
15 जुलाई 2015
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संपर्क -- + ९१९५५५५४८२४९ ,मैं अपने विद्यार्थी जीवन से ही साहित्य की विभिन्न गतिविधियों में संलग्न रहा|आगरा वि.वि.से लेखा शास्त्र एवं हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की ,फिल्म निर्देशन व पटकथा लेखन में व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त की |सर्वप्रथम मुंबई को अपना कार्यक्षेत्र बनाया |लेखक-निर्देशक श्री गुलजार के साथ सहायक फिल्म निर्देशक के रूप में कार्य किया|पटकथा लेखन में श्री कमलेश्वर के साथ टी.वी.के लिए कार्य कर दिल्ली वापस लौट आया|तत्पश्चात दिल्ली दूरदर्शन में दूरदर्शन निदेशक डॉ.जॉन चर्चिल,श्री प्रेमचंद्र आर्या के साथ कार्य किया|साथ ही साथ आकाशवाणी आगरा,दिल्ली,नजिवाबाद केन्द्रों से काव्यपाठ एवं नाटक,एकांकी के लिए कार्य किया |२००२ से अपना व्यवसाय करते हुए साहित्यक कार्यक्रमों में मेहमान वक्ता-प्रवक्ता एवं दिग्दर्शक के रूप में स्वतंत्र रूप से सेवारत हूँ । D
शानदार ग़ज़ल ! आप सभी मित्रों से कहना चाहेंगे कि शब्दनगरी मंच पर रचना प्रकाशित करते हुए यदि आपको किसी भी प्रकार की कठिनाई होती हो तो आप अवश्य बताएं ताकि हमारे शीघ्र आगामी नवीनतम संस्करण हेतु हमें आपके अमूल्य सुझाव प्राप्त हो सकें ! धन्यवाद !
14 जुलाई 2015
'अनुराग'किस दुआ पर ,अब गौर करे ईश्वर , सब अपने-अपने घर का भगवान मंगाते हैं | ... बहुत सुन्दर रचना .. बधाई..
14 जुलाई 2015
har pakti me abhivyakt bhav shandaar hain .badhai swikar karen .
13 जुलाई 2015
अनुराग जी , एक से बढ़कर एक ... पंक्तियाँ ... सब सच में अपना अपना भगवान मांगते है ....
13 जुलाई 2015