सपा सुप्रीमो से संरक्षक बने मुलायम सिंह यादव एक बार फिर घिर गए हैं. इस बार अखिलेश की वजह से नहीं, खुद की कारगुजारी से. मामला इटावा के चौधरी चरण सिंह डिग्री कॉलेज का है. मुख्यमंत्री रहते हुए मुलायम सिंह यादव ने इस कॉलेज को 100 करोड़ रुपये दे दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने निजी प्रबंधन वाली संस्था को सरकारी खजाने से इतनी बड़ी रकम दिए जाने पर सवाल उठाए हैं. इस संस्था के प्रबंधक मुलायम सिंह यादव के भाई और पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव हैं. कभी 10-12 कमरों से शुरू हुआ ये डिग्री कॉलेज अब ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट लेवल पर कई कोर्स चलाता है.
CAG की एक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक सपा नेता शिवपाल यादव की सिफारिश पर तात्कालिक यूपी सरकार के जरिए सारे नियमों व कानून को ताख पर रखकर चरण सिंह डिग्री कॉलेज को 100 करोड़ का अनुदान दिया गया. रिपोर्ट में साफ किया गया है कि कॉलेज को ये रकम आपदा राहत कोष से दी गई, जो कि वित्तीय नियमों का उल्लंघन है. आपदा राहत कोष का पैसा मुख्यमंत्री अपने विवेक से खर्च करता है, लेकिन सिर्फ प्रदेश में किसी बड़ी आपदा या अप्रत्याशित हालात की स्थिति में ही. इस रिपोर्ट में सवाल किया गया है कि परिवार के सदस्यों को मिलाकर बनाई गई सोसाइटी के चरण सिंह डिग्री कॉलेज में कैसी आपदा?
योगी सरकार से मांगा जवाब
सुनवाई के दौरान योगी सरकार ने जब इस पर बचाव करने की कोशिश की, तो सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को भी फटकार लगाई. दरअसल, सरकार की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि ये मामला पुराना है, लेकिन प्रदेश सरकार कॉलेज की सोसाइटी में सरकारी कर्मचारियों को शामिल कर सकती है. इस पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा-
अवैध तरीके से अनुदान के खिलाफ कार्रवाई के बजाय सोसाइटी को बचाने की कोशिश क्यों? कोर्ट ने सरकार से ये भी पूछा है कि निजी सोसाइटी में किस नियम के तहत सरकारी कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा?
कोर्ट ने इस मामले में योगी सरकार को तीन हफ़्तों में लिखित जवाब पेश करने के लिए कहा है. जस्टिस जे.एस. खेहर और जस्टिस डी.वाई चंद्रचूड की पीठ ने यूपी सरकार से ऐसे और मामलों की जांच कराने के लिए भी कहा है.
2005 में मनेंद्र नाथ राय ने कैग रिपोर्ट उजागर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में ये मामला उठाया था. साथ ही इस अनुदान की रिकवरी का आदेश जारी करने का अनुरोध किया था. इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया है.