16 साल की लड़की. अमेरिका की यूनाइटेड एयरलाइंस में सफर कर रही थी. वो सीट पर सो गई थी. बराबर वाली सीट पर बैठे एक आदमी ने पहले उसकी जांघ पर हाथ रखा. सहलाने लगा. और फिर बाद में उसे दबोच लिया. लड़की डरकर दूसरी जगह बैठ गई, लेकिन उसने आदमी को अच्छा सबक सिखा दिया. ये केस उसी मानसिकता का नतीजा है, जो ये मान लेते हैं कि लड़की घर से बाहर निकली हुई है तो वो सेक्स के लिए तैयार हो जाएगी. और सोती हुई लड़की को देखकर ये मानसिकता और भी हावी हो जाती है.
ये घटिया सोच यहीं तक नहीं रुकती, बल्कि इसका दायरा बड़ा है. लड़की अगर विदेशी है तो ऐसी सोच के मालिक खुद ही तय कर लेते हैं कि लड़की सेक्स को मना नहीं करेगी, क्योंकि विदेश में तो सबकुछ ओपन हैं. ये सिर्फ इसलिए है, क्योंकि मर्दवादी सोच ने औरत को सिर्फ सेक्स तक ही समेट कर रख दिया है. तभी तो प्लेन में सो रही लड़की को देखकर इस आदमी ने उसे दबोच लिया.
वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक ये लड़की प्लेन में खिड़की की साइड वाली सीट पर सोई हुई थी. सोते हुए उसे एहसास हुआ कि बगल में बैठे पैसेंजर का हाथ उसकी जांघ पर है. जैसै ही लड़की की आंख खुली, उस आदमी ने अपना हाथ हटा लिया. लड़की बिना कुछ कहे फिर से सो गई. क्योंकि उसे लगा कि धोखे से हुआ होगा.
लड़की ने अमेरिकी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उसने बताया है कि लड़की की आंख दूसरी बार तब खुली जब बराबर में बैठे आदमी ने उसे दबोच लिया. वो हड़बड़ा कर उठी. आदमी की इस हरकत से वो डर गई. लड़की ने फ्लाइट अटेंडेंट से एक दूसरी सीट मांगी.
सिएटेल से न्यू जर्सी जा रही ये फ्लाइट जब न्यूर्क लिबर्टी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड की तो लड़की ने फ़ौरन अपने मां-बाप को एयरपोर्ट पर बुलाया. जब तक लड़की के मां-बाप पहुंचे, तब तक लड़की को दबोचने वाला आदमी एयरपोर्ट से जा चुका था. लड़की के मां-बाप ने इस हरकत पर यूनाइटेड एयरलाइंस के खिलाफ नाराजगी जताई. इसके बाद इस केस की जांच एफबीआई ने शुरू की.
एफबीआई ने एयरलाइंस की पैसेंजर लिस्ट के ज़रिए उस आदमी का पता लगा लिया. लड़की को उसका फोटो दिखाया गया तो उसने उस आदमी को पहचान लिया. ये आदमी विजयकुमार कृष्णप्पा है, जिसकी उम्र 28 साल है. विजयकुमार एक महीने के मेडिकल फेलोशिप पर अमेरिका गया हुआ है. मेडिकल फेलोशिप के तहत विदेशी डॉक्टर अमेरिका जाकर वहां के एक्सपर्ट्स से मेडिकल साइंस की जानकारी ले सकते हैं. अभी ये क्लियर नहीं है कि विजयकुमार किस देश का नागरिक है.
पुलिस ने विजयकुमार को जानबूझकर एक नाबालिग लड़की से सेक्शुअल हैरेस करने के इल्ज़ाम में गिरफ्तार कर लिया. हालांकि कृष्णप्पा को बेल पर छोड़ दिया गया है. उसकी इलेक्ट्रानिक निगरानी की जा रही है. साथ ही उसे बोला गया है कि वो लड़की से किसी भी तरह से कांटेक्ट करने की कोशिश न करे. लड़की वाशिंगटन स्टेट की रहने वाली है और लीडरशिप प्रोग्राम के तहत प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में शिरकत करने गई थी. लड़की के वकील का कहना है कि आदमी की ये हरकत बहुत डरावनी है. एक डॉक्टर होकर भी ऐसा करना शर्मनाक है.
लड़की ने आदमी को पकड़वाया. बहुत सही किया. अपने यहां आई मीन भारत में तो बसों, ट्रेन में ऐसे सीन अक्सर होते हैं. सोने का बहाना करते हुए मर्द, बराबर में बैठी महिलाओं पर गिरते रहते है. या फिर हाथों को रखने की कोशिश करते रहते हैं. दिमाग में घटिया सोच को पाल रहे लोगों को बस में इतने झटके लगते हैं कि पूछिए ही मत. ट्रेन बस में जगह होगी लेकिन खड़े होंगे तो बिल्कुल सटकर. ये सेक्शुअल हैरेसमेंट है. अगर कोई महिला विरोध करे तो अकड़ में बोलते हैं कि इतनी ही दिक्कत थी तो अपनी गाड़ी से चली होती. बस या ट्रेन में बैठी ही क्यों? इन हरकतों को नजरअंदाज़ करना रेपिस्ट सोच को बढ़ावा देना है.
साभार: द लल्लनटॉप