मांग करने वालों को कुचला
फर्जी टाइम की डेमोक्रेसी है गिनती के पॉलिटिकल लीडर्स हैं जिनके हाथ में सारी पावर है. थियानमेन स्क्वेयर याद ही होगा. 1989 में स्टूडेंट्स ने डेमोक्रेसी की मांग की तो उन पर टैंक चढ़ाकर कुचल दिया गया था. और ये कहते हैं कि विक्टिम हैं.
5. 62 के वॉर पर प्रोपेगेंडा
2008 में अचानक यूट्यूब पर एक 16 मिनट की डॉक्यूमेंट्री आ गई थी. ब्लैक एंड व्हाइट पुराने जमाने की जिसमें चाइना ने दिखाया था कि उन्होंने हमले के जवाब में हम पर हमला किया था जबकि सच ये है कि शुरुआत उधर से हुई थी. इसमें दिखाया गया कि वो भारतीय सैनिकों का बड़ा खयाल रख रहे हैं और ढेर सारा झूठ. लेकिन सच्चाई को ऐसे पलटा नहीं जा सकता.
6. इंटरनेट पर सेंसरशिप
जो इंटरनेट हम धकापेल चलाते हैं उसकी चाइना में छीछालेदर है. नेट के यूज पर 60 से ज्यादा कानून हैं वहां और नेट का मनमाना यूज करने की वजह से जेल की हवा खा रहे कैदी सबसे ज्यादा हैं. गूगल फेसबुक छोड़ो, वहां विकीपीडिया तक नहीं चलता.
7. ग्वादर पोर्ट पर साजिश
पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट का ठेका चीन की एक सरकारी कंपनी ने ले लिया है. जैसे हमको तो इसका मतलब पता नहीं है? इस ठेकेदारी की आड़ में वहां अपने अड्डे बनाएंगे और हमको आंख दिखाएंगे.
8. डोकलाम को लेकर झूठ फैलाया
डोकलाम के चक्कर में पड़े हैं, कह रहे हैं कि चीन का हिस्सा है जबकि वो भूटान का है, भूटान ने भारत से मदद मांगी और भारत ने मदद की. चीन 1890 के ब्रिटिश सरकार की तरफ से किए गए जिस एग्रीमेंट की बात कर रहा है उसे कभी यूनाइटेड नेशन में पेश नहीं किया. और अब तो जापान ने भी इस पर भारत का समर्थन किया है.
9. हमारी सीमा में सैनिक भेजकर धक्कामुक्की
कभी हमारे देश में एक किलोमीटर अंदर तक घुस आते हैं तो कभी हमारा बॉर्डर पार करके सैनिकों से धक्कामुक्की करते हैं. इस बार तो पत्थर मारकर भागे थे और बदले में परसाद भी पाए.
चलते चलते हम ये भी बता दें कि हमको हंसाने के लिए किसी फर्जी चाइनीज को बिठाने की जरूरत नहीं पड़ी. क्योंकि किसी के बिलीफ, बॉडी शेप जैसी चीजों का मजाक उड़ाना हमारा काम नहीं है.
साभार: द लल्लनटॉप