बाबा राम रहीम के जेल जाने के बाद करीब-करीब सभी फर्जी और ढोंगी बाबाओं की सांस गले में अटक गई है। जब फर्जी बाबाओं की बात चल रही है तो हम राधे माँ को कैसे भूल सकते हैं? लोगों के दिलों में देवी की तरह बसने वाली, अजीबोगरीब तरीके से लोगों के कष्ट दूर करने वाली, आशीर्वाद का फूल देकर "आई लव यू फ्रॉम द बॉटम ऑफ माय हार्ट" कहने वाली राधे माँ आए दिन खबरों में छाई रहती है।
कभी राधे माँ स्कर्ट पहन कर पोज देती है तो कभी अपने भक्तों की गोदी में बैठी नजर आती है। बिना नए कपड़ों और गहनों के वो किसी को दर्शन दे ऐसा हो ही नहीं सकता। लेकिन सोचने वाली बात है कि आखिर कौन है ये महिला और ये राधे माँ बनी कैसे?
तो फिर देर किस बात की है। आइये जानते हैं हम पूरी कहानी ।
पंजाब की पैदाइश
राधे माँ का असल नाम सुखविंदर कौर है। राम रहीम की तरह ही वो पंजाब के गुरदासपुर के छोटे से गांव दोरांगला की रहने वाली है। उनका जन्म 1965 में दोरांगला में ही हुआ था।
भक्ति में लीन सुखविंदर
दोरांगला गांव के लोग देवी-देवताओं के समान ही राधे माँ की पूजा करते हैं। वहां के लोगों के अनुसार सुखविंदर कौर उर्फ़ राधे माँ बचपन से पढ़ाई से ज्यादा माता की भक्ति में लीन रहती थी।
स्कर्ट में राधे माँ
राधे माँ अपने पहनावे को लेकर खासी चर्चा में रहती है। मिनी स्कर्ट में उनकी ये तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हुई थी। खबरों के अनुसार, राधे माँ बनने के पहले सुखविंदर कौर काली माँ की बड़ी भक्त थी। वे अपने घर के निकट बने काली मंदिर में पूरा दिन पूजा करने में बिता देती थी।
चौथी तक की पढ़ाई
राधे माँ केवल चौथी क्लास तक ही पढ़ पाई। 17 साल की उम्र में उनकी शादी मोहन सिंह नामक व्यक्ति से कर दी गई। 22 साल की उम्र तक राधे माँ छह बच्चों की माँ बन चुकी थी।
करती थी सिलाई
बताते हैं कि सुखविंदर कौर उर्फ़ राधे माँ की घर की माली हालत कुछ ठीक नहीं थी। वे अपने पति की आर्थिक रूप से सहायता करने के लिए कपड़े सिलने का काम करती थी।
पति गया विदेश
जब घर की आर्थिक स्थिति नहीं सुधरी तो राधे माँ का पति पैसे कमाने के लिए विदेश क़तर की राजधानी दोहा चला गया। इसके बाद तो राधे माँ की लाइफ ही बदल गई।
आध्यात्म की ओर झुकाव
पति के जाने के बाद राधे माँ अकेली हो गई। 23 साल की उम्र में वो महंत रामदीन दास के सम्पर्क में आई। महंत ने उन्हें आध्यात्मिक दीक्षा दी। बस इसके बाद सुखविंदर कौर राधे माँ बन गई।
दुर्गा माँ का अवतार
राधे माँ के फॉलोअर्स उन्हें दुर्गा माँ का अवतार मानते हैं। 52 वर्षीय राधे माँ बिना लाल जोड़े और सोने के गहनों के बिना भक्तों के बीच नहीं जाती।
लग चुके हैं कई आरोप
राधे माँ पर उनके भक्तों को गले लगाने, गोद में उठाने, मिलने के लिए पैसे वसूलने के आरोप लग चुके हैं। उनसे मिलने के लिए सेलेब्रिटीज़ की भी भीड़ लगी रहती है।
तो देखा आपने किस तरह पंजाब के एक छोटे से गांव की चौथी पढ़ी हुई लड़की माँ दुर्गा का अवतार बन गई।