मालिनी बदला हुआ नाम है.
फरवरी महीने के बीचो-बीच की एक रात. मालिनी रात को अपनी गाड़ी में दोस्तों से मिलने जा रही थी. त्रिशूर से कोच्चि पहुंचने में लगभग डेढ़ घंटे लगते हैं. फासला 82 किलोमीटर का था.
एक औरत के पास ड्राइवर पर भरोसा करने के सिवा कोई विकल्प नहीं होता. अगर वो रात को निकल रही हो और उसे डेढ़-दो घंटे का फासला तय करना हो, वो किसी भी बस या ट्रेन की जगह अपनी गाड़ी से जाना पसंद करेगी. फिर मालिनी तो एक सफल एक्ट्रेस थीं. मगर उस रात अपने ड्राइवर पर भरोसा करना शायद उन की भूल थी. उन्हीं की भूल थी कि एक आम इंसान की तरह उन्होंने दूसरे आम इंसान पर भरोसा किया.
जब गाड़ी को रोका गया, ड्राइवर मार्टिन एंटनी ने कोई प्रतिरोध नहीं किया. पहले एक, फिर दो, फिर तीन… एक-एक कर 5 लोगों ने मालिनी को घेर लिया. और ढाई घंटे बाद छठे व्यक्ति ने अपनी पैंट ऊपर चढ़ाते, ज़िप बंद करते हुए कहा, इस बारे में किसी को भी बताया, तो अंजाम उससे भी बुरा होगा, जितना उसके साथ आज रात हुआ है.
एक मोबाइल में पूरे कांड की चल रही रिकॉर्डिंग को रोका जाता है. रेपिस्ट अपना काम ख़त्म कर अपना मोबाइल निकालता है. फोन मिलाकर कहता है, ‘बॉस, काम हो गया है.’
बॉस राहत की सांस लेता है. ये बॉस मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बड़े एक्टर्स में से एक है. नाम है दिलीप. ये वो किस्सा है, जो मालिनी ने पुलिस को बताया.
मगर ये जो चल रहा था, ये किसी फिल्म का दृश्य नहीं था. भले ही ये वाकया एक पुरुष एक्टर के हाथों एक महिला एक्टर के शोषण का था. इसे शूट भी किया गया. लेकिन ये फ़िल्मी नहीं, असल दृश्य था.
बॉलीवुड में अगर किसी युवा महिला एक्टर को किसी बड़े एक्टर के साथ डेब्यू करने का मौका मिल जाए, हम फिल्म की रिलीज के पहले ही उसे एक बड़ी एक्टर बना देते हैं. लोगों के घरों, दिमाग और जीवन में जगह बनाने में उस एक्टर को ज्यादा वक़्त नहीं लगता. मुझे नहीं याद कि दीपिका पादुकोण या अनुष्का शर्मा कभी भी लो प्रोफाइल गई हों. कभी करियर का इतना खराब दौर आया हो कि एक भी फिल्म न मिले. क्योंकि ये बड़े एक्टर, बड़े प्रड्यूसर इंडस्ट्री के गॉडफादर होते हैं. इनकी शरण में आप फल-फूल सकते हैं. इनसे दुश्मनी मोल लेकर आप बर्बाद हो सकते हैं.
बॉलीवुड से हमें कास्टिंग काउच के किस्से सुनने को मिलते हैं. ये भी सुनने को मिलता है कि फलाने एक्टर का जुर्म की दुनिया से संबंध है. मगर बीते दिनों मलयालम फिल्म इंडस्ट्री से जो खबर आ रही है, वो उस हद को बयां करती है, जिस तक लोग आपसी रंजिशों से उपजी कुंठा को संतुष्ट करने के लिए जा सकते हैं.
सुपारी देकर लोग क़त्ल करवाते हैं. लेकिन सुपारी देकर रेप करवाना और उसे रिकॉर्ड कर रख लेना, ये शायद अपने आप में बड़ा विचित्र है. मालिनी दिलीप की गर्लफ्रेंड नहीं थीं कि हम इसे रिवेंज पॉर्न कहें. ऐसा भी नहीं था कि दिलीप अपने जीवन में आर्थिक रूप से स्ट्रगल कर रहा था कि वीडियो बना ब्लैकमेल कर वो पैसे ऐंठता. मलयालम फिल्म की दुनिया में मोहनलाल और मम्मूती जैसे बड़े एक्टरों के बाद अगर किसी का नाम लिया जाता है, तो वो दिलीप का है. वही दिलीप, जिसे कुछ दिनों पहले रेप के आरोप में गिरफ्तार किया गया और कुछ घंटों पहले जिसकी जमानत की याचिका पर सुनवाई की तारीख मुक़र्रर की गई है.
पूरे वाकये के बाद ही मालिनी ने कुछ अपने जोर और कुछ फिल्म इंडस्ट्री की मदद से रेपिस्ट गिरोह को पकड़वा लिया था. छठा आदमी सूनी, जिसने अंततः रेप को अंजाम दिया था, ने पूछताछ में बताया कि उसे इस काम के लिए दो करोड़ रुपये मिलने वाले थे. पकड़े जाने के कुछ ही दिनों बाद उसके साथी विजीश ने दीवार फांद जेल से भागने की कोशिश की थी. मगर पुलिस ने उसे पकड़ लिया था.
दिलीप की उम्र 48 साल है. कई सालों से इंडस्ट्री में हैं. कई सालों तक महिला एक्टर मंजू वरियर इनकी पत्नी रहीं. 16 साल के वैवाहिक रिश्ते और एक बेटी के होने के बाद दोनों का 2014 में तलाक़ हुआ. जो कहानी चर्चित है, वो ये है कि मालिनी, मंजू की सहेली थीं. और एक समय पर दिलीप के साथ काम कर रही थीं. मालिनी को दिलीप और एक्ट्रेस काव्या माधवन के कथित ‘अफेयर’ के बारे में पता था. मालिनी ने मंजू को इस अफेयर के बारे में बता दिया, जिसकी वजह से दिलीप और मंजू अलग हो गए. इस बात को 3 साल हो गए. इस बीच दिलीप ने काव्या से शादी कर ली. और इधर मालिनी ने मुंहफट होकर सबको बता दिया कि किस तरह अपनी टूटी शादी का बदला दिलीप उससे ले रहा है, उसको बड़े प्रोडक्शन हाउसेज से कटवा कर. मालिनी की मानें तो दिलीप के प्रभाव और मॉलीवुड में चलने वाली उसकी सत्ता की वजह से मालिनी को कोई भी रोल नहीं मिल रहा था.
ये सभी सिरे जोड़कर देखें तो साफ़ हो जाता है कि ये रेप एक बदला था. महज बदला ही नहीं, ये एक पुरुष के द्वारा एक औरत को ये याद दिलाना था कि औरत अपनी औकात में रहे. वो एक सफल पुरुष एक्टर के बारे में कुछ न कहे.
मगर किसी भी कहानी के दो पक्ष होते हैं. दिलीप ने अपने बयान में बताया कि ये साजिश उसे बदनाम करने और मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में सत्ता के पदों पर से हटाने के लिए की गई है. दिलीप के पास दुश्मनों की कमी नहीं थी. बीती जनवरी दिलीप की लिबर्टी बशीर से लंबी लड़ाई चली.
लिबर्टी बशीर ‘केरल फिल्म एग्जिबिटर्स फेडरेशन’ के प्रेसिडेंट थे. लिबर्टी बड़े प्रड्यूसरों से लंबी लड़ाई लड़ रहे थे. लिबर्टी का कहना था कि फिल्म थिएटर चलाने वालों यानी फिल्म दिखाने वालों का फिल्म से उपजे प्रॉफिट में हिस्सा बढ़ना चाहिए. फ़िल्में कई गुना कमा लेती हैं, लेकिन फिल्म दिखाने वाले थिएटरों को प्रॉफिट में सही हिस्सा नहीं मिलता. दिलीप के नेतृत्व में बशीर की मुहिम को पूरी तरह से कुचल दिया गया. ‘केरल फिल्म एग्जिबिटर्स फेडरेशन’ का नामोनिशान ख़त्म हो गया. थिएटर मालिकों की नई संस्था बनी ‘फिल्म एग्जिबिटर्स यूनाइटेड ऑर्गेनाईजेशन ऑफ़ केरला’. इस संस्था के प्रेसिडेंट दिलीप हुए.
ये कहना जरूरी नहीं कि इस दौरान दिलीप ने कई दुश्मन कमाए होंगे.
अब कहानी के पहले पक्ष पर वापस लौटते हैं. अपने बयान में दिलीप ने बताया है कि वो सूनी नाम के किसी व्यक्ति को नहीं जानता. लेकिन रेप के बाद की गई फोन कॉल को जब पुलिस ने ट्रेस किया, तो पाया कि सूनी ने वो कॉल दिलीप को किया था. सूनी के घर की तलाशी ली गई तो उसकी और दिलीप की साथ में तस्वीरें भी मिलीं. पुलिस का ये कहना है कि पिछले तीन सालों में दिलीप और सूनी अलग-अलग जगह बार-बार मिले हैं, इसके सुबूत हैं उनके पास. कुछ मुलाकातें दिलीप की फिल्म शूटिंग के लोकेशन पर हुईं. और एक मीटिंग एक होटल में. या तो दिलीप ने सचमुच सुपारी देकर रेप करवाया है या फिर ये बहुत बड़े लेवल पर, कई परतों में प्लान की गई साजिश है, जिससे बचाना दिलीप के लिए नामुमकिन है.
दिलीप ही नहीं, उनके साथी एक्टर नादिरशाह और उनकी पत्नी काव्या से भी पूछताछ हुई है. पुलिस का कहना है कि इस पूरे मसले से काव्या को बाहर नहीं रखा जा सकता. न्यूज़ 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ रेपिस्टों ने पूछताछ में ऐसा कहा है कि वो किसी ‘मैडम’ के निर्देश पर काम कर रहे थे.
वहीं दूसरी ओर दिलीप की पिछली पत्नी मंजू, जो मालिनी की अच्छी दोस्त रही हैं, कुछ और महिला एक्टर्स के साथ ‘वीमेन इन सिनेमा कलेक्टिव’ बना चुकी हैं. ये एक ऐसी संस्था है जो सिनेमा में होने वाले औरतों के साथ अत्याचार के खिलाफ काम कर रही है. इसके साथ ही AMMA यानी एसोसिएशन ऑफ़ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स ने दिलीप का पूरी तरह से बहिष्कार कर दिया है. दिलीप के दामन पर इस समय ऐसा दाग है, जो बरसों तक नहीं धुलेगा.
हर फील्ड में औरतों को पुरुषों की सत्ता से लड़ना पड़ता है और फिल्म इंडस्ट्री इस दुनिया से बाहर नहीं है. बॉलीवुड ही देख लीजिए. यहां हिरोइन का अपना खुद का किरदार कम ही होता है. उसका किरदार हीरो के इर्द-गिर्द बुना जाता आ रहा है. उनको हीरो से कम पैसे मिलते हैं, उनका करियर हीरो के करियर का एक-तिहाई होता है. एक उम्र के बाद जब उनका शरीर युवा नहीं रहता, जब उसका भोग और नहीं हो सकता, उसका करियर ख़त्म हो जाता है. इक्के-दुक्के साइड रोल ही उनके लिए बचते हैं. जब लीड रोल में वे कमबैक करती हैं, उन्हें अक्सर कमजोर स्क्रिप्ट मिलती है. उनके कमबैक का कोई इंतजार नहीं करता.
सुना है मलयालम फिल्म इंडस्ट्री छोटी होने और स्थानीय होने की वजह कई गुना ज्यादा स्त्री-विरोधी है. यहां अगर वो किसी बड़े आदमी की स्क्रिप्ट रिजेक्ट कर दें या किसी बड़े एक्टर के खिलाफ बोल दें तो उन्हें बैन कर दिया जाता है. उन्हें कोई फ़िल्में नहीं देता. ओपन मैगज़ीन के मुताबिक फिल्मकार अमल नीरद ने बहिष्कृत एक्ट्रेस नित्या मेनन के साथ फिल्म बना ली थी, तो उन्हें पेनल्टी भरनी पड़ी थी.
ऐसे में ये ज़रा अचंभित भी करता है कि मालिनी क्या कुछ कर अपनी बात सुना पाई होंगी. और इस स्त्री-विरोधी इंडस्ट्री में लोग उनके साथ खड़े रहे, ये अपने आप में बड़ी बात है.
दिलीप 100 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं. लगभग 25 साल का करियर है. स्टेज शो और टीवी पर कॉमेडी कर इन्होंने फिल्मों तक अपना सफ़र तय किया है. जिस ‘बॉडीगार्ड’ फिल्म में आपने सलमान खान को देखा था, उसके ओरिजनल मलयाली वर्जन के हीरो दिलीप थे. मगर ये रेफरेंस पॉइंट भर है. दिलीप का करियर एक अकेली फ़िल्म के मुकाबले काफी बड़ा है. इन्होंने शुरुआती दिनों में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया है और आज इंडस्ट्री के बड़े प्रड्यूसरों में से एक हैं. थिएटर के बिजनेस में उतरने के बाद इन पर रियल एस्टेट का झोलझाल करने का भी आरोप लगा है. इन पर सरकारी जमीन पर मल्टीप्लेक्स बनाने का आरोप है, जिसकी पड़ताल भी चल रही है.
फ़िल्मी किरदारों को हम सीरियसली लेते हैं. कभी सोच भी नहीं सकते कि एक कॉमेडी करने वाला इतना जघन्य काम करेगा. मगर एक पुरुषवादी समाज में अपना पौरुष और सामर्थ्य साबित करने के लिए व्यक्ति किस हद तक गिर सकता है, इसकी कोई हद नहीं है.
साभार : लल्लान्टोप