कभी-कभी हम कुछ चीजें अपने मन में सोच लेते हैं, कि हम उसको पूरी तरह से कर लेंगे किंतु कुछ ऐसी परिस्थितियां और कुछ ऐसे कारण आ जाते हैं जिनकी वजह से हम उन चीजों को पूर्ण करने में असमर्थ हो जाते हैं।
अवनी और राजीव दोनों ने यह सोचा कि चाहे कोई भी परिस्थिति आए हम लोग ठाकुर साहब के विश्वास पर खरे उतरेंगे,
किन्तु क्या ऐसा हो पाएगा? क्योंकि प्रेम में प्रवाह होता है, वह प्रवाह कब वेग बन जाए यह किसी को समझ नहीं आता नीलम राजीव के कमरे से वापस हॉस्टल चली आती है ।
अवनी अपने कमरे में बेचैन टहलती रहती है। जैसे ही नीलम को देखती है लपक कर उसके पास जाती है,, और पूछती है क्या कहा राजीव ने? अब उसकी चोटे कैसी हैं? नीलम ने कहा धीरज रखो मैं सब बताती हूं, ।
और नीलम कहती है राजीव तो मान गया है, अब सब ठीक हो जाएगा l इधर हवेली में एक तूफान सा मचा रहता है। अवनी और नीलम को छोड़कर आने के बाद अखंड प्रताप सीधे ठाकुर साहब के पास जाते हैं,।
उनको गुस्से में देखकर ठाकुर साहब बोले तुम बिल्कुल चिंता मत करो मैंने ऐसा इंतजाम किया है, कि अवनी खुद ही राजीव से दूर हो जाएगी,
अखंड प्रताप ठाकुर साहब की ओर देखते हुए कहते हैं, बाबा आप समझ नहीं रहे हैं आजकल के नवयुवकों के अंदर कुछ भी कर गुजरने की प्रबल इच्छा होती है,।
आपने ऐसा कौन सा इंतजाम कर दिया जिससे अवनी राजीव से दूर हो जाएगी ? ठाकुर साहब बोले वक्त आने पर तुम्हें सब पता चल जाएगा,
इधर अवनी और राजीव दोनों ने एक दूसरे से दूर रहने का निर्णय किया, किंतु प्रेम की अग्नि है जो दूर रहने पर और ज्यादा पल्लवित और पुष्पित होती है।
कुछ यही राजीव अवनी के संदर्भ में भी हुआ l कुछ दिनों तक तो दोनों ने एक दूसरे से काफी दूरी बनाकर रखी किंतु जैसे जैसे, वह दूरी बढ़ती जाती उनके मन की ज्वाला भी और तेज होती जाती l
चाह कर भी अब दोनों का दूर रहना असंभव हो गया, राजीव ने अपने मन को बहुत समझाया किंतु उसने सोचा कि एक बार मिलने में किसी को पता थोड़ी चलेगा,,,
ना कोई जान पाएगा बहुत दिन हो गए अवनी मेरी आंखों के सामने रहती हैं किंतु मैं उससे बोल नहीं सकता बात नहीं कर सकता तथा अपने मन की बात कह भी नहीं सकता फोन करता हूं ।
तो कुछ मिनट बाद नीलम फोन ले लेती है। उसने सोचा आज क्लास के बाद तो मैं अवनी से जरूर मिलूंगा किंतु नियति के आगे हर व्यक्ति मजबूर होता है ।
राजीव के साथ भी कुछ ऐसा हुआ, अचानक उसके बापू की तबीयत कुछ ज्यादा ही खराब हो गई घर से फोन आया कि तुरंत गांव चले आओ राजीव की इच्छा थी कि गांव जाने के पहले अवनी को बता कर जाए।
किंतु उसे समय नहीं मिल पाता और वह गांव के लिए निकल पड़ता है l गांव पहुंचते ही राजीव सीधे अपने घर जाता है। चारपाई पर अत्यंत दुर्बल अवस्था में केशव राजीव को देखते ही थोड़ी सी आंख खोलते है।
और फिर वैसे ही आंख मूंदकर चुपचाप लेटे रहते है । राजीव केशव के पास बैठकर, उसका हाथ अपने हाथों में लेकर कहता है बापू तुम बिल्कुल चिंता मत करो मैं ठाकुर साहब की हवेली जा रहा हूं और ठाकुर साहब से कहकर शहर से किसी बड़े और अच्छे डॉक्टर को बुलवाकर तुम्हें दिखाऊंगा।
जिससे तुम बिल्कुल ठीक हो जाओगे l केशव ने कहा बेटा तुम चिंता मत करो अब मेरे दिन पूरे हो गए हैं कोई डॉक्टर अब कुछ नहीं कर सकता बस मेरे बाद तुम्हारी मां की ही मुझे चिंता है।
राजीव ने कहा बापू आप ऐसा क्यों कह रहे हैं ??मैं तुरंत हवेली जा रहा हूं और किसी अच्छे डॉक्टर को लेकर ही वापस आऊंगा यह कहकर राजीव हवेली की ओर चला जाता है। केशव की पत्नी केशव के समीप बैठी रहती है राजीव और डॉक्टर के आने का इंतजार करती है।
हवेली पहुंचकर राजीव, ठाकुर साहब के पास जाता है ठाकुर साहब बैठक में बैठे रहते हैं राजीव उनको हाथ जोड़कर प्रणाम करता है और कहता है ।
ठाकुर साहब मेरे बापू को बचा लीजिए शहर के किसी बड़े डॉक्टर को अगर आप फोन कर देंगे तो वह आने से इंकार ना कर पाएगा ,,
और मेरे बापू की हालत ऐसी नहीं है कि हम उनको शहर ले जा सके ठाकुर साहब जैसे ध्यान ही न दे रहे हो , बड़े बेमन से पूछते हैं, ज्यादा तबीयत खराब है क्या ॽ
केशव की हमें तो पता ही नहीं चल पाया खैर हम देखते हैं किसी डॉक्टर को?? वैसे तुम शहर से कब आए? राजीव ने कहा कि आज ही आया हूं, ।
ठाकुर साहब ने कहा केशव ने हमारे और हमारे परिवार की बड़ी सेवा की है इसी कारण मैं उसकी मदद करना चाहता हूं लेकिन जो तुमने किया वह क्षमा योग्य नहीं है।
राजीव समझ गया कि ठाकुर साहब किस विषय में बात कर रहे हैं राजीव ने कहा ठाकुर साहब आपने जैसा कहा मैं वैसा ही कर रहा हूं, ।
अब तो मैं अवनी से दूर दूर ही रहता हूं, उससे तो मेरी बात-चीत हुए भी काफी दिन हो गए। राजीव यह सब कहता रहता है। ठाकुर साहब क्रोध भरी नजरों से राजीव की ओर देखते रहते हैं।
और अपने मन में सोचते हैं कि इसके पिता ने अगर हमारी हवेली में इतने सालों रहकर हमारे बाग बगीचे की देखरेख ना की होती तो अभी का अभी इसको उसकी निर्लज्जता का जवाब जरूर देता।
फिर कुछ सोचते हुए ठाकुर साहब कहते हैं ठीक है मैं डॉक्टर से बात करता हूं जैसा होगा तुम्हें बताते हैं राजीव ने कहा अगर आपको परेशानी ना हो तो आप अभी बात कर लीजिए ?
क्योंकि बापू की स्थिति अच्छी नहीं है। ठाकुर साहब ने कहा यहां गांव के किसी डॉक्टर को तब तक दिखा देना चाहिए ताकि उनका इलाज होना शुरू हो जाए l
राजीव बोला अभी तक गांव के डॉक्टर का ही इलाज चल रहा था इसी कारण उनकी हालत भी ज्यादा बिगड़ गई अब मैं किसी गांव के डॉक्टर को उन्हें नहीं दिखाना चाहता हूं।
इसीलिए तो आपके पास आया हूं ताकि आप किसी अच्छे डॉक्टर की व्यवस्था कर दें और बापू की तबीयत बिल्कुल ठीक हो जाए, ठाकुर साहब फोन लेकर डॉक्टर को फोन मिलाते हैं।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहें प्रतिउत्तर ॽॽ 🙏 क्रमशः