फोन करते समय नव्या उस आदमी से पूछती है कि कहा हो तुम लोग?? वह आदमी कुछ बताता उसके पहले उससे कोई फोन ले लेता है और कहता है ।
"मैडम" आपका काम हो गया अब हम लोग चाहे जहां रहे नव्या चिल्लाते हुए कहती है पहले location send karoकरो वह आदमी बोला मैडम यह तो गलत बात है।
आपने जैसा कहा हमने वैसा किया लेकिन जब तक हमें पैसे नहीं मिलते तब तक हम मिस्टर सिंघानिया को नहीं छोड़ेंगे नव्या गुस्से से कहती है।
तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है ,मैंने हनी की शादी के बाद ऐसा कुछ करने को कहा था अभी तो हनी की शादी की तैयारियां ही शुरू हो रही है ,और तुमने मुझसे बिना पूछे मिस्टर सिंघानिया को किडनैप कर लिया??
अभी के अभी उनको तुरंत छोड़ो आदमी कहता है, अरे !नहीं अगर मुझे मिस्टर सिंघानिया ने पहचान लिया तो मैं कहीं का नहीं रहूंगा आप खुद आइए और सौरभ सर को ले जाइए नव्या गुस्से से कहती हैं किसने कहा था यह सब तुमको रयता फैलाने के लिए,
वह आदमी बोला मैं कुछ नहीं जानता मुझे मेरे हिस्से के पैसे दे दीजिए और ले जाइए सौरभ जी को नव्या बोली ठीक है मैं आती हूं।
पहले location to send karo तभी मोबाइल पर एक मैसेज आता है मैसेज देखकर नव्या अपना सर पकड़ कर बैठ जाती है और कहती है ।
इन बेवकूफों को इतनी दूर सुनसान में यही जगह मिली थी अब मुझे अकेले आधी रात को वहां तक जाना पड़ेगा नव्या चुपचाप दबे पाव नीचे उतरती है, तभी उसे लगता है कि अपनी सुरक्षा के लिए एक गन रख लेनी चाहिए ।
वह धीरे से आलमारी खोलकर गन निकाल कर रख लेती है । और धीरे से दरवाजा खोल कर बाहर से दरवाजे में कुंडी लगाकर रात के अंधेरे में खुद ही गाड़ी चलाती हुई निकल पड़ती है।
काफी देर तक सुनसान सड़क पर गाड़ी दौड़ती रहती है नव्या के मन में जाने क्या-क्या ख्याल आते रहते हैं, फिर समुद्र के किनारे एक छोटे से गैराज के पास नव्या की गाड़ी रूकती है।
उसे वहां दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आता अंदर से नव्या अपने मन में बहुत डर रही थी लेकिन ऊपर से दिखाने के लिए वह मजबूत बनी हुई थी गैराज के पास जाते हुए उसे अंदर से डर लग रहा था।
तभी कार के पास जाकर नव्या ने गन निकाली और उसे अपने पर्स में डाल दिया फिर नव्या आगे गैराज की ओर बढ़ी, आगे बढ़ने पर एक आदमी नव्या के समीप आता है और गैराज की चाबी देकर कहता है ।
पैसे कहां है नव्या गाड़ी की ओर इशारा करती है वह आदमी कार की तरफ जैसे ही आगे बढ़ता है नव्या उसे रोकते हुए कहती है अभी पूरे पैसे नहीं है ।
क्योंकि रात को तुरंत इतने सारे पैसों का इंतजाम करना मेरे बस की बात नहीं थी इसलिए जो है उसे चुपचाप रख लो फिर तुम लोगों ने काम भी उल्टा किया है ।
सौरभ सिंघानिया की किडनैपिंग तो हनी की शादी के बाद होनी थीं और तुम लोगों ने उसको पहले ही किडनैप कर दिया कायदे से तो तुम लोगों को एक भी पैसा नही देना चाहिए ।
वह आदमी नव्या की गाड़ी की ओर जाता है और एक सूटकेस निकाल कर किसी को सामने दिखाते हुए कहता है ठीक है सर, नव्या गैराज की चाबी लेकर आगे जाती है फिर अपने मन में सोचने लगती है कि अगर मैं सौरभ जी के सामने आई तो सौरभ जी समझ जाएंगे कि उसकी किडनैपिंग में कहीं ना कहीं मेरा हाथ भी है।
इसलिए मुझे उनके सामने किसी भी कीमत पर नहीं जाना है। नव्यां उस आदमी के पास जाकर कहती है कि तुम यह चाभी लेकर सौरभ जी को लेकर तुरंत बाहर आओ।मैं गाड़ी लेकर आती हूं।
उस आदमी ने कहा कि अगर मैं पकड़ा गया तो नव्यां बोली अरे चिंता मत करो ऐसा कुछ नहीं होगा और अगर ऐसा होता भी है तो मैं तुम्हारी जमानत करा दूंगी,,,
, लेकिन मेरा अन्दर जाना ठीक नहीं है। क्योंकि सौरभ जी मुझे अच्छे से पहचानते हैं वह मेरे ही साथ मेरे ऑफिस में काम करते हैं तुम्हें तो शायद उन्होंने कभी देखा भी नहीं होगा आदमी मान जाता है और चाबी लेकर आगे बढ़ता है।
नव्या जाकर चुपचाप अपनी कार में बैठ जाती है गेट का ताला खोलकर जैसे ही वह भी अंदर घुसता है सामने सौरभ नहीं रहते,सौरभ ने कोशिश करके अपने दोनों हाथ पता नहीं कैसे खोल लिए थे ।
दरवाजे के पीछे सौरभ चुपचाप खड़े रहते हैं उस आदमी के अंदर आते ही सौरभ उसको पीटना शुरू कर देते हैं जब तक वह संभलता तब तक सौरभ उसको बहुत मारते हैं।
उस आदमी का फोन लेकर पुलिस को फोन कर देते हैं अंदर उस आदमी को देर लगते देख नव्या समझ जाती है कि सिचुएशन कुछ सही नहीं है तभी नव्या देखती है हार्न बजाते हुए पुलिस की गाड़ी आई नव्या तुरंत अपनी कार को पीछे करके एक गली के रास्ते से भागने लगती है ।
इधर इंस्पेक्टर आकर उस आदमी को पकड़ लेते हैं और अपने साथ थाने ले जाते हैं। सौरभ से इंस्पेक्टर पूछते हैं। कि मिस्टर सिंघानिया जिन लोगों ने आप को किडनैप किया क्या आप उन्हें जानते हैं ??
सौरभ ने कहा जी नहीं इंस्पेक्टर ने पूछा उनकी क्या मंशा थी आपको समझ में आई ??सौरभ ने कहा शायद पैसा नही थी,क्योंकि उन्होंने कुछ ऐसी डिमांड में नहीं रखी मेरे पूछने पर भी उन्होंने क्लियर नहीं किया कि उन्हें पैसा ही चाहिए !
मैंने तो उनसे खुद ही कहा जितना पैसा चाहिए मुझे बताओ मैं तुम्हें दूंगा लेकिन मुझे जाने दो अगर ऐसा होता वह मुझसे पैसे की मांग जरूर करते लेकिन उनका मकसद कुछ और ही था।
इंस्पेक्टर ने सौरभ की ओर देखते हुए कहा तो क्या आप को मारना चाहते थे सौरभ बोला हो सकता है क्योंकि पैसे की डिमांड होती तो मेरे कहने पर वह अपनी मांग तुरंत बताते
पुलिस वाले से कहा मिस्टर सिंघानिया को घर तक छोड़ कर आइए उसकी जरूरत नहीं है आप मुझे अपना फोन दे दीजिए मैं फोन करके ड्राइवर को बुला लेता हूं इंस्पेक्टर ने अपना फोन सौरभ को दिया सौरभ ने ड्राइवर को फोन करके लोकेशन भेजी आधे घंटे बाद ड्राइवर सौरभ को लेने गैराज पहुंच जाता है।
सौरभ से अगले दिन पुलिस स्टेशन आकर अपनी कंप्लेंट लिखवाने के लिए इंस्पेक्टर साहब से कहा इंस्पेक्टर साहब मान गए और बोले वैसे भी काफी रात हो गई है अब आप घर जाइए आपके घर में लोग परेशान होंगे ।
सौरभ ने इंस्पेक्टर से कहा ठीक है इंस्पेक्टर साहब कल फिर हम मिलते हैं ऐसा कहकर गाड़ी में बैठ गये दूर गली में नव्या सौरभ को गाड़ी में बैठे देखकर इस्पेक्टर से बात करते समझ जाती है कि पुलिस ने उसके आदमियों को पकड़ लिया और मिस्टर सिंघानिया बच गए,
आगे जानने के लिए पढ़ते रहे तड़प तेरे प्यार की और हमें समीक्षा करके जरूर बताइए कि आपको हमारी कहानी कैसी लगी 🙏🙏👍 क्रमशः।।।