
ये चिरागों सा जलता रहेगा,
वक्त हर पल बदलता रहेगा।
तुम अगर साथ दोगे तो अच्छा,
कारवां यूँ ही चलता रहेगा।
दर्द जब हद से आगे बढेगा,
आंसुओं में पिघलता रहेगा।
आइना ही सही सामने रख,
तेरा जी भी बहलता रहेगा।
ज़िन्दगी को नया मोड़ दे दो ,
रास्ता सबको मिलता रहेगा।
अब तो आवाज देकर बुलालो,
क्या अकेले ही घुलता रहेगा।
थाम कर उंगलियाँ साथ हो ले,
बेवजह दिन तो ढलता रहेगा।
इल्म की रौशनी से नहा ले,
रोज सूरज निकलता रहेगा।
छोडकर चल दिए हाशिये पर,
फिर भी 'अनुराग' खिलता रहेगा।