सदा खींच लाई सदा के लिए,
खता भूल बैठे वफ़ा के लिए।
सदा साथ होगी दुआ आपकी,
न भूलेंगें तुमको ख़ुदा के लिए ।
भटक भूल जाये पथिक रास्ता,
पधारोगे क्या तुम दिशा के लिए।
नखत छुप गए हैं घने मेघ कुल,
जलाओगे दीपक निशा के लिए।
कहीं कोई मीरा दिवानी नहीं ,
नहीं श्याम आबो-हवा के लिए।
निभाओगे रिश्ते अगर प्यार से,
बनाओगे अपना सदा के लिए।
जहां एक पल में जिऊँ ज़िन्दगी,
वो पल चाहिए आत्मा के लिए।
ये औलाद पर आशना हो गये,
हुए अजनबी माँ-पिता के लिए।
वही एक जिन्दा था सब मर गये,
अकेला चला'शव'चिता के लिए।
सही सच बता आपकी चाहतें,
जो बिकने लगा सुष्मिता के लिए।
ख्यालों में भी आज मिलता नहीं,
लड़ेगा जो कल अस्मिता के लिए।