ऐपल. देसी भाषा में कटा ऐपल. सुनके आपका हाथ जरूर अपने आईफोन पर चला गया होगा. बड़का भौकाली फील कर रहे होंगे. ऐसा ही कुछ भौकाली फीलिंग अपने वर्कर्स को फील कराने की सोची थी एपल के सीईओ टिम कुक ने. 32 हजार करोड़ फूंक डाले कुक साहब ने. कैलिफोर्निया के क्यूपर्टिनो में बड़ा ही आलीशान. बड़ा ही हाई टेक स्पेसशिप की डिजाइन वाला ऑफिस बनवा डाला. सोचा था वर्कर खुश होंगो, शाबाशी देंगे. पर ऐसा बिल्कुल नहीं हो रहा है. कंपनी का इरादा था कि इस साल के अंत तक यहां उसके आधे से ज्यादा वर्कर शिफ्ट हो जाएंगे. पर इस इरादे पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है. खबर आ रही है वर्कर नए ऑफिस से खुश नहीं हैं. दुख इतना ज्यादा है कि कई वर्कर्स ने तो कंपनी छोड़ने के ईमेल तक ठोक डाले हैं.
काहे बवाल काटे हैं वर्कर
माजरा ये है कि नए ऑफिस का वर्कस्पेस ओपन है. आसान भाषा में खुला-खुला. मल्लब पिंकी, राजू, जिग्नेश, एडम, ईव आदि एक लंबी सी टेबल पर कुर्सी लगाए बैठेंगे. जब वो काम कर रहे होंगे तो बड़ी बात नहीं कि उनकी कोहनियां भी टकरा जाएं. बस इसी बात की जानकारी जब वर्कर्स को मिली तो वो मुंह फुला के बैठ गए. अब तक सबकी आदत थी बढ़िया अपने-अपने केबिन में बैठने की. चौकस सबकी अपनी प्राइवेसी थी. पर ऐपल ने अपने नए स्पेसशिप वाले वर्कस्पेस में इस प्राइवेसी की दीवार को तोड़ दिया है. कंपनी का मानना है इससे पिंकी, राजू, जिग्नेश, एडम, ईव आदि में आपसी सहयोग और लगाव बढ़ेगा. फील गुड वाली फीलिंग आएगी और इनोवेटिव आइ़़डिया निकलेंगे. पर वर्कर्स को ये कहानी रास नहीं आ रही है.
ऐपल के ब्लॉगर ने किया खुलासा
अब ऐपल में काम करने वाले कोई मामूली लोग तो हैं नहीं कि 2-4 हजार के इंक्रीमेंट की लॉलीपॉप मिली और गुस्सा छोड़ बैठ गए. ऐपल पॉडकास्टर और ब्लॉगर जॉन ब्रुगर का दावा है कि कंपनी के कई वर्कर्स ने ई-मेल में धमकी दी है कि नया वर्कप्लेस ठीक नहीं लगा तो वे कंपनी छोड़ देंगे. मैक्यूमर्स की एक रिपोर्ट में ब्रूगर ने कहा ‘ मैंने ऐपल के कुछ लोगों से प्राइवेट फीडबैक भी लिए हैं और मुझे 100 फीसदी यकीन है कि ओपन ऑफिस फ्लोर प्लान से कंपनी में समस्या हो सकती है.’
एक वाइस प्रेसिडेंट ने तो अलग ऑफिस ही बना लिया
ग्रुबर ने अपने एक हालिया पॉडकास्ट में ऐपल के एक वाइस प्रेसिडेंट जॉनी सराउजी के ऑफिस को लेकर रिएक्शन के बारे में बताया है. इसमें कहा गया कि जब उनकी टीम को ओपन फ्लोर प्लान दिखाया जा रहा था तो उनका रिएक्शन काफी निराशा भरा था. उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि उनकी टीम यहां काम कर ही नहीं सकती. उन्होंने कैंपस के बगल में अलग बिल्डिंग भी बनवा ली है. इसके पीछे का कारण सिक्योरिटी बताया जा रहा है. खैर ऐपल के वर्कर्स को भले ये आइडिया पसंद ना आ रहा हो, मगर सिलिकॉन वैली की कई कंपनियों में ये कल्चर हिट है.
ऐपल के स्पेसशिप की खासियत-
# 32 हजार करोड़ रुपए से बन रहे ऐपल के नए हेडक्वार्टर में ऊर्जा की जरूरतों के लिए ग्रीन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है. यानी पूरी बिल्डिंग में सोलर पैनल लगवाए गए हैं.
# ग्रीनरी को बढ़ावा देने के लिए करीब 7000 पेड़ इस ऐपल पार्क में लगाए गए हैं.
# यहां 1 लाख स्क्वेयर फुट का फिटनेस सेंटर भी तैयार हो चुका है, जिसमें कसरत करने के सभी धांसू इंतजाम होंगे.
# 175 एकड़ में बने इस कैंपस में बड़ा गार्डन, लंबी-चौड़ी ग्रासलैंड और तालाब भी है.
# ऐपल के लिए सिलिकॉन वैली में 25 हजार से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं. साल के अंत तक नए ऑफिस में 13 हजार वर्कर्स शिफ्ट हो सकते हैं.
# ऐपल सीईओ टिम कुक का भी ऑफिस इसी ऐपल पार्क में चौथे माले पर है.