4 से 12 अगस्त के बीच कैनेडा में वर्ल्ड ड्वार्फ गेम्स का आयोजन हुआ. ड्वार्फ गेम्स को आसान भाषा में बौनों की खेल प्रतियोगिता कहा जा सकता है. इसमें भारतीय टीम भी गई थी. टीम ने इसमें शानदार प्रदर्शन करते हुए 36 मेडल अपने नाम किए. इसमें भी 14 गोल्ड, 10 सिल्वर और 12 ब्रॉन्ज मेडल हैं. देश का खूब नाम रोशन किया इन्होंने. अब सवाल उठता है देश ने इनके लिए क्या किया. मेडल जीतने के पीछे की कहानी जानकर आप भी यही कहेंगे. इस आयोजन में हिस्सा लेने के लिए इन खिलाड़ियों को कोई सरकारी मदद नहीं मिली थी. किसी ने दोस्तों-रिश्तेदारों से तो किसी ने बैंक से कर्ज लिया. तब जाकर कैनेडा की टिकट हो पाई.
एनजीओ ने किया कैनेडा में रुकने का इंतजाम
सरकारी लापरवाही का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि कैनेडा में टीम के पास ठहरने तक का इंतजाम नहीं था. इन खिलाड़ियों ने ना सिर्फ अपने आने-जाने का इंतजाम किया बल्कि ठहरने के इंतजाम के लिए भी मदद मांगी. सहारा लिया फेसबुक का. मदद को सरकार तो सामने नहीं आई पर एक एनजीओ जरूर आ गया. नाम है ‘श्रृंगेरी विद्या भारती फाउंडेशन’. इसने कैनेडा के अपने एक कम्युनिटी सेंटर में खिलाड़ियों के रुकने का इंतजाम करवाया.
24 देशों के 400 खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा
कैनेडा में हुए ड्वार्फ वर्ल्ड गेम्स के 7वें संस्करण में 24 देशों के तक़रीबन 400 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था. भारत की 21 सदस्यीय टीम में सबसे ज़्यादा 6 मेडल जॉबी मैथ्यू ने जीते हैं. जॉबी ने भारत लौटने पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि अपने देश के लिए मेडल लाना बहुत ही शानदार अनुभव है. उनकी ख़ुशी का ठिकाना ही नहीं है. जॉबी ने बैडमिंटन डबल्स, बैडमिंटन सिंगल्स, शॉट पुट, जैवलीन थ्रो, डिस्कस थ्रो और पावरलिफ्टिंग जैसी स्पर्धाओं में भाग लिया. जिसमें उन्होंने 2 गोल्ड, 3 सिल्वर और 1 ब्रॉन्ज मेडल जीता.
एक अन्य एथलीट अरुणाचलम नलिनी ने कहा, ‘ये टूर्नामेंट हमारे ओलंपिक जैसा है. बौनो का ओलंपिक. अपने सबसे बड़े खेलों में देश के लिए मेडल लाना सच में बहुत अच्छा अनुभव है.’ नलिनी ने इन खेलों में 1 गोल्ड समेत 5 मेडल जीते हैं.
सरकार, खेल मंत्रालय ने इन खिलाड़ियों की भले ही कोई मदद ना की हो. पर जब क्रेडिट लेने की बारी आई तो खेल मंत्री जरा भी ना चूके. विजय गोयल ने खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन के लिए ट्विटर पर बधाई दी. देखिये ट्वीट:
Follow@VijayGoelBJPBrilliant! So proud of the contingent. twitter.com/ParveenKaswan/ …
Follow@virendersehwagWonderful effort by Team India. Standing tall with 37 medals(15 gold)at World Dwarf Games known as'Olympics of little people'held in Toronto
क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने ड्वार्फ टीम को उनकी जीत के लिए बधाई दी
गनीमत है आजादी के दिन तो याद किया
15 अगस्त को कैनेडा में रही इस टीम को हालांकि वहां के स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने के लिए भारतीय कॉन्सुलेट जरूर बुलाया गया. टीम कांसुलेट में बहुत ही खुश और गदगद नज़र आ रही थी. टीम के कोच और मैनजर शिवानंद गुंजाल ने मीडिया को बताया कि ये साल उनकी टीम के लिए बहुत अच्छा रहा. उनके खिलाड़ियों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है. देश को 15 अगस्त पर 14 गोल्ड मेडल्स देकर अच्छा लग रहा है. ये हमारे लिए गर्व की बात है.
ड्वार्फ टीम के मैनेज़र और कोच शिवानंद गुंजाल
समय की मांग है और बहुत जरूरी मांग है कि हम सिर्फ क्रिकेट के बारे में सोचना कम करके और खेलों के बारे में भी सोचें. अगर हम दूसरे खेलों को भी उसी श्रद्धाभाव से देखें जैसे क्रिकेट को देखते हैं, तो इनकी भी हालत सुधरते देर नहीं लगेगी. खासकर सरकारों को ध्यान देना होगा कि अन्य खेलों के लिए जरूरी इंतजाम हों. क्योंकि देश में टैलेंट की कमी नहीं है, और न ही फंड्स की कमी है. कमी है तो बस इच्छाशक्ति की.