कभी-कभी हम अपने मन की बात चाह कर भी सामने वाले को नहीं समझा पाते, जबकि कि हम उसके व्यवहार और उसके स्वभाव से भलीभांति परिचित होते हैं।
,फिर भी हम अपने मन की बात उससे नहीं कह पाते राजीव और अवनी के संदर्भ में भी कुछ ऐसा ही चल रहा था, राजीव चाहता था ,कि वह अपनी पूरी बात अवनी के सामने रखें किंतु न तो परिस्थितियां ऐसी थी ना ही वह कहने की स्थिति में था।
और ना ही अवनी पूरी बात सुनने की स्थिति में क्योंकि अवनी गुस्से में राजीव को ही पूरी तरह से दोषी मान रही थी, मयंक से राजीव की हालत देखी नहीं जा रही थी,
उसका तो मन कर रहा था कि अभी के अभी जाकर अवनी से यह पूछे कि आखिर किस गलती की सजा राजीव को मिल रही है, ?एक ओर ठाकुर साहब और अवनी के भाइयों की प्रताड़ना?
तो दूसरी तरफ अवनी का यह एटीट्यूड भरा व्यवहार मयंक सोच लेता है कि ,मैं अवनी को सारी सच्चाई बता कर रहूंगा।
अगर वह सब जानते हुए ऐसा कर रही है, तो यह जरूर पूछूंगा कि तुमने भोले भाले राजीव के साथ प्रेम का नाटक क्यों किया? वह बेचारा तो तुम्हारा नाटक सच मानकर तुम्हारे नाम की माला जपने लगा है , तुमसे पागलों कि तरह प्यार करने लगा,
देर रात तक मयंक राजीव के सोने का इंतजार करता रहता है जैसे ही राजीव सो जाता है, मयंक चुपचाप उसके मोबाइल से नीलम का नंबर ले लेता है।
और उसका मोबाइल वही उसके सिर के पास रख देता है और खुद भी सो जाता है, सुबह राजीव के उठने के पहले मयंक उठकर नहा कर तैयार हो जाता है।
और नीलम के नंबर पर फोन करके नीलम से कहता है कि आज क्लास खत्म होने के बाद अवनी को लेकर मेरे कैंपस की तरफ आना नीलम पूछती है क्या हुआ?
मयंक बोला कुछ नहीं कुछ गलतफहमियां हो गई है, उनको दूर करना है ,क्या आप मेरा साथ देगी ?नीलम ने झट से हां कर दी और पूछा आप बताइए कैसी गलतफहमी हुई?
मयंक ने कहा यह तो आपको वहां आने पर ही पता चलेगा बस आप अवनी जी को लेकर थोड़ा जल्दी ही आइएगा और हां इस बात की खबर राजीव को ना हो ।
नीलम ने कहा क्यों राजीव को तो पता ही होना चाहिए मयंक ने कहा अगर उसे पता चल गया तो वह कभी मुझे ऐसा नहीं करने देगा,
इसलिए आप अवनी जी को भी कुछ नहीं बताइएगा, नीलम ने कहा ठीक है जैसा तुम कह रहे हो वैसा ही मैं करूंगी, सुबह-सुबह मयंक को तैयार देख राजीव ने पूछा मयंक सुबह सुबह कहीं जाना है क्याॽ
मयंक बोला नहीं तो कॉलेज जा रहा हूं, राजीव बोला भाई इतनी सुबह अभी तो यूनिवर्सिटी का गेट भी नहीं खुला होगा,?? मयंक बोला हां वह हमारी एस्ट्रा क्लास है,,,
, इसलिए मैं जा रहा हूं राजीव ने कहा अगर आधा घंटा रुक जाते तो हम भी तुम्हारे साथ चलते मयंक बहाने बनाता हुआ कहता है।
"'अरे नहीं मेरी क्लास छूट जाएगी मैं वैसे ही पहले से लेट हो गया हूं ,राजीव ने कहा नहीं ले जाना चाहते तो मत ले जाओ लेकिन बहाने तो ना बनाओ मयंक सोचने लगा इसको मेरे मन की बात कैसे पता चल जाती है, ??मयंक ने कहा नहीं यार सच में मेरी क्लास है,
मयंक कॉलेज के लिए जल्दी ही निकल जाता है, इधर नीलम अवनी को जल्दी चलने के लिए मनाने में लगी रहती है । अवनी को समझ नहीं आता कि नीलम इतनी जल्दी कालेज जाकर क्या करेगी??
वह बार बार नीलम से पूछती है कि कौन है जिससे मिलने के लिए तुम इतना बेकरार हो, नीलम ने कहा है कोई भी हो मेरे साथ चलकर देख लेना तो अवनी कहती है कि सच में कोई है?
, मुझे भी बताओ उसका नाम नीलम ने कहा मैं कुछ बताने वाली नहीं हूं अभी चलना और मेरे साथ उसको देख लेना और मिल भी लेना अवनी मान जाती है और कहती है ठीक है।
सुबह-सुबह कॉलेज कैंपस में मयंक खड़ा अवनी और नीलम का इंतजार करता रहता है। तभी सामने से अवनी और नीलम आती हुई दिखाई देती है।
कुछ दूर चलने के बाद अवनी ने कहा नीलम देखो यहां मयंक खड़ा होकर किसी का इंतजार कर रहा है ?नीलम ने कहा आगे तो चलो अवनी तेज कदमों से आगे चलने लगी,,
तभी मयंक अवनी और नीलम के पास आता है, दोनों को हेलो बोलता है अवनी हेलो बोल कर चुप हो जाती है, मयंक कहता है मैंने ही आप दोनों को मिलने के लिए बुलाया था ??
अवनी मयंक की ओर देखते हुए पूछती है तुमने पर क्यों ?मयंक बोला क्योंकी मुझसे राजीव की हालत देखी नहीं जाती वह जिस स्थिति में है।
वह मुझसे बर्दाश्त नहीं होता उसे तो अब किसी सहारे की जरूरत है, यह सब सुनकर अवनी कहती है। तुम क्यों ऐसी बहकी बातें करते हो? उसे किसी के सहारे की क्यों जरूरत पड़ने लगी??
मयंक ने कहा -क्योंकि उसका एकमात्र सहारा उसके बापू अब इस दुनिया में नहीं है? इतना सुनते ही अवनी को तो मानो करंट सा लगा, उसने सोचा भी नहीं था कि इतनी बड़ी बात राजीव उसको बताएगा ही नहीं !
यह बात उसे मयंक के मुंह से पता चलेगी अवनी ने कहा यह सब कब हुआ आज??? मयंक बोला आज नहीं के मरने के बाद हफ्ते भर से ज्यादा तो वह गांव में रहकर आया है।
अवनी ने कहा मतलब राजीव के बापू को मरे एक हफ्ते से ज्यादा हो गया मयंक ने कहा हां तभी से दुख के कारण राजीव की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, ।
ऊपर से आप भी ऐसा व्यवहार कर रही है जो वह बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है, अवनी जी आप ही बताइए उस गरीब का सहारा अब कौन है?
कम से कम हमें यह संतोष था कि राजीव को टूटने से आप जरूर बचा लेंगी किंतु ऐसा नहीं हुआ ?माना कि राजीव ने आपका फोन नहीं उठाया किंतु जिस दिन आप उसे लगातार फोन कर रही थी उस दिन उसके बापू की हालत बहुत ज्यादा खराब थी ।
और उसी दिन शाम को उसके बापू खत्म हो गये, तो आप ही बताइए जिसके साथ इतना बड़ा हादसा होगा वह जवाब देने की कंडीशन में कैसे रहेगा??
आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए प्रतिउत्तर 🙏 क्रमशः।।।