दोस्तों, दुनिया में शायद ही ऐसा कोई इंसान हो जो फ़िल्में देखता हो और James Bond को न जानता हो। हम सभी अपनी ज़िंदगी के किसी न किसी दौर में James Bond से ज़रूर प्रेरित थे और उसी की तरह बनना भी चाहते थे। दुनिया की सबसे fast cars, latest models of gadgets, महंगे सूट और beautiful girls उस किरदार की चमक में इज़ाफा करती थीं, और रही-सही कसर उसका देश के नाम पर कुर्बान हो जाने की प्रतिब्द्धता पूरा कर देती थी। आख़िर हम लोगों में से ऐसे कितने ही हैं जो James Bond को पर्दे पर देख कर देश के लिए कुछ कर गुज़रना चाहते थे।
वास्तविक दुनिया में और ख़ास तौर पर भारत में यदि आप ऐसे ही किसी किरदार की तलाश करें तो आपकी तलाश श्री अजीत कुमार डोवाल पर आकर ठहर सकती है। अजीत जो भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (National Security Advisor) हैं। अजीत के बराबर की ऊंचाईयों पर पहुंचना कोई हंसी-ठिठोली नहीं है। पेश है, हमारे अपने James Bond से जुड़ी 10 ऐसी कही-अनकही बातें जो श्री अजीत डोवाल को ख़ास बनाती हैं –
1. वे पाकिस्तान में 7 वर्षों तक ख़ूफिया जासूस की भूमिका में रह चुके हैं – सीमा के इस पार तो लोग सुरक्षित नहीं हैं, और सीमा पार रह कर देश के लिए अहम जानकारियां मुहैय्या कराना कोई बच्चों का खेल नहीं है।
2. पाकिस्तान में undercover agent की भूमिका के बाद वे इस्लामाबाद में स्थित Indian High Commission के लिए 6 वर्षों तक काम करते रहे।
3. क्या आपको कांधार में IC-814 का अपहरण याद है? इस पूरे प्रकरण में अपहृत लोगों को सुरक्षित वापस बुलाने में उनकी अहम भूमिका थी – सन् 1971 से 1999 के बीच वे 15 ऐसे अपहरण के मामले सुलझा चुके हैं।
4. सन् 1986 में वे Mizoram में field agent की भूमिका में थे. वहां उन्होंने Mizo National Front बना कर भारत सरकार के खिलाफ़ हथियार उठा चुके लड़ाकों को समझा-बुझा कर और बल पूर्वक हथियार छोड़ने हेतु मना लिया। उन्होंने Mizo fighters को शांति मार्ग पर चलने हेतु प्रेरित किया – इस पूरे प्रकरण और भारतीय राज्य मशीनरी के घुसपैठ से Mizo fighters का मनोबल टूट गया, और इस प्रकार 20 सालों से चली आ रही अंतर्कलह व विरोध का अंत हो गया।
5. सन् 80 के दशकों में वे बतौर Pakistani Agent , अमृतसर के Golden Temple में दाखिल हुए थे और Khalistan के लिए लड़ रहे लड़ाकों से अहम जानकारियां बाहर ले आए थे – कहा जाता है कि वे एक रिक्शा चालक के वेश में वहां दाखिल हुए थे. Operation Black Thunder ने विद्रोहियों को आत्मसमर्पण पर मजबूर कर दिया था।
6. उन्होंने कश्मीर के विरोधी ‘कूका परे’ (Kuka Parray) और उसके साथी लड़ाकों को प्रतिवादी ताकत बनने के लिए मना लिया – इसकी वजह से जम्मू कश्मीर में 1996 से चुनाव हो रहे हैं।
7. वे सबसे कम उम्र के पुलिस अफ़सर हैं जिन्हें विशेष सेवा के लिए पुलिस मेडल मिला था – उन्हें इस तमगे को हासिल करने में सिर्फ़ 6 साल लगे।
8. सन् 2014 के जून माह में Islamic State (IS) द्वारा बंधक बनाई गयी 46 भारतीय नर्सों को वे सबके चंगुल से सुरक्षित वापस ले आए – यह मामला Iraq के Tikrit शहर का है।
9. अजीत न सिर्फ़ एक बेहतरीन खूफ़िया जासूस हैं बल्कि एक बढ़िया रणनीतिकार भी हैं. वे कश्मीरी अलगाववादियों जैसे यासिन मलिक, शब्बीर शाह के बीच भी उतने ही popular हैं जितना भारत के आला अफ़सरों के बीच – अगर उन्हें एक बेहतरीन मनोवै ज्ञान िक कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
10. देश में शांति के दौरान दिये जाने वाले प्रशस्ति तमगे – कीर्ति चक्र से भी उन्हें नवाज़ा जा चुका है – इसमें Operation Black Thunder की बहुत ही अहम भूमिका रही है।
अब तो आप समझ ही गए होंगे कि हम James Bond के बजाय श्री अजीत डोवाल पर क्यों फिदा रहते हैं और हमारे देश को ऐसे कितने ही अजीत डोवाल जी की ज़रूरत है।
साभार : नियमित पाठक