देशभर में आए दिन दुष्कर्म और हत्या के मामले सामने आते रहते हैं। निर्भया कांड के बाद तो इस संबंध में कमिटी गठित कर कड़े नियम भी बनाए गए हैं। मगर दरिंदों के इरादों को इनसे भी कोई फर्क नहीं पड़ा है।
उत्तरप्रदेश एक तरह से इस घिनौने अपराध का गढ़ बन चुका है। योगी आदित्यनाथ ने राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्य की कायापलट के लिए ताबड़तोड़ काम किए थे। लेकिन अब तक वे राज्य में अपराध की दर पर लगाम नहीं कस पाए हैं।
कुछ दिन पहले पांच दरिंदों ने 14 साल की एक मासूम लड़की को अगवा कर उसकी हत्या कर दी और शरीर के टुकड़े कर उन्हें खेत में ही फेंक दिया। मामले में पुलिस से शिकायत की गई तो जांच कछुए के चाल से चली।
मृतका के परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं और उन्हें बेटी की मौत का जिम्मेदार भी ठहराया है।
आइए विस्तार से जानते हैं पूरा मामला।
मोदीनगर की घटना
यह घटना उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद जिले के मोदीनगर की है। यहां 4 सितम्बर को 14 वर्षीय मूनम यादव लापता हो गई थी।14 सितम्बर की रात पीड़िता की लाश कलछीना गांव के पास एक गन्ने के खेत में क्षत-विक्षत हालत में मिली थी।
बनना चाहती थी आईएएस अफसर
मृतका के पिता नरेश यादव ने बताया कि उसका सपना आईएएस अफसर बनने का था, इसलिए वो बिहार से मोदीनगर आए थे। वे सब्जी का ठेला लगाते हैं, फिर भी मूनम को प्राइवेट स्कूल में दाखिला दिलवाया था।
परिचित था आरोपी
नरेश यादव अपने परिवार के साथ आरोपी हरी ओम शर्मा के उमेश पार्क स्थित घर में किराए से रहते थे। आरोपी शादीशुदा था और उसकी लड़की से अच्छी दोस्ती हो गई थी। कुछ कारणों से चार महीने पहले ही यादव परिवार ने वो घर छोड़ा था।
आरोपी ने दी थी धमकी
हरी ओम घर छोड़ने के बाद भी नाबालिग से मिलता रहता था और परिजनों के आपत्ति उठाने पर उन्हें धमकाता था। घटना के चार दिन पहले ही उसने मोदी मंदिर के पास मृतका के पिता को धमकी दी थी कि,"तेरी बेटी को कुछ हो गया तो तू कुछ कर भी नहीं पाएगा।"
बेरहमी से की हत्या
पुलिस ने मृतका और मुख्य आरोपी हरि ओम के बीच प्रेम प्रसंग होने का दावा किया था। उसके अनुसार शादी का दबाव बनाने पर हरि ओम ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर छात्रा को बहलाया फुसलाया एवं गन्ने के खेत में ले गया। वहां गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को खेत में छोड़ दिया और उसे छुपाने के लिए पानी भर दिया।
पुलिस ने की खानापूर्ति
परिजनों ने उसी दिन हरिओम पर शक करते जताते हुए बच्ची की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस ने आरोपी को बुलाया भी लेकिन स्थानीय राजनेता से संबंध होने के कारण उसे जल्द ही छोड़ भी दिया। दो दिन बाद परिजन फिर पुलिस स्टेशन गए लेकिन उन्हें भगा दिया गया।
10 दिन बाद मिली लाश
परिजनों के लगातार दबाव बनाने के बाद 11 सितम्बर को फिर आरोपी को बुलाया। आरोपियों पर दबाव बनाने के बाद उन्होंने गुनाह कबूला। पुलिस को 14 सितम्बर को पुलिस को मृतका का सड़ा-गला सिर और शुक्रवार को धड़ मिला।
गैंगरेप के आरोप
पुलिस ने पांचो आरोपियों पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। मृतका के पिता ने दावा किया है कि आरोपियों ने उनकी बेटी के साथ गैंगरेप कर उसकी हत्या कर दी थी।