एस श्रीसंत. वर्ल्ड टी-20 2007 के सेमी फाइनल में हेडेन और गिलक्रिस्ट के मिडल स्टम्प उखाड़े थे. हरभजन के साथ थप्पड़ काण्ड हुआ. थोड़ा क्रिकेट और खेल ा. फिर स्पॉट फ़िक्सिंग में बैन हो गए. भाजपा जॉइन की. राजनीति की गेंद ठीक से बल्ले पे आई नहीं तो फिर क्रिकेट का रुख किया. छटपटाते रहते हैं. कभी यहां जाते हैं कभी वहां. हाल ही नें केरल के हाई कोर्ट ने श्रीसंत पर लगाया आजीवन बैन हटा दिया. ये बैन बीसीसीआई ने 2013 आईपीएल में स्पॉट फ़िक्सिंग मामले में लगाया था.
केरल के हाई कोर्ट के फैसले से बीसीसीआई खुश नहीं है. उसका कहना है कि वो ऊपरी कोर्ट में जाकर इस फैसले के खिलाफ़ अपील करेगी. खैर, ये बाद की बात है. जब होगा तो देखा जाएगा. फिलहाल श्रीसंत ने जो किया है वो मज़ेदार है. उसने केरल हाई कोर्ट में ही एक पेटिशन दायर की है. उसे बीसीसीआई से एक नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट चाहिए. अगर ये एनओसी उसे मिल जाती है तो वो स्कॉटलैंड में क्रिकेट खेलने लगेगा. ग्लेनरॉथ क्रिकेट क्लब की ओर से श्रीसंत के खेलने की बात चल रही है. बीसीसीआई अगर उसे ये एनओसी दे दे तो सारे रास्ते क्लियर हो जायेंगे और श्रीसंत स्कॉटलैंड में क्रिकेट खेलते दिखेंगे.
फिलहाल श्रीसंत और बीसीसीआई के बीच अच्छे सम्बन्ध नहीं दिख रहे हैं और ये सम्बन्ध सुधारते भी नहीं दिखने वाले हैं. यही वजह है कि श्रीसंत को एनओसी लेने की खातिर हाई कोर्ट जाना पड़ रहा है. श्रीसंत का कहना है कि उसने बीसीसीआई से इस बाबत बात भी की थी लेकिन उसे लगता नहीं है कि वो लोग टाइम पर एनओसी दे देंगे. स्कॉटलैंड में एक प्रीमियर लीग खेली जानी है. श्रीसंत ने कोर्ट के सामने कहा कि उनके पास समय की दिक्कत है क्यूंकि प्रीमियर लीग 9 सितम्बर तक खतम हो जाएगी. इसलिए उन्हें चाहिए कि एनओसी जल्दी से जल्दी मिल जाए.