मुझे हालात की आंधी उड़ा ले जाएगी,
अगर बांकी बचा दारु-दवा ले जाएगी।
पड़ी हैं हाशिये पे मेरी किस्मत आज भी,
मिलाकर आंसुओं में वो बहा ले जाएगी।
सुना कुछ लोग कहते हैं मुहब्बत रोग है,
बचा इस मर्ज से माँ की दुआ ले जाएगी।
ख़ुशी तुमको मिले तो फूंक दो हस्ती मेरी,
मगर मासूमियत आबो-हवा ले जाएगी।
उठाता हूँ जनाजा ज़िन्दगी का बे-सबब,
तजुर्बा मौत का वो मरहबा ले जाएगी।
अभी चिंगारियों को तुम दबाकर ही रखो,
हवा कल रौशनी का सिलसिला ले जाएगी।
हैं गर्दिश में सितारों की बुलंदी आज-कल,
ये ग़ुरबत ही अदब का जायका ले जाएगी।
सलीके से निभाना प्यार के रिश्ते सनम,
वो शातिर आँख से काजल चुरा ले जाएगी।
बदल जाएगी फितरत भी चलो 'अनुराग'की
कमीने शौक़ जीने की अदा ले जाएगी।
*** अवधेश प्रताप सिंह भदौरिया'अनुराग'***२२/०२/
१७