गुरमीत राम रहीम ने अपनी लाइफ में वो हर काम किया है जहां थोड़ी भी पब्लिसिटी मिले. धार्मिक प्रवचनों से लेकर फिल्में बनाने और एक्टिंग करने, राजनीति से जुड़े लोगों तक पहुंच और स्पोर्ट्स के नाम पर फुल तमाशा करने में ये इंसान कभी पीछे नहीं रहा. ट्विटर पर इनके अकांउट पर लिखी इनकी प्रोफाइल में यूं तो कई रोल लिखे हैं मगर खुद को ऑलराउंडर भी बताया है. गुरमीत की खुद को स्पोर्ट्समैन कहने वाली हर स्टेटमेंट किसी स्टंट से कम नहीं दिखती है.
लंबे समय से सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें दिखाया जा रहा है कि गुरमीत राम रहीम विराट कोहली और शिखर धवन समेत कई दूसरे बड़े खिलाड़ियों को कोचिंग देने की बात करते दिख रहे हैं. पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए गुरमीत ये तक कह जाते हैं कि “विराट कोहली को हमने बहुत सिखाया है. चाहे वो इस बात को न मानें, मगर हमारे पास उनके वीडियो भी हैं. चाहें तो आपको दिखा सकते हैं.’ एक बच्चा भी गुरमीत की इस बात को समझ सकता है कि ये इंसान पब्लिसिटी के लिए किस हद तक पागल रहा है. करोड़ों की संख्या में अनुयायी या यूं कहें कि अंध भक्त पालने वाले राम रहीम ने अपने पैसे और पावर का इस्तेमाल स्पोर्ट्स में भी खूब किया.
ये है वो वीडियो-
खुद के नियम बनाए
राम रहीम के सिरसा में स्थित स्टेडियम में साल 2007 में एक टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट हुआ था. जिस भी क्रिकेटर ने इस ग्राउंड पर एक बार खेल ा, उसने दोबारा यहां आकर खेलने से मना कर दिया. यहां सुविधाओं की कोई कमी नहीं है, बल्कि डेरा सच्चा सौदा के अपने खेल नियम हैं जो बहुत अजीब हैं. नवभारत टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक 2007 में सिरसा के इस ग्राउंड पर ऑल इंडिया लेवल का क्रिकेट टूर्नामेंट हुआ था. कई राज्यों से टीमें आईं थी. उत्तर रेलवे की तरफ से खेलने वाले खिलाड़ियों में से एक विवेक ने अखबार को बताया कि जब वो बैटिंग करने उतरा तो पहली ही गेंद पर चौका मारा और फिर अगली गेंद का सामना करने के लिए तैयार हो गया. “लेकिन गेंदबाज ने गेंद नहीं डाली. मैं हैरान हो गया. तभी मुझे बताया गया कि हर चौके या छक्के के बाद बाबा को प्रणाम करना होता है. बाबा ग्राउंड के बाहर एक ऊंची गद्दी पर बैठे थे.” बैट्समैन ही नहीं, बॉलर भी हर ओवर से पहले राम रहीम के आगे मत्था टेकते थे. मशहूर क्रिकेटर जोगिंदर शर्मा भी मत्था टेकने वालों में शामिल थे. उत्तर रेलवे के कोच रहे आनंद मिश्रा ने कहा कि “ये सब अजीबोगरीब नियम देखकर हमने पहली बार में ही फैसला कर लिया था कि अगली बार से हम नहीं आएंगे
रसूख और प्रभाव इतना कि योगा फेडरेशन ऑफ इंडिया ने अप्रैल 2017 में गुरमीत राम रहीम का नाम कोचिंग के सबसे बड़े पुरस्कार द्रोणाचार्य अवॉर्ड के लिए भारत सरकार को भेजा था. ये सिफारिश फेडरेशन के बाकायदा लिखकर की थी कि गुरमीत ने कई ‘वर्ल्ड चैम्पियन योगी’ तैयार किए हैं. साथ ही डेरा सच्चा सौदा के इस मुखिया को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड देने के लिए भी सिफारिश की गई थी.
# डेरा की वेबसाइट पर इस स्टेडियम के बारे में लिखा है कि ये शाह सतनाम जी क्रिकेट स्टेडियम 42 दिनों में बनकर तैयार हो गया था.
# रहीम ये दावा करता रहा है कि उसने विराट कोहली और विजेद्र सिंह को क्रिकेट और बॉक्सिंग की कोचिंग दी है.
# इसके अलावा वो खुद 32 खेलों में नेशनल लेवल का एथलीट रह चुका है.
साभार: द लल्लनटॉप