शहर के शोरगुल से दूर साफ सुथरी चौड़ी सड़क पर लॉन्ग ड्राइव का अपना ही मजा है। आप चाहे कार में हों या बाइक पर। दोस्तों, परिवार या गर्लफ्रेंड के साथ हाईवे पर ऐसा सफर हमेशा ही यादगार रहता है। वैसे क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि इन हाईवे पर चलते वक्त सड़क किनारे लगे हुए माइलस्टोन लगातार अपना रंग बदलते रहते हैं। आइए जानिए इन मील के पत्थरों के बारे में वो फैक्ट्स जो आपके सफर में एक नई याद जोड़ देंगे।
जब माइलस्टोन का रंग हो पीला
रोड पर ड्राइव के दौरान अगर आपको सड़क किनारे पीले रंग का माइलस्टोन नजर आता है। यानी जिस माइलस्टोन का ऊपरी हिस्सा पीले रंग से पेंटेड हो, तो जान लीजिए कि आप किसी नेशनल हाईवे पर चल रहे हैं। जानने वाली बात यह है की पीले रंग का माइलस्टोन भारत में सिर्फ नेशनल हाईवेज पर ही लगाए जाते हैं।
हरे रंग का माइलस्टोन
रोड पर जब आपको माइलस्टोन की ऊपरी पट्टी हरे रंग की दिखाई दे तो जान लीजिए कि आप नेशनल हाईवे नहीं बनती स्टेट हाईवे पर सफर कर रहे हैं। देश के किसी भी राज्य द्वारा बनाई गई सड़कों पर हरे रंग की पट्टी वाले माइलस्टोन ही लगाए जाते हैं और यह सड़कें पूरी तरह से राज्य सरकार के कंट्रोल में होती हैं।
काले रंग की पट्टी वाला माइलस्टोन
सफर के दौरान यदि आपको सड़क पर काली पट्टी वाला माइलस्टोन दिखाई दे। तो समझ जाइए कि आप किसी बड़े शहर या जिले की और पढ़ रहे हैं। साथ ही वह रोड आने वाले जिले के नियंत्रण में आती है। इस सड़क का रखरखाव भी उस शहर के प्रशासन द्वारा ही किया जाता है। कई जगहों पर शहरी सीमा में आने वाली सड़कों के किनारे पूरी तरह सफेद रंग वाले माइलस्टोन भी लगे होते हैं।
नारंगी रंग की पट्टी वाले माइलस्टोन
देशभर में ग्रामीण इलाकों से गुजरते वक्त आपको तमाम सड़कों पर ऑरेंज कलर की पट्टी वाले मील के पत्थर या साइनबोर्ड दिखाई पड़ जाएंगे। इन्हें देखकर आप आसानी से जान पाएंगे कि वह सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बनाई गई है।
अगली बार जब भी सफर पर निकलेंगे तो ये मील के पत्थर आपको दूरी के अलावा भी बहुत कुछ बताते चलेंगे। क्यों हैं ना?