सफल शक्ति का संवहन करते रहना,
वचन-बद्ध हो आगमन करते रहना ।
समय आपको कल पुरुस्कृति करेगा,
ये शुभ-कर्म चिंतन मनन करते रहना।
अभिव्यक्तियो का प्रबंधन ना करना,
यूं अनुभूति का आचमन करते रहना।
सुनिश्चित करो जीत होगी तुम्हारी,
सदा सत्य का संचलन करते रहना।
प्रयासों की अभि व्यंजन ा तो करो तुम,
सफलताओं का संकलन करते रहना।
समन्दर का मंथन तो करना पड़ेगा,
हैं रत्नों का कुल आंकलन करते रहना।
प्रकाशित ना हो जाये जब तक धरातल,
अंधेरों का तब तक दहन करते रहना।
उतर आएगी फिर से गंगा गगन से,
सदा भागीरथ सा जतन करते रहना।
चलो छोड़ दें रात को जागरण में,
उजालों का तुम निर्वहन करते रहना।
खिलेंगे कमल जब भी कीचड़ बढ़ेगा,
जी वंदन,नमन तुम हवन करते रहना।
जरूरी है'अनुराग'शुभ-कल्पना भी,
नई शब्द-रचना सृजन करते रहना।