ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार अगस्त 2017 से आपके फेसबुक-इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया अकाउंट को खंगालना शुरू करने वाली है. वह यह देखने की कोशिश करेगी कि कहीं आपका खर्च आपके टैक्स से हिसाब से ज्यादा तो नहीं है.
सरकार बैंक अकाउंट समेत नॉन फिक्स प्रॉपर्टी और सोशल मीडिया पर आपकी लाइफस्टाइल का खुलासा करने वाली पोस्टों से मैच करेगी, ताकि इससे आपके खर्चों और इनकम को मिला के देखा जा सके.
इस पूरे प्रोसेस का मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों को टैक्स ढांचे के दायरे में लाना है. रिपोर्ट के मुताबिक इस सोशल मीडिया स्कैनिंग से टैक्स अधिकारियों को घरों या कार्यालयों पर बिना छापेमारी यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि क्या लोग थोड़ा बहुत टैक्स चुकाकर सरकारी खजाने को चूना लगा रहे हैं.
फिलहाल क्रेडिट कार्ड खर्च, प्रापर्टी, स्टॉक निवेश, नकद खरीद और जमा का मौजूदा डेटा भी नए सिस्टम में भेज दिया जाएगा. सोशल मीडिया पर खर्च संबंधी गतिविधियों की पड़ताल से टैक्स से मैच करने के बाद केंद्रीय टीम डाक या ईमेल से संदिग्ध नागरिकों को संदेश भेजेगी कि वह अपने टैक्स रिटर्न भरें.