अगर आपको लगता है कि क्रीम-पाउडर का दीवानापन कवल इंडिया और पाकिस्तान जैसे देशों में है तो आज आपकी सोच बदलने वाली है. अंग्रेज लोग यानी इंगलैंड वाले एक ऐसी क्रीम के लिए पागल हो रहे हैं जो अभी तक मार्केट में लॉन्च भी नहीं हुई है.
एवॉन ब्रांड आने वाले महीने एक नया सीरम मार्किट में उतार रहा है, जो दावा करता है कि ये आपकी झुर्रियां और काले घेरे ख़त्म कर देगा. ‘अन्यू’ नाइट क्रीम के नाम से मार्केट में आने वाली इस क्रीम की कीमत लगभग 2300 रुपये पड़ेगी. प्रोडक्ट की लॉन्चिंग 7 सितंबर को है, और कमाल की बात तो ये है कि इसकी प्री-बुकिंग चालू हो गई है. लगभग 30 हजार लोग अभी से इस क्रीम को पाने के लिए ‘वेटिंग’ में हैं.
लेकिन ऐसा क्या है क्रीम में?
क्रीम को बनाने वाले बड़े बड़े दावे कर रहे हैं. कंपनी के मुताबक इस प्रोडक्ट को 3 साल की रिसर्च के बाद बनाया गया है. क्रीम बनाने वाले ये कहते हैं कि जब हम एक तरह की क्रीम लगाते रहते हैं तो हमारी खाल उस क्रीम की आदी हो जाती है और सर करना बंद कर देती है. इसलिए इस क्रीम में दो अलग अलग क्रीम होंगी.
कभी आपके घर में कोई बुजुर्ग तंबाकू का आदी रहा है? मेरी दादी खूब तंबाकू खाती थीं. उनके पास एक डिबिया थी, जिसे हमारे उधर ‘चुनौटी’ कहते थे. उसमें आगे-पीछे दो ढक्कन होते थे. एक तरफ से चूना निकलता था, एक तरफ से तंबाकू. सुना है इस क्रीम का डब्बा भी वैसा ही होगा. एक तरफ वाली क्रीम आपकी स्किन को दूसरी तरफ वाली क्रीम के लिए तैयार करेगी. दूसरी तरफ वाली क्रीम में ‘रेटिनॉल’ होगा. रेटिनॉल विटामिन ए का सोर्स होता है. कहते हैं ये स्किन को जवान बनाता है. सात दिन एक तरफ से क्रीम लगाना है, फिर 7 दिन दूसरी तरफ. इससे स्किन को क्रीम की आदत नहीं पड़ेगी. ऐसा कंपनी का कहना है.
ये पहली बार नहीं जब जनता पगलाई है
सुना है इंगलैंड में ऐसा जनवरी में भी हुआ था. ‘नंबर 7’ नाम की कंपनी के भी इसी तरह का प्रोडक्ट निकाला था, जिसकी खूब बुकिंग हुई थी. कंपनी का ये भी बताना है कि ये प्रोडक्ट उन्होंने 116 औरतों पर टेस्ट किया. और 10 में से 9 औरतों को इससे फायदा हुआ. दूसरी एंटी-एजिंग क्रीम्स यूज करने वाली कई औरतों का भी ये मानना है कि ये उन्हें फायदा करती हैं. इंडिया में भी ओले क्रीम के लॉन्च पर लोग बावले हुए थे. हां, तब प्री-बुकिंग का ज़माना नहीं था.
बुढ़ापे से हमें तकलीफ क्यों है?
हम बूढ़े नहीं होना चाहते. और इसकी वजह महज ये नहीं है कि ये हमें शारीरिक रूप से कमजोर कर देता है. इसकी एक बड़ी वजह ये है कि हम बूढ़े दिखना नहीं चाहते. और बूढ़े न दिखने के लिए बाल, मूछें, रंगते हैं, झुर्रियां मिटाने की क्रीम लगाते हैं. तस्वीरें खिंचवाते टाइम सांस खींच के पेट अंदर कर लेते हैं कि फोटो में उम्र के साथ निकली तोंद न आ जाए. हम ये नहीं सोचते कि स्वस्थ रहने के लिए क्या करें, हम ये सोचते हैं कि जवान दिखने के लिए क्या करें.
बुढ़ापे से कई तरह के विश्वास जुड़े हैं. जैसे बूढ़े लोग घूमने फिरने नहीं जाते, जीवन के मजे लेने बैंड कर देते हैं. और तो और, प्रेम की उम्र निकल जाती है. बुढ़ापे को हमने त्याग, निर्मोह और सादगी से इस कदर जोड़ दिया है कि अगर उम्रदराज लोग उत्साह दिखाते भी हैं, तो उनके हमउम्र और उनसे छोटे लोग उन्हें ताना मारते हैं. कि इन्हें इस उम्र में जवानी सूझ रही है.
और हम बाजार के झांसे में आ जाते हैं
गांवों से लेकर शहरों तक, हर घर में फेयर एंड लवली का पाया जाना कोई संयोग नहीं. ये हमारा पागलपन है गोरा होने के लिए. ऐसा नहीं कि हम बेवकूफ हैं. मगर मार्केट को पता है कि हम कितनी शिद्दत से गोरे होना चाहते हैं. और इसलिए वो हमारी इस कमी पर खेल ता है. दुनिया भर में लोग बूढ़े नहीं होना चाहते. इसलिए आज इस क्रीम के आने के पहले ही उसे 30 हजार लोग खरीद चुके हैं.