हर किसी के जीवन में परीक्षाएं तो आती जाती रहती है, किन्तु जो इन परिक्षाओं को जो पार कर लेता है ।वहीं सफ़लता प्राप्त करता है,और जो इन्हें नहीं पार कर पाता वह असफल हो जाता है,
सफलता और असफलता के बीच फर्क बहुत छोटा होता है ,किंतु जो फर्क होता है वह फासला पैदा कर देता है ।एक सफल व्यक्ति और एक असफल व्यक्ति में फासले बहुत अधिक होते हैं।
फिर जीवन के किसी भी क्षेत्र की परीक्षा क्यों ना हो। आज अवनी और राजीव की क्लास का परीक्षा फल घोषित होता है, सभी विद्यार्थी अपने अपने रोल नंबर ढूंढने में लगे रहते हैं ।
अवनी भी आती है और आकर अपना रोल नंबर देखने लगती है ,क्योंकिअवनी हमेशा दूसरे स्थान पर रहने के कारण वह उसी स्थान पर अपना रोल नंबर देख रही थी
, उस स्थान पर उसको उसका रोल नंबर नहीं दिखा तो उसके दिल की धड़कने बहुत तेज हो जाती हैं। दिमाग में जाने कौन-कौन से ख्याल आने लगते हैं।
,वह घबरा जाती है, तभी पीछे से नीलम ने कहा अरे वाह इस बार तो तुम ने बाजी मार ली तुम्हारा नाम तो पहले स्थान पर है। और अवनी खुशी से उछल पड़ती है ।
फिर उसके तुरंत बाद वह राजीव का नाम देखने लगती है ,पहले दूसरे तीसरे चौथे नंबर पर पहुंच कर वह रुक जाती है।
चौथे नंबर का राजीव का नाम देखकर अवनी सोच में पड़ जाती है, की यह कैसे संभव हो गया कि मैं पहले स्थान पर आई और राजीव चौथे स्थान पर आया,
जितना प्रयासरत अवनी पहले स्थान पर आने के लिए थी, उतनी खुशी पता नहीं क्यों उसको नहीं हो रही थी ,उसको बार-बार ऐसा लग रहा था, कि कहीं ना कहीं राजीव के चौथे स्थान पर आने की जिम्मेदार मैं तो नहीं ,,,,,
वह मन ही मन अपराध बोध महसूस कर रही थी। तभी उसे राजीव पीछे की लाइन में खड़ा दिखा राजीव को देखकर वह कहती है ,कि तुम्हारा चौथा स्थान है, ।
अवनी देखती है कि राजीव के चेहरे पर कोई भाव नहीं रहता जो भाव एक स्टूडेंट को अपनी मेहनत के पश्चात नहीं मिलने का होता है ,
वह भाव राजीव के चेहरे पर नहीं दिखता, अवनी सोचती है कि इन सब की वजह कहीं मैं तो नहीं ,क्योंकि नीलम जब कहती थी कि राजीव को तुमसे प्रेम हो गया है।
तब मैं उसकी बात अनसुनी कर देती थी, किंतु आज परीक्षा का परिणाम देख कर मुझे तो यकीन हो गया है की राजीव के खराब परिणाम की जिम्मेदार कहीं ना कहीं मैं ही हूं,
फिर अपने मन में कहती है कि कोई बात नहीं मैं राजीव को इस परिस्थिति से बाहर निकाल लूंगी मैं उसे समझाऊगी कि वह हताश ना हो और मेहनत करें ताकि उसका परिणाम अच्छा रहे।
क्योंकि अगर मैं कल को बाबा या भैया से राजीव के विषय में बात करती हूं, तो फिर उसके लिए उसका मुझसे होनहार होना एवं मुझसे आगे होना आवश्यक है।
, राजीव अवनी के पास आता है ,और उसे बधाई देता है, अवनी कहती है ,इस बार तुम्हारा परीक्षाफल इतना खराब कैसे हो गया ??
राजीव ने कहा कि मुझे तो खुशी है कि तुम हमेशा से पहला स्थान पाना चाहती थीं ।और आज तुमने प्रथम स्थान प्राप्त कर लिया ।
अवनी राजीव को देखते हुए कहती है कहीं यह सब तुमने जानबूझकर तो नहीं किया मुझे पहले स्थान पर लाने के लिए खुद पीछे चले गए हो
, राजीव ने कहा अरे!नहीं तुम स्वयं की मेहनत से प्रथम स्थान पर आई हो, इसमे मैंने कुछ नहीं किया, अवनी ने राजीव का हाथ पकड़ा और अपने सिर पर रखा और कहा कि खाओ मेरी कसम ,,,,,
राजीव झट से हाथ छुड़ाकर हटा देता है ,और कहता है मैं कसम नहीं खा सकता अवनी कहती है अगर तुमने ऐसा कुछ किया नहीं तो तुम्हें कसम खाने में क्या दिक्कत है, राजीव बोला मेरी बात का विश्वास करो मैंने ऐसा कुछ नहीं किया,
अवनी बोली फिर तुम्हारे नंबर इतने खराब कैसे आए राजीव ने कहा पता नहीं मुझे क्या हो गया था, कुछ महीने पहले तक मैं किताबे उठाता था, तो मेरे आंखों के सामने बस तुम्हारा ही चेहरा नजर आता था ,
और मैं चाह कर भी नहीं पढ़ पाता था हर समय दिमाग में पता नहीं क्यों तुम ही छाई रहती थी राजीव ने जिस भोलेपन से यह बात बताई अवनी को उससे और अधिक लगाव हो गया,,,
,अवनी ने राजीव से कहा, अब यही स्थिति हमारी हो गई है ,जो उस समय तुम्हारी थी मैं कुछ समझ नहीं पा रही हूं कि क्या करूं?
आज राजीव अपने मन की बात कह कर बहुत हल्का महसूस कर रहा था, उसे लग रहा था जैसे उसके सीने पर कोई बोझ था वह उतर गया हो इतना हल्का पन उसने महसूस किया, पीछे नीलम खड़ी उन दोनों की बातें सुनती रहती है,।
और हंसते हुए कहती है, अरे कोई मेरा रिजल्ट भी देखेगा, दोनों नीलम का रिजल्ट देखने लगते हैं, नीलम छठे स्थान पर थी जैसे ही राजीव ने बताया नीलम खुशी से उछल पड़ी और खुश होकर कहती है।
आज तो पार्टी बनती है ,आज हम लोग जाकर बाहर किसी अच्छे रेस्टोरेंट में पार्टी करेंगे अवनी नीलम से कहती है ,तुम जाना मैं तो नहीं जाऊंगी इस पर नीलम कहती है ।
,कि तुम क्यों नहीं जाओगी ??तुमने प्रथम स्थान प्राप्त किया है चारों सेक्सन में सबसे ज्यादा नंबर तुम्हारा है ,टापर हो भाई तुम्हारे यह सब बहाने नहीं चलेंगे तुम्हें तो पार्टी देनी पड़ेगी
क्योंकि टॉपर तो तुम ही हो, नीलम राजीव की ओर देखते हुए कहती है। अवनी बोली मुझे अपने प्रथम आने की इतनी ज्यादा खुशी नहीं है जितना दुख राजीव के चौथे नंबर पर आने से है, क्योंकि राजीव हमेशा से अव्वल दर्जे का विद्यार्थी रहा है,
वह कभी भी प्रथम स्थान के अतिरिक्त अन्य किसी स्थान पर नहीं आया आज मुझे उसके लिए बहुत दुख हो रहा है, क्योंकि उसके इस नंबर में कहीं ना कहीं मैं भी जिम्मेदार हूं।
राजीव अवनी से कहता है आप अपने आप को क्यों दोष दे रही हैं वह तो मैंने ही ठीक से पढ़ाई नहीं की इसी कारण, अवनी राजीव से कहती है, नहीं ऐसा मैं मान ही नहीं सकती कि तुम्हारे जैसा लड़का इस पोजीशन पर आए,
तुम्हें पता है तुम्हें पीछे करने के लिए मैंने बहुत मेहनत की बहुत प्रयास किया किंतु किसी भी क्लास में मैं तुम्हें पीछे नहीं कर सकी।
फिर इस बार तुम मुझसे इतना पीछे हो गए उसके पीछे भी कारण मैं ही हूं ,नहीं चाहिए मुझे यह प्रथम स्थान मेरा दूसरा स्थान ही मेरे लिए अच्छा था,
यह कहकर अपनी नीलम से कहती है मैं किसी पार्टी में नहीं आऊंगी , नीलम राजीव से कहती है राजीव तुम तो आओगे राजीव ने कहा हां मैं आ जाऊंगा ।
लेकिन मयंक के साथ और अवनी जी भी रहेगी पार्टी में तब इतना कहने पर अवनी राजीव की तरफ थोड़े गुस्से से देखती है। आगे क्या हुआ जानने के लिए पढ़ते रहिए प्रतिउतर 🙏🙏 क्रमशः।।।।।