
7 सितम्बर 2015
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संपर्क -- + ९१९५५५५४८२४९ ,मैं अपने विद्यार्थी जीवन से ही साहित्य की विभिन्न गतिविधियों में संलग्न रहा|आगरा वि.वि.से लेखा शास्त्र एवं हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की ,फिल्म निर्देशन व पटकथा लेखन में व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त की |सर्वप्रथम मुंबई को अपना कार्यक्षेत्र बनाया |लेखक-निर्देशक श्री गुलजार के साथ सहायक फिल्म निर्देशक के रूप में कार्य किया|पटकथा लेखन में श्री कमलेश्वर के साथ टी.वी.के लिए कार्य कर दिल्ली वापस लौट आया|तत्पश्चात दिल्ली दूरदर्शन में दूरदर्शन निदेशक डॉ.जॉन चर्चिल,श्री प्रेमचंद्र आर्या के साथ कार्य किया|साथ ही साथ आकाशवाणी आगरा,दिल्ली,नजिवाबाद केन्द्रों से काव्यपाठ एवं नाटक,एकांकी के लिए कार्य किया |२००२ से अपना व्यवसाय करते हुए साहित्यक कार्यक्रमों में मेहमान वक्ता-प्रवक्ता एवं दिग्दर्शक के रूप में स्वतंत्र रूप से सेवारत हूँ । D
नीरज चंदेल जी आपकी प्रतिक्रिया के लिए हृदय से आभार !
21 नवम्बर 2015
बेहतरीन . बहुत खूब .
21 नवम्बर 2015
राघवेन्द्र जी आपका हार्दिक अभिनन्दन !
21 नवम्बर 2015
मेरी उम्मीदों के कातिल, आप ही हैं शर्तियाँ , लो सजा-ए-मौत का, अब फैसला रखता हूँ मैं … गहरी व्यंजना से ओतप्रोत सुन्दर पंक्तियाँ...
21 नवम्बर 2015
नेमानी जी आपका धन्यवाद !
21 अक्टूबर 2015
शर्मा जी शुक्रिया !
21 अक्टूबर 2015
किसने की है रहबरी ,और किसने रहजनी , रास्तों का ,मंजिलों का ,सब पता रखता हूँ मैं । बहुत खूब !
21 अक्टूबर 2015
आप भी समझोगे,पानी की अहमियत एकदिन , प्यास -पानी में बड़ा सा,फासला रखता हूँ मैं..........बहुत खूब !
9 सितम्बर 2015
कौन जाने किस तरह ,वो पेश आयें इसलिए , म्यान से बाहर सदा ,खंजर खुला रखता हूँ मैं । उत्तम प्यास --
7 सितम्बर 2015