कॉलेज में आज फ्रेशर पार्टी थी, कभी-कभी कुछ पल जीवन के रास्ते बदलने के लिए ही बनते हैं
।और हम चाह कर भी उसे मोड़ नहीं पाते इसे नियति कहिए या फिर प्रभु की इच्छा, जो भी हो उस समय हमारा मन मस्तिष्क उसी दिशा की ओर अग्रसर होता है।
और वही कर्य हमे अच्छा नजर आने लगता है । हम अपने पतन की ओर यहीं से अग्रसर हो जाते हैं। समय का चक्र घूमता रहता है
।कभी ऊपर कभी नीचे हमें मौके मिलते हैं जो समझदार होते हैं उसमें से निकल जाते हैं और जो नासमझ होते हैं उसमें फंस कर अपने लिए पतन का द्वार खोल कर बैठ जाते हैं।
फ्रेशर पार्टी की वजह से कॉलेज का माहौल तो मत पूछिए, कोई लड़की बालों में मेहंदी तो कोई चेहरे पर फेस पैक लगा कर घूम रही थी,
नीलम ने भी पूरा चेहरा फेस पैक से ढका हुआ था और दोनों आंखों पर खीरे के टुकड़ों को चिपका कर लेटी थी तभी अवनी जिम खाने से वापस आती है।
अरे! तूने तो मुझे तो मुझे डरा ही दिया नीलम बोली आज 3:00 से फ्रेशर पार्टी है मुझे तो सुंदर दिखना है तभी तो कोई लड़का मेरी ओर देखेगा,???
तू तो वैसे ही सुंदर है इसलिए तुझे यह सब करने की आवश्यकता नहीं है। और हां अभी तो हम पार्लर भी चलेंगे
, ओ हेलो,,,, मैं नहीं जाने वाली कहीं, और किसी को मुझे देखने की जरूरत नहीं है ।कोई अजायबघर थोड़ी ना हूं कि, जो लोग मुझे देखते फिरे,
तुझे जाना है तो अकेली पार्लर जा मै नहीं आऊंगी अवनी ने कहाl उधर मयंक राजीव से बोला यार तेरी तबीयत ठीक नहीं है क्या?
अभी इस समय सो रहे हो! हां यार आज छुट्टी है ना ,इसलिए राजीव ने लापरवाही से कहा, मयंक छुट्टी है या फिर पार्टी है???
तेरे डिपार्टमेंट की ,आज तो मजा ही आने वाला है। क्या मजा आने वाला है। मैं तो जाने वाला ही नहीं हूं ,मयंक आश्चर्य से पर क्यों??
तुम तो जानते हो कॉलेज की क्लास करने में मैं कितने साधारण कपड़ों में जाता हूं क्योंकि मेरे पास ऐसे ही कपड़े हैं पार्टी में तो सब सूट बूट में होंगे।
मैं वहां नहीं जाना चाहता, मयंक इतनी सी बात तू मेरे कपड़े पहन ले दोस्ती में सब चलता है। राजीव बोला नहीं यार! मुझे जाना ही नहीं है ।
मयंक मैं कुछ भी नहीं सुनूंगा तू पार्टी में जाएगा और मैं तेरे साथ चलूंगाl राजीव आश्चर्य से तू कैसे जाएगा मेरे साथ? यार लगता है तूने ठीक से अपना पास भी नहीं देखा,,,,
फ्रेशर पार्टी के एक पास पर दो लोगों की एट्री है। राजीव बोला यार !तुम समझते नहीं मेरा पास ले लो और तुम अकेले ही चले जाओ ।
मैं वहां किसी को जानता नहीं बोर हो जाऊंगा तुम चलोगे तो कंपनी देते रहोगे अब उठ मेरा यह वाला सूट नाप ले, यह मुझे कुछ ढीला है।
मगर तुमको जरूर हो जाएगा ना चाहते हुए भी राजीव मयंक का मन रखने के लिए उठा और सूट नापने लगा,
मयंक अरे वाह !इसे देखकर तो कोई कह ही नहीं सकता कि यह तेरा नहीं है ।राजीव बोला पर मैं तो कह सकता हूं , कि यह मेरा नहीं है ।
मयंक हंस पड़ा 2:00 बजे से ही गर्ल्स हॉस्टल में कहीं इत्र की खुशबू , तो कहीं बाल सुखाने के ड्रायर की आवाज तो कहीं ड्रेस सेलेक्ट करने के लिए पूरी अलमारी सूटकेस पलट दिए गए ??
जबकि पार्टी का एक ड्रेस कोड था ।उसके बावजूद भी लड़कियों ने पूरा कमरा तितर-बितर कर रखा था ।लड़कों के लिए सूट तथा लड़कियों के लिए साड़ी,
ज्यादातर लड़कियों के पास साड़ी नहीं थी । इसलिए एक हफ्ते पहले से ही साड़ी खरीद कर उसकी मैचिंग की इयररिंग्स, चूड़ी बिंदी खरीद कर रख चुकी थी ,
तरह-तरह के डिजाइनर ब्लाउज भी बनवा कर रखे थे बस उन्हें पार्टी के दिन का ही इंतजार था आज वह दिन भी आ गया थाl अवनी नीलम से अब तो मुंह धुल ले हो गई गोरी तू,
आज की फ्रेशर पार्टी में नीलम मिस फ्रेशर तू ही चुनी जाएगी नीलम खुश होकर सच्ची, हां जा मुंह तो धो ले सच्ची में और नीलम मुँह धुलने चली जाती है
। दोनों तैयार होने में जुट जाती हैंl अवनी ने सिल्वर कलर की साड़ी पर छोटे-छोटे लाइट ग्रीन कलर की बूटी वाले ब्लाउज पहने और नीलम ने ब्लू साड़ी और पीछे से काफी बड़े गले का ब्लाउज और खूब सारा मेकअप किया।
अवनी को देखकर नीलम बोली 'यार तू भी कुछ लगा ले' नहीं मैं ऐसी ही ठीक हूं अच्छा हल्की सी लिपस्टिक तो लगा ले, लगा दो लेकिन बहुत हल्की लगाना
नीलम अवनी को लिपस्टिक लगाती हुई बहुत हल्की लगाऊंगी और एक छोटी सी बिंदी उसके माथे पर चिपका दी इस को हटाना नहीं चेहरे को खूबसूरत बना रहा है ।
अवनी ने अपने काले और लंबे बालों की चोटी ना बनाकर उन्हें ऐसे ही खुला छोड़ दिया जो उसकी सुंदरता को और बढ़ा रहे थे।
।बारी-बारी सभी स्टूडेंट कॉलेज कैंपस पहुंचने लगे कालीन बिछी हुई थी हाल बहुत ही सुंदर तरीके से सजाया गया था।
कालीनो के ऊपर फूलों की पंखुड़ियां बिखरी हुई थी। सीनियर लडके तथा लड़कियां तैयारियों में व्यस्त हैं। आज सभी के लिए यह यक्ष प्रश्न था ,कि आज मिस्टर फ्रेशर और मिस फ्रेशर कौन बनेगा ??
क्योंकि जब कोई मिस्टर फ्रेशर और मिस फ्रेशर बन जाता है। तब वह जब तक कॉलेज में रहता है उसकी एक अच्छी खासी इमेज बनी रहती है ।
इसी कारण हर स्टूडेंट का सपना होता है कि वही चुना जाए नियत समय पर बारी-बारी सभी स्टूडेंट पहुंचने लगे मयंक राजीवसे जल्दी तैयार हो जा कपडे प्हन ले और मयंक तैयार होने में व्यस्त हो गया।
राजीव तुरंत उठा और 10 मिनट के अंदर तैयार होकर खड़ा हो गया राजीव बोला मयंक और कितनी देर लगेगी??, बस हो गया राजीव बोला यार मैंने सूट तो पहन लिया अब पैरों में क्या पहनूँगा ??
एक जूता मेरा तू पहन एक मैं पहन लेता हूं राजीव तेरा मेरा पैर बराबर नहीं है तू ट्राई तो कर राजीव ने जूते पहने थोड़े कसे थे लेकिन फिर भी काम चला रहे थे।
राजीव बोला अब चले मयंक हो गया यार ताला बंद कर ले तो चलेंl वहां की सजावट किसी फाइव स्टार होटल से कम न थी सभी लड़कियां तथा लडके थे तो समान स्तर के क्योंकि उनका स्तर उनकी योग्यता ही तो थी किंतु आज उनको देखकर उनके पिता की हैसियत का पता चल रहा था
l कोई लड़की अपने आप को सुंदरता में किसी से कम ना समझ रही थी, भले ही उनका मेकअप उन्हें डरावना बना रहा थाl
किसी ने नाभि के नीचे से साड़ी बांध रखी थी तो किसी ने उससे चार अंगुल और नीचे कोई डिजाइनर गले का ब्लाउज तो किसी किसी का ब्लाउज पीछे एक डोरी के सहारे अटका था
, इसलिए लग रहा था कि बेचारी झुक कर कुछ खाने के लिए नहीं ले रही कि कहीं ऐसा ना हो कि वह भी टूट जाए उधर लड़के सब के सब सूट-बूट में मानो आज ही अफसर बन गये हों ,,
या फिर आज ही उनकी बारात जाने वाली होl कोई किसी से कम ना था सीनियर छात्राओं ने फूल का पतला पतला बुके गेट पर सबको पकड़ाया ,
और उसके बाद सीनियर छात्रों ने उनके ऊपर थोड़ा थोड़ा गुलाब की खुशबू का इत्र का छिड़का माहौल में ऐसी मादकता छाई थी ...,,
लग रहा था हर कोई मदहोश है या एक सपने की दुनिया में हैl सभी ने अंदर प्रवेश किया अंदर का दृश्य किसी उत्तेजना को बढ़ाने से कम ना था ।
गुलाबी और हरी लाइटें बार-बार जल बुझ रही थी जो इनके चेहरों को और भी मादक बना रही थीl तभी अचानक डीजे वाले बाबू मेरा गाना बजा दे!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!