अब दर्द के एहसास को कहना जरुरी है,
पर ज़िन्दगी में दर्द का होना जरूरी है।
मत रख गिले शिक़वे जहन को ज़ेब ही देंगे,
इन आंसुओं का आँख से बहना जरुरी है।
जो वक़्त से आगे निकल जाने की ज़िद करता,
उस आदमी को वक़्त में रहना जरूरी है।
तुम मुश्किलों से जूझना उम्मीद मत खोना,
सूरत बदलने के लिए लड़ना जरुरी है।
गर है अँधेरी रात तुम मायूस मत होना,
हाँ रौशनी के वास्ते जलना जरुरी है।
यूँ वक़्त की फितरत बदलना है नहीं आसां,
बेजा बयानों का किला ढहना जरुरी है।
है बंद मुठ्ठी सामने टूटा है आईना,
अब सामना सच का हमें करना जरूरी है।