इंटरनेट पर ऐसा मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें कहा गया कि अब इंडिया में हर साल 56 रुपए फीस देने वाले ही व्हाट्सऐप चला सकें
नई दिल्ली. इंटरनेट पर एक ऐसी खबर और मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें कहा गया कि अब इंडिया में हर साल 56 रुपए फीस देने वाले ही व्हाट्सऐप चला सकेंगे। इसे देने के बाद ही यूजर्स इस ऐप को यूज कर सकेंगे। ऐसे में नरेंद्र मोदी के Made In India नारे के तहत अमेरिकन ऐप व्हाट्स ऐप को डिलीट कर इंडियन सोशल मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम को डाउनलोड करें।
वायरल क्या हुआ?
- वायरल मैसेज में डिलीट व्हाट्सऐप टैगलाइन के साथ दावा किया जा रहा है, 'आज नरेंद्र मोदी ने Made in india का नारा दिया है। आइए पहल करें अमेरिकन ऐप WhatsApp की जगह इंडियन TELEGRAM को अपनाएं। आखिर यह पहला भारतीय सोशल मीडिया ऐप है। चीनियों ने WhatsApp को ठुकरा कर मेड इन चाइना WeChat को अपनाया है, तो आखिर हम पहल कब करेंगे? Whats App एक साल इस्तेमाल करो और बंद करो उसकी एक साल की कीमत 56 रुपए है। भारत में कुल 20 करोड़ भारतीय WhatsApp इस्तेमाल करते हैं तो 20 करोड़ × 56 रुपए = 1120 करोड़ रुपए भारत के बाहर जाने वाला है। जानकारी के लिए कृपया ये Message सबको भेजो और TELEGRAM डाउनलोड करो...'
- इसी से जुड़े एक अन्य वायरल मैसेज के मुताबिक, मोदीजी के Made in india नारे को आगे बढ़ाओ। भारतीयों से अपील है कि 1 September से भारत में WhatsApp चलाने के लिए 56 रुपए साल का देना होगा। इसके बिना यूज नहीं कर पाएंगे। ऐसे में अमेरिकन ऐप WhatsApp को बंद करके इसकी जगह भारत की कंपनी की ओर से बनाए सोशल मीडिया ऐप Telegram का यूज करें। इससे 20 करोड़ भारतीय WhatsApp यूजर्स के फीस के तौर पर 1120 करोड़ रुपए भारत के बाहर जाने से बचेंगे। तुरंत WhatsApp को डिलीट करें।
हमारी इन्वेस्टिगेशन में सामने आई ये सच्चाई
- वायरल मैसेज में 3 दावे किए जा रहे हैं, पहला व्हाट्सऐप 1 सितंबर से इंडियन यूजर्स से 56 रुपए चार्ज लेगा। दूसरा, Made In India के तहत अमेरिकी ऐप व्हाट्सऐप को बंद करके जिस इंडियन सोशल मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम को यूज करने की अपील की जा रही है क्या वो ऐप भारतीय कंपनी ने बनाया है?
- पहले दावे का सच जानने के लिए हमनें व्हाट्सऐप की पैरेंट कंपनी फेसबुक की वेबसाइट पर इससे जुड़ा अनाउंसमेंट सर्च करना शुरू किया। काफी सर्च करने के बाद भी हमें 1 सितंबर से इंडिया में 56 रुपए चार्ज लेने से जुड़ा कोई ऐलान नहीं मिला।
- फिर हमनें दावे का सच जानने के लिए फेसबुक (व्हाट्सऐप की पैरेंट कंपनी) के एक सीनियर इंडियन ऑफिसर से बात की। उन्होंने बताया कि 'वायरल मैसेज में 1 सितंबर से इंडिया में व्हाट्सऐप चलाने के लिए 56 रुपए चार्ज लगने से जुड़ा दावा फेक है। लोग इस पर भरोसा न करें। व्हाट्सऐप या फेसबुक ऐसा कुछ नहीं करने जा रहा है।'
- दूसरे दावे का सच जानने के लिए हमनें सोशल मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम की ऑफिशियल साइट पर विजिट करके कंपनी के बारे में जानकारी खोजना स्टार्ट किया। काफी सर्च करने के बाद वेबसाइट के F&Q सेक्शन में पता चला कि टेलीग्राम एक जर्मन कंपनी है। इसका हेडक्वार्टर बर्लिन में है। यानी टेलीग्राम इंडियन सोशल मैसेजिंग ऐप नहीं है।